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Updated: 18 अक्टूबर, 2021 01:12 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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बॉलीवुड में हमेशा से ही फॉर्मूला बेस्ड फिल्में बनाने का चलन रहा है. जिस दौर में जिस जॉनर और एक्टर की फिल्में हिट होती है, उसी तरह की फिल्मों पर इंडस्ट्री के लोग पैसा लगाते हैं. यही वजह है कि फिल्म बनाने के लिए प्रोड्यूसर सबसे पहले हिट फिल्में देने वाले एक्टर-एक्ट्रेस की तलाश करते हैं. उसके बाद समय की मांग और दर्शकों की पसंद को देखते हुए फिल्म की कहानी गढ़ी जाती है. फिल्म 'रश्मि रॉकेट' में भी कुछ ऐसा ही है. फिल्म के प्रोड्यूसर रॉनी स्क्रूवाला, नेहा आनंद और प्रांजल खंडड़िया ने स्पोर्ट्स जॉनर की फिल्म में कोर्टरूम ड्रामे की कहानी के साथ तापसी पन्नू की बेहतरीन अदाकारी का ऐसा तड़का लगाया है, जिसे कोई नकार नहीं पाएगा.

आइए सबसे पहले आपको फिल्म 'रश्मि रॉकेट' में इस्तेमाल किए गए फॉर्मूले के बारे में बताते हैं. सभी जानते हैं कि तापसी पन्नू की अभी तक रिलीज तीन स्पोर्ट्स-ड्रामा फिल्में 'सूरमा', 'मनमर्जियां' और 'सांड की आंख' को दर्शकों ने खूब पसंद किया है. इतना ही नहीं तीनों फिल्मों का बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस भी बेहतरीन रहा है. फिल्म 'सूरमा' ने 48 करोड़, 'मनमर्जियां' ने 41 करोड़ और 'सांड की आंख' ने 31 करोड़ रुपए की कमाई की है, जो उनकी लागत से बहुत अधिक है. इसी तरह कोर्टरूम ड्रामा पर आधारित फिल्मों के नाम भी तापसी का बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड बहुत अच्छा है. उनकी फिल्म 'पिंक', 'मुल्क', 'थप्पड़' और 'बदला', इन सभी फिल्मों में कोर्टरूम ड्रामा को दिलचस्प तरीके से पेश किया गया है, जिसे दर्शकों ने बहुत सराहा है. अब फिल्म 'रश्मि रॉकेट' में स्पोर्ट्स ड्रामा, कोर्टरूम ड्रामा और तापसी पन्नू तीनों को एक साथ देख सकते हैं.

rashmi_650_101621012141.jpgजी5 पर स्ट्रीम हो रही तापसी पन्नू की फिल्म 'रश्मि रॉकेट' में बाजी मार ले गए अभिषेक बनर्जी.

फिल्म 'रश्मि रॉकेट' को दो हिस्से में बांट कर देखा जाए, तो फर्स्ट हॉफ में कस्बे की एक लड़की को नेशनल लेवल का एथलीट बनते दिखाया गया है. दूसरे हॉफ में उस नेशनल एथलीट के सम्मान के लिए एक वकील को लड़ते हुए दिखाया गया है. फिल्म के पहले हिस्से में तापसी छाई रही हैं, तो दूसरे हिस्से में अभिषेक बनर्जी ने अपनी दमदार एक्टिंग से हर किसी को हैरान कर दिया है. अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज 'मिर्जापुर' के मुन्ना भइया के जिगरी दोस्त 'कम्पाउंडर' के किरदार में उनको देखने के बाद इतना तो समझ आ गया था कि अभिषेक लंबी रेस के घोड़े हैं, लेकिन तापसी पन्नू जैसी एक्ट्रेस, जो कि अपनी फिल्मों की निर्विवाद हीरो होती हैं, के सामने बाजी मार ले जाएंगे, ये नहीं पता था. अभिषेक ने क्या कमाल का अभिनय किया है. उनकी सधी हुई बॉडी लैंग्वेज, गजब की डायलॉग डिलविरी ने चार चांद लगा दिया है.

Rashmi Rocket Movie की कहानी

फिल्म 'रश्मि रॉकेट' गुजरात के कच्छ में पैदा हुई एक लड़की रश्मि वीरा (तापसी पन्नू) की सच्ची कहानी पर आधारित है. रश्मी बचपन से ही तेज है. वो लड़कों के कपड़े पहनती है. लड़कों के साथ खेलती है. उनके साथ मारपीट करती है. लेकिन हमेशा रेस में अव्वल आती है. उसकी तेजी देखकर उसके पिता (मनोज जोशी) उसे 'रॉकेट' कहकर बुलाते हैं. लेकिन एक दौड़ प्रतियोगिता के दौरान भूकंप आ जाता है और छत गिरने से उसके पिता की मौत हो जाती है. इस वजह से रश्मी दौड़ना छोड़ देती है. बड़े होकर टूर गाइड का काम करने लगती है. इसी दौरान उसकी मुलाकात आर्मी अफसरों और जवानों से होती है. एक घटना में वो एक जवान की जान बचाती है, जिसके लिए उसे दौड़ना पड़ता है. उसकी दौड़ देखकर आर्मी का एक अफसर उसकी छुपी प्रतिभा को समझ जाता है और उसे बड़े स्तर के प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करता है.

आर्मी अफसर (प्रियांशु पैनयुली) की कोशिश की वजह से रश्मि प्रतियोगिता के लिए तैयार हो जाती है. उसका नैसर्गिक खेल इतना शानदार होता है कि वो देखते ही देखते स्टेट से लेकर नेशनल लेवल तक कई रेस जीत लेती है. इसके बाद उसका सेलेक्शन नेशनल एथलीट टीम में हो जाता है. वहां उसे कई तरह से परेशान करने की कोशिश की जाती है, लेकिन रश्मि उनकी परवाह किए बगैर एशियन गेम्स में तीन मेडल लेकर आती है. लेकिन कहते हैं ना सफलता के यदि सौ साझीदार होते हैं तो दुश्मन भी कम नहीं होते. कामयाबी के इसी मुकाम पर रश्मि नेशनल एथलेटिक्स एसोसिएशन के एक मेंबर की साजिश की शिकार हो जाती है. उनकी वजह से उसका जबरन जेंडर टेस्ट कराया जाता है. उसके बाद रश्मि के शरीर में टेस्टेस्टोरॉन तय मात्रा से अधिक होने की बात कहकर उस पर बैन लगा दिया जाता है. कहा जाता है कि वो महिला से ज्यादा पुरुष है.

रश्मि की तो सारी दुनिया जैसे खत्म हो जाती है. मीडिया से लेकर उसके अपने गांव तक के लोग उसके बारे में उल्टी-सीधी बातें करते हैं. इन सबसे हारकर रश्मि घर बैठ जाती है. लेकिन एक वकील इशित मेहता (अभिषेक बनर्जी) की एंट्री होती है, जो रश्मि के लिए हाईकोर्ट में केस लड़ना चाहता है. लेकिन वो तैयार नहीं होती. करीब चार महीने बाद रश्मि को लगता है कि उसे एसोसिएशन के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए. इसके बाद इशित मेहता उसकी तरफ से केस फाइल करता है. इसके बाद एक लंबे बहस, तमाम सबूतों और गवाहों की पेशी के बाद कोर्ट का जजमेंट आता है, जिसमें रश्मि की जीत होती है. वो प्रेग्नेंट होते हुए भी अगली रेस में दौड़ने के लिए तैयार होती है. इस तरह तमाम समस्याओं से लड़ने के साथ रश्मि महिला सशक्तिकरण का अनुपम उदाहरण पेश करती है, जिसकी आज के दौर में भी जरूरत है.

Rashmi Rocket Movie की समीक्षा

तापसी पन्नी की फिल्मों की फेहरिस्त उठाकर देख लीजिए, उनकी हर फिल्म में दो चीज जरूर होती है. पहली, शानदार कहानी के साथ मजबूत सामाजिक संदेश और दूसरी उनकी दमदार परफॉर्मेंस. यूं तो तापसी अकेले ही किसी फिल्म को अपने कंधों पर ले जाने का मादा रखती है, लेकिन उनकी हर फिल्म में कोई न कोई एक किरदार जरूर होता है, जो मजबूती से उनका सपोर्ट करता है. इस फिल्म में तापसी को देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि वो वास्तविक रश्मि नहीं हैं. उन्होंने बॉडी लैंग्वेज के साथ ही बॉडी स्ट्रक्चर भी वैसा ही काम किया है, जैसा कि एक एथलीट का होता है. वो जब दौड़ती हैं, तो मानो उनकी फड़फड़ाती हुई नसें शरीर से बाहर झांकने के लिए व्याकुल हो जाती हैं. उनकी रनिंग स्टाइल भी एक नेशनल एथलीट के जैसी दिखती है, जो इस बात का सबूत है कि फिल्म की शूटिंग से पहले पर्याप्त ट्रेनिंग ली गई है.

फिल्म 'रश्मि रॉकेट' में तापसी के बाद दूसरे सबसे अहम किरदार लगते है अभिषेक बनर्जी, जिनके बारे में पहले ही बता दिया गया है. कभी कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में फिल्म इंडस्ट्री के लिए काम करने वाले अभिषेक खुद एक उम्दा अभिनेता भी होंगे, ये शायद उनको भी पता नहीं होगा. लेकिन मिर्जापुर और पाताललोक जैसी वेब सीरीज के जरिए उन्होंने साबित किया है कि वो एक बेहतरीन अभिनेता हैं. फिल्म रश्मि रॉकेट के बाद उनके करियर को एक नया मुकाम मिलना तय है. रश्मि के प्रेमी और पति के किरदार में प्रियांशु पैनयुली ने भी अच्छा काम किया है. प्रियांशु को वेब सीरीज मिर्जापुर 2 में रॉबिन के किरदार में देखा जा चुका है, जो गुड्डु भइया की बहन के प्यार में पागल होता है. इसके अलावा सुप्रिया पिलगांवकर, सुप्रिया पाठक, मनोज जोशी और श्वेता त्रिपाठी ने अपने-अपने हिस्से का काम बेहतरीन तरीके से किया है. 

यह फ़िल्म नंदा पेरियासामी की कहानी पर आधारित है. इसकी पटकथा नंदा पेरियासामी, अनिरुद्ध गुहा और कनिका ढिल्लों ने मिलकर लिखी है. कनिका इससे पहले फिल्म 'हसीन दिलरूबा' भी लिख चुकी हैं. फिल्म की पटकथा टीम की मेहनत हर जगह दिखती है. काफी रिसर्च वर्क दिखता है. जहां तक निर्देशन की बात है, तो उसके बिना कोई भी फिल्म बेहतर नहीं हो सकती. ऐसे में जाहिर सी बात है कि आकर्ष खुराना ने अपना काम ठीक ही किया है. वो इससे पहले कारवां, हाईजैक और ये मेरी फैमिली जैसी फिल्में निर्देशित कर चुके हैं. लेकिन फिल्म कारवां के बाद रश्मि रॉकेट की सफलता उनको नए लेवल पर ले जाएगी. कुल मिलाकर फिल्म 'रश्मि रॉकेट' एक बेहतरीन फिल्म है. इसे तापसी पन्नू के साथ ही अभिषेक बनर्जी के बेहतरीन अभिनय और एक शानदार कसी हुई दिलचस्प कहानी के लिए जरूर देखा जाना चाहिए. अंत में फिल्म का एक डायलॉग लिखना चाहूंगा, ''हार जीत परिणाम है, कोशिश हमारा काम है.'' इसलिए जीवन में कभी निराश मत होइए. मेहनत करते रहिए. सफलता जरूर मिलेगी.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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