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Updated: 09 मई, 2021 01:22 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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पिछले साल कोरोना की पहली लहर को देखते हुए पूरे देश में लगे लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर रामानंद सागर कृत 'रामायण' का प्रसारण किया गया था. 80 के दशक में कल्ट स्टेटस हासिल कर चुके इस पौराणिक शो ने वर्तमान में भी छोटे पर पर्दे पर टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इस एक शो की वजह से कभी टॉप 10 में भी जगह नहीं बना पाने वाला सरकारी चैनल दूरदर्शन देखते ही देखते नंबर एक पर पहुंच गया. रामायण की इसी लोकप्रियता को भुनाने के लिए निर्माता-निर्देशक कुणाल कोहली वेब सीरीज 'रामयुग' लेकर आए हैं. इस माइथोलॉजिकल शो को 6 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर रिलीज कर दिया गया है.

वेब सीरीज 'रामयुग' की कहानी वाल्मीकि रामायण पर ही आधारित है, लेकिन तकनीक के सहारे इसे अत्यंत आधुनिक बनाया गया है. कुणाल कोहली निर्देशित इस वेब सीरीज में भगवान राम की कहानी दिखाई गई है, जिसे अलग अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की गई है. इसमें दिगंत मनचले, अक्षय डोगरा, ऐश्वर्या ओझा, कबीर दुहन सिंह, विवान भाटेना, नवदीप पल्लापोलु, अनीश जॉन कोक्कन, शिशिर मोहम शर्मा, जतिन सियाल और श्वेता गुलाटी जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई है. टिस्का चोपड़ा और अनूप सोनी भी अहम रोल में नजर आने वाले हैं. रामायण की पुरानी कहानी को नए कलाकारों के साथ नए कलेवर में पेश किया गया है.

ramyug_050921121220.jpgकुणाल कोहली ने रामायण की कथा पर फ़िल्म बनाने का ऐलान साल 2018 में ही कर दिया था.

रामायण की चर्चा होते ही सबसे पहले जहन में राम, लक्षमण, सीता, रावण और हनुमान जैसे प्रमुख कलाकारों का नाम कौंधता है. रामानंद सागर की रामायण में तो राम का किरदार अरुण गोविल ने निभाया था, जबकि सीता के रोल में दीपिका चिखलिया थीं. वहीं, सुनील लहरी ने लक्ष्मण और अरविंद त्रिवेदी ने रावण का किरदार निभाया था. दारा सिंह हनुमान के रोल में थे. इन सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को जबरदस्त अभिनय की बदौलत अमर कर दिया. कुणाल कोहली के 'रामयुग' में राम के रोल में दिगंत मनचले और सीता के रोल में ऐश्वर्य ओझा हैं. वहीं, कबीर दुहान सिंह रावण के किरदार में नजर आने वाले हैं. दलीप ताहिल कहानी के सूत्रधार हैं.

फिल्म 'फना', 'हम तुम' और 'मुझसे दोस्ती करोगे' जैसी सुपर हिट फिल्में बनाने वाले कुणाल कोहली ने रामायण की कथा पर फ़िल्म बनाने का ऐलान साल 2018 में ही कर दिया था. उस वक्त कोरोना का दूर-दूर तक कहीं नामलेवा नहीं था. 'रामयुग' कुणाल कोहली का ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसे वो नई तकनीक के सहारे भव्य और आधुनिक बनाना चाहते थे. उसी तरह फिल्म की शूटिंग भी की गई. मॉरिशस के सुंदर और शानदार लोकेशन पर सीन फिल्माए गए. लेकिन इसका बड़ा पक्ष तकनीकी पर ही निर्भर था, जो वीएफएक्स, एडिटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन पर आधारित था. लेकिन कोरोना की वजह से एक फिल्म को वेब सीरीज बनाने के चक्कर में कुणाल मात खा गए.

आपने संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास देखी होगी, इसमें शाहरुख खान ने देवदास की भूमिका निभाई है. उनसे पहले महान अभिनेता दिलीप कुमार भी देवदास फिल्म कर चुके हैं. देवदास की कहानी के लेखक शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय हैं. इसी पर आधारित एक फिल्म 'देव-डी' अनुराग कश्यप ने भी बनाई है, जिसमें अभय देओल देवदास जैसे रोल में नजर आए. भंसाली की फिल्म देवदास और अनुराग की देव-डी में जो अंतर आप देखते हैं, वही अंतर रामानंद सागर के रामायण और कुणाल कोहली के रामयुग में है. यदि आपने फिल्म देवदास और देव-डी नहीं देखी है, तो लगे हाथ इन दोनों को जरूर देख लीजिए. लॉकडाउन में बेहतर मनोरंजन हो जाएगा.

वेब सीरीज 'रामयुग' का रिव्यू

जैसा कि हमने पहले ही बताया कि इस वेब सीरीज की कहानी तो पुरानी ही है, लेकिन इसका ट्रीटमेंट नया है, जो पूरी तरह तकनीकी पहलुओं में निहित है. रामयुग का फिल्मांकन अच्छा किया गया है. हर फ्रेम को खूबसूरती और भव्यता के साथ दिखाया गया है. राहुल शर्मा का संगीत इस वेब सीरीज का प्रमुख आकर्षण है. बैकग्राउंड स्कोर, गाने और उनके बोल में भक्ति और आध्यात्मिकता का समावेश है, जो रामायण के सार को पकड़ती है. अब्बास अली मोघुल ने एक्शन दृश्यों को अच्छी तरह से कोरियोग्राफ किया है, हालांकि वो बाहुबली जैसी फिल्मों के हैंगओवर से बाहर नहीं निकल पाए हैं. वीएफएक्स पर ल्यूसन रियलिटी स्टूडियोज ने अच्छा काम किया है.

नए कलाकार, लेकिन शानदार अभिनय

प्रियंका रैना का प्रोडक्शन डिजाइन भी बहुत साफ-सुथरा है. जहां तक कलाकारों के प्रदर्शन की बात है, तो राम और सीता के रोल में दिगंत मनचले और ऐश्वर्य ओझा ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. कैकेयी के रोल में टिस्का चोपड़ा बहुत कम समय पर्दे पर दिखती हैं, लेकिन उन्होंने शानदार अभिनय किया है. दशरथ बने शिशिर शर्मा और कौशल्या बनीं सुपर्णा मारवाह ने भी असर छोड़ा है. हनुमान बने विवान भटेना ने जबरदस्त काम किया है. उन्होंने अपने अभिनय के दम पर पूरी वेब सीरीज में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है. मंदोदरी के रोल में ममता वर्मा निखर कर सामने आई हैं. उन्होंने हर इमोशन को बेहतरीन तरीके से पेश किया है.

कमजोर स्क्रिप्ट, डायलॉग और एडिटिंग

इन सबके बावजूद स्क्रिप्ट, डायलॉग और एडिटिंग इस वेब सीरीज का सबसे कमजोर पहलू है. इसका हर एपिसोड बहुत लंबा है. दर्शको में रुचि पैदा करने में समय लेता है. रामायण के कुछ छोटे किस्सों को शामिल करके इस समय का सदुपयोग किया जा सकता था. कई एपिसोड में लंबे-लंबे उपदेशात्मक दृश्य हैं. भगवान राम के रूप में दिगंत मनचले भक्ति, कर्तव्य, धर्म और समय पर उपदेश देते नजर आते हैं. ये सब आज के युवाओं को कितना पसंद आएगा, आने वाला वक्त ही बताएगा. कुणाल कोहली विषय पर बेहतर पकड़ बनाकर इसे क्रिस्पर बना सकते थे. रावण के रोल में कबीर दूहन सिंह का किरदार सहज नहीं लगता. फिल्मी ज्यादा लगता है.

एक बार देखनी चाहिए कुणाल की 'रामयुग'

कुल मिलाकर कुणाल कोहली की 'रामयुग' एक अच्छी वेब सीरीज कही जा सकती है. लेकिन राइटिंग, एडिटिंग और स्क्रीनप्ले विभाग में कमी है. क्लाइमेक्स को काफी आधुनिक बनाया गया है. प्रोडक्शन क्वालिटी और वीएफएक्स को देखते हुए, लगता है कि युवाओं को ये वेब सीरीज पसंद आएगी. वैसे अधिकतर राज्यों में इस वक्त लॉकडाउन है. उपर से ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर फिल्म या वेब सीरीज फ्री में देखी जा सकती है. ऐसे में आप अपने परिवार के साथ इस वेब सीरीज को एक बार जरूर देख सकते हैं. पुरानी रामायण देख चुके लोगों को तो कम पसंद आएगी, लेकिन पहली बार इस कहानी को देख रहे दर्शकों को आनंद आ जाएगा.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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