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Updated: 15 फरवरी, 2021 07:18 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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हिंदी सिनेमा में 'स्त्री-विमर्श' अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. इसमें समानांतर सिनेमा की बड़ी भूमिका है. पहले सभ्यता और नैतिकता के नाम पर महिलाओं के अंदर के 'इंसान' को नकारते हुए सिनेमा में उसे सिर्फ आदर्शवादी महिला, ममतामयी मां, बहन और बेटी के रूप में दिखाया जाता रहा है, लेकिन अब स्त्री समस्याओं को उसी तरीके से दिखाने कि कोशिश की जा रही है, जिस तरह सही माने में उनकी समस्याएं हैं. समकालीन सिनेमा ने स्त्री जीवन के उस यथार्थ को उजागर करने कि कोशिश की, जो परदे के अंदर घुटन की तरह थीं. पिछले कुछ वर्षों में ये काम कुछ फिल्म मेकर्स ने बखूबी किया है. उन्होंने साबित किया है कि वे 'लीक नहीं पीटते', बल्कि 'लीक को तोड़ते' हैं; और हां, मनोरंजन के नाम पर नैतिकता का पतन भी नहीं करते हैं.

पहले ज्यादातर पुरुष प्रधान फिल्मों का निर्माण किया जाता था. इसमें महिला कलाकारों की भूमिका प्रेमिका, मां और बहन तक ही सीमित होती थी. प्रेमिका, हीरो से प्यार करने के लिए और मां-बहन खलनायक के हाथों किडनैप होने के लिए हुआ करती थीं. लेकिन समय के साथ सिनेमा बदला. महिलाओं की भूमिका बदली. अब महिला प्रधान फिल्में बनने लगी हैं. बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट भी हो रही हैं. इसी कड़ी में Alt Balaji और Zee5 एक वेब सीरीज रिलीज होने वाली है, जिसका नाम है 'द मैरिड वुमन' (The Married Woman). इसका ट्रेलर रिलीज होते ही, इस पर चर्चा शुरू हो गई है. यह मशहूर लेखिका मंजू कपूर के बेस्टसेलर उपन्यास 'ए मैरिड वुमन' पर आधारित है. इसमें रिधि डोगरा, राहुल वोहरा, नादिरा बब्बर, सुहास आहूजा सहित कई कलाकारों ने काम किया है.

1_650_021521061053.jpgवेब सीरीज मंजू कपूर के बेस्टसेलर उपन्यास 'ए मैरिड वुमन' पर आधारित है.

90 के दशक की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित इस वेब सीरीज की कहानी, एक आदर्श पत्नी, बहू और मां के रूप में आस्था के इर्द-गिर्द घूमती है. इसके पास वह सब कुछ है जो एक महिला अपने विवाह से उम्मीद कर सकती है. एक जिम्मेदार पति, ससुराल और दो बच्चे, फिर भी वह एक इंसान के रूप में खुद को अधूरा महसूस करती है. सामान्य समाज के मानदंडों को तोड़कर वह खुद की खोज के अपने सफर पर निकल जाती है. खुद अपना रास्ता भी ढूंढ लेती है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's day 2021) यानि 8 मार्च को रिलीज हो रही इस वेब सीरीज में एक विवाहित महिला की कहानी और उसकी जीवन यात्रा के बारे में दर्शाया गया है. इसमें एक महिला के भीतर चल रहे उथल-पुथल और अंतर-संघर्ष को बहुत संवेदनशीलता के साथ दिखाया गया है.

'ए मैरिड वुमन' (A Married Woman) उपन्यास पर आधारित इस वेब सीरीज के केंद्र में शादीशुदा आस्था (रिधि डोगरा) की जिंदगी की कहानी है. आस्था दिल्ली की एक मध्यमवर्गीय महिला और पेशे से टीचर है. उसका भरापूरा परिवार है. घर में दो बच्चों और पति के साथ रहती है. सुबह नियमित पूजा-पाठ करने, खाना बनाने, बच्चों को स्कूल भेजने से लेकर देर रात परिवार की सेवा में लगी रहती है. इसी बीच उसकी मुलाकात पीप्लिका खान (मोनिका डागर) से होती है. दोनों विपरीत स्वभाव ओर परिस्थिति की हैं. लेकिन एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाती हैं. एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाती हैं. एक-दूसरे के जीवन का केंद्र बन जाती हैं. आस्था जहां शादीशुदा और बाल-बच्चे वाली है, वहीं पीप्लिका बैचलर और बिंदास. एक तरफ इन दोनों महिलाओं के रिश्ते की शुरूआत होती है, तो दूसरी तरफ देश-समाज में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. उस वक्त बाबरी मस्जिद विध्वंस केस की वजह से पूरे देश में राजनीतिक और धार्मिक माहौल गरम था. ऐसे में आस्था और पीप्लिका के रिश्तों की कहानी को दर्शाया गया है.

प्रोड्यूसर एकता कपूर का कहना है, 'देखिए, मैं यह नहीं कहूंगी कि हमारी वेब सारीज मंजू कपूर के नॉवेल 'ए मैरिड वुमन' का सटीक एडाप्टेशन है. किसी भी किताब का जब सीधे रूप से एडाप्टेशन किया जाता है, तो यह डाउटफुल होता है. हमने इस किताब से कहानी ली है. इसका सार खोए बिना इसे अपना बनाया है. मुझे आशा है कि लोग इसे पसंद करेंगे. मुझे यह किताब बहुत पसंद आई, लेकिन ऐसा कोई तरीका नहीं था जिससे कि मैं इसे एक शो में तब्दील कर सकूं. इसलिए मैंने एक माध्यम की प्रतीक्षा की, जहां लोग कंटेंट चुन सकें. प्यार क्या है? एक सवाल हम अक्सर खुद से पूछते हैं, जब तक हम किसी इंसान से नहीं मिलते. परिवार में उलझी आस्था को आखिरकार प्यार हो जाता है. उसको इस बात का ऐहसास होता है कि एक लड़की उसकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है. इस लड़की के आने से आस्था अपनी जिंदगी को खुलकर जीना शुरू करती है. इसी बीच उसके परिवार को यह सब पता चल जाता है. परिवार की नाराजगी के बीच आस्था कैसे इन मुश्किलों का सामना करेगी इसी कहानी को दिखाया गया है.'

आस्था का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस रिधि डोगरा ने बताया, 'एक कलाकार के रूप में आप किसी भी मीडियम में काम कर सकते हैं. मैंने जैसा टीवी के लिए काम किया, वैसा ही डिजिटल के लिए काम करने में सहज महसूस करती हूं. द मैरिड वुमन की शूटिंग के दौरान हम सभी एक साथ बैठते, चर्चा करते और फिर आगे काम करते थे. मैंने इसके लिए अपना सौ फीसदी दिया है. जहां तक मेरे किरदार की बात है, तो आस्था एक कामकाजी महिला है. एक गृहिणी है. वह बच्चों के साथ-साथ अपने परिवार के हर सदस्य की देखभाल करती है. मैंने इस रोल के लिए होमवर्क किया था. ऐसी महिलाओं के जीवन का सूक्ष्म निरीक्षण किया था. इसके बाद मेरे लिए यह रोल करना बहुत आसान हो गया. क्योंकि शूटिंग के वक्त मेरे मन-मस्तिष्क में आस्था जैसी कई महिलाएं घूमती रहती थीं. उनका जीवन मेरे सामने होता था.'

बताते चलें कि भारत में समलैंगिकता अब अपराध नहीं रह गया है. सुप्रीम कोर्ट धारा 377 को रद्द कर चुका है. कानून के खात्मे के साथ ही समलैंगिको को खुलकर जीने का अधिकार मिल गया है. वैसे कोर्ट को समलैंगिको की भावनाओं को समझने में भले ही वक्त लगा हो, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में बहुत पहले ही इसको सामने लाने का काम शुरू हो गया था. हां, वो बात और है कि जब-जब ये प्रयास किए गए, तब-तब उसका विरोध हुआ, खूब हल्ला हुआ. कई फिल्में ऐसी रहीं जिसमें समलैंगिक रिश्तों को बहुत खुलकर दिखाया गया. उनके संघर्षों को दिखाया गया. मकसद हमेशा यही रहा कि समाज इन रिशतों को स्वीकार कर सके. हिंदी सिनेमा से पहले ही क्षेत्रीय सिनेमा ने इस विषय पर काम करना शुरू कर दिया था. साल 1978 में रिलीज हुई मलयाली फिल्म रांडू पेनकुट्टीकल के जरिए इस मुद्दे को दिखाया गया था. साल 1998 में रिलीज हुई फिल्म फायर ने भारतीय सिनेमा को एक नया मोड़ दिया. इसको दीपा मेहता द्वारा निर्देशित किया गया था. अब 'द मैरिड वुमन' की बारी है.

The Married Woman Official Trailer...

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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