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Updated: 25 दिसम्बर, 2015 08:01 PM
नरेंद्र सैनी
नरेंद्र सैनी
  @narender.saini
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बॉलीवुड ऐक्ट्रेस साधना का नाम आते ही, सबसे पहली बात जो ध्यान में आती है, वह है साधना हेयर कट. वही साधना हेयर कट जो उन्हें आर.के नय्यर ने दिया था, और वह भी हॉलीवुड ऐक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न से प्रेरित होकर. नय्यर साहब करने की यह कोशिश साधना की पहचान बन गई, और युवाओं की जान. फिल्म लव इन शिमला (1960) थी. शायद यह बात मुझे उस समय नहीं पता थी, जब मैंने पहली बार कोई 10 साल की उम्र में साधना की फिल्म राजकुमार (1964) देखी थी. 1980 के दशक और दूरदर्शन के उस दौर के बच्चे के लिए यह हेयरस्टाइल कुछ ज्यादा ही मॉडर्न था. वजह, लटों का माथे पर गिरना. वह चेहरा यादों में छा गया.

दूरदर्शन का दौर था, और हफ्ते में एक ही दिन फिल्म आती थी. रविवार का दिन था, और सुबह पता चला कि राजेंद्र कुमार की फिल्म आरजू (1965) आ रही है. मूड ऑफ हो गया क्योंकि हफ्ते में एक फिल्म आती थी, बच्चे थे तो ऐक्शन का इंतजार रहता था. राजेंद्र कुमार के मायने हमारे लिए रोती-पीटती फिल्म हुआ करती थी. शाम को दोस्त के घर फिल्म देखने पहुंचे तो वही चेहरा दिखा. वही साधना कट वाला. बस, बाल मन उसे देखने लगा, और उसके जादू में पूरी फिल्म देख डाली.

उसके बाद उम्र भी बढ़ती गई और साधना की फिल्मों का आंकड़ा भी. मेरा साया (1966), एक फूल दो माली (1969) और आप आए बहार आई (1971) जैसी शानदार फिल्में देखीं. उनके हेयर स्टाइल के साथ उनकी ऐक्टिंग का भी कायल हो गया था, और उनकी जादुई आंखों का भी जो आरजू के दर्द भरे सीन में और भी मारक हो जाती थीं. वो कौन थी (1964) में उनकी आंखें सस्पेंस को गहराने में कहर ढाने का काम करती थीं. पुराने दौर की मेरी पसंदीदा हीरोइनों की फेहरिस्त में वह सबसे ऊपर थीं, और ऐसा लगता था जैसे मेरा साया का यह गाना, 'तू जहां जहां चलेगा, मेरा साया साथ होगा...' मेरे लिए लिखा गया था.

बचपन की इस फेवरिट हीरोइन का हेयर स्टाइल जवानी में गर्लफ्रेंड चुनने के लिए पहली शर्त बन गया था. अक्सर दोस्तों के साथ बैठकर बात होती तो पहला जुमला यही होता कि बंदी का हेयरस्टाइल साधना कट वाला ही होना चाहिए. समय गुजरता चला गया. लेकिन जो बात आज भी मेरे साथ है वह है साधना, उनका हेयरस्टाइल और उनकी आंखों का जादू. आज जब साधना के जाने की खबर मिली तो दिमाग में सबसे पहले उनकी फिल्म राजकुमार के गाने की यही पंक्तियां दिमाग में गूंजीं, 'तुम ने किसी की जान को जाते हुए देखा है/ वो देखो मुझसे रूठकर, मेरी जान जा रही है..'

लेखक

नरेंद्र सैनी नरेंद्र सैनी @narender.saini

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सहायक संपादक हैं.

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