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Updated: 28 जून, 2022 08:20 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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बॉलीवुड में दो तरह से रीमेक फिल्में बनाई जाती हैं. पहली, जिनका रीमेक ऑफिसियल होता है यानी फिल्म मेकर्स ऐलान करके किसी अन्य भाषा की फिल्म का हिंदी रीमेक करते हैं. दूसरी, चुपके से किसी फिल्म को कॉपी करके अपने हिसाब से जोड़-तोड़ करके नया बनाने की कोशिश की जाती है. पहले में कानूनी खतरा कम होता है, दूसरे में कई बार बॉलीवुड के मेकर्स कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस जाते हैं. दूसरा फॉर्मूला उस जमाने में ज्यादा हिट था, जब डिजिटल मीडियम का बोलबाला नहीं था. लोग फिल्मों के लिए थियेटर के भरोसे बैठे रहते थे. मनोरंजन के नाम पर उनके सामने जो भी परोसा जाता, वो उसे स्वीकार कर लेते थे. लेकिन अब जमाना बदल गया है. एक क्लिक में लोग पता कर लेते हैं कि कौन सी फिल्म किससे कॉपी की गई है. इसी तरह की एक कॉपी फिल्म 7 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है, जिसका नाम 'फोन भूत' है.

फिल्म 'फोन भूत' का नया पोस्टर जारी कर दिया गया है. इसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ, एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर नजर आ रहे हैं. गुरमीत सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म को रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर ने प्रोड्यूस किया है. फिल्म को हॉरर-कॉमेडी बताया जा रहा है, जो कि हॉलीवुड फिल्म 'फोन बूथ' से प्रेरित बताई जा रही है. हालांकि, फिल्म के मेकर्स ने ऑफिसियली अभी तक ये स्वीकार नहीं किया है कि ये रीमेक फिल्म है, लेकिन फिल्म का टाइटल, कहानी और स्टारकास्ट को देखने के बाद यकीन हो जाता है. 'फोन बूथ' एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है, जिसे साल 2002 में रिलीज किया गया था. इसका निर्देशन जोएल शूमाकर ने किया था. फिल्म में कॉलिन फैरेल, फॉरेस्ट व्हिटेकर, केटी होम्स, राधा मिशेल और कीफर सदरलैंड अहम रोल में हैं. इसने अमेरिकन बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की थी.

untitled-1-650_062822051055.jpgफिल्म 'फोन भूत' में कैटरीना कैफ, सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर लीड रोल में हैं.

हॉलीवुड फिल्म 'फोन बूथ' की कहानी ऐसे शख्स के ईर्द-गिर्द घूमती है, जो कि अपनी बीवी के पीछे एक दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध में होता है. वो अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने के लिए एक फोन बूथ का इस्तेमाल करता है, ताकि उसकी बीवी को उसके अफेयर के बारे में पता न चल पाए. एक दिन वो हमेशा की तरह फोन बूथ में बात कर रहा होता है. उसी वक्त एक पिज्जा डिलविरी ब्वॉय बूथ का दरवाजा खटखटाकर उसे बाहर आने के लिए बोलता है. वो जैसे ही बाहर आना चाहता है, बूथ में लगे फोन की घंटी बज जाती है. वो शख्स कॉल उठा लेता. उधर से आवाज आती है कि यदि उसने उसकी बात नहीं मानी तो वो उसकी बीवी को उसके अफेयर के बारे में बता देगा. इसके बाद कॉलर उसे सबके सामने उसके जीवन की गलतियां बताने के लिए मजबूर करता है. इतना ही नहीं उसकी गर्लफ्रेंड और बीवी को वहां बुलाकर उनमें से किसी एक को चुनने के लिए कहता है. इस तरह सबके सामने वो शख्स अपने गुनाह स्वीकार कर लेता है. तभी पुलिस मौका देखकर उस शख्स को बचा लेती है. कॉलर भी पकड़ा जाता है.

फिल्म 'फोन बूथ' की सफलता को देखते हुए बॉलीवुड प्रोड्यूसर सोहेल मक्लई और निर्देशक मणिशंकर ने एक फिल्म 'नॉक आउट' बनाई थी. साल 2010 में रिलीज हुई ये फिल्म ऑफिसियल रीमेक तो नहीं थी, लेकिन कहानी पूरी तरह से कॉपी की गई थी. इस फिल्म में बॉलीवुड के संजय दत्त, इरफान खान और कंगना रनौत लीड रोल में थे. इसमें इरफान खान का किरदार बच्चूभाई एक फोन बूथ पर अक्सर कॉल करने आया करता है. एक दिन उसे दूसरी तरफ से कॉल आ जाती है. कॉलर कहता है कि उसे चारों तरफ से घेर लिया गया है. यदि उसने बूथ छोड़ने की कोशिश की तो उसे मार दिया जाएगा. तभी एक शख्स बूथ पर आता है, जिसे मार भी दिया जाता है. इसे देखकर बच्चू डर जाता है, जो कि एक भ्रष्ट नेता का पार्टनर होता है. दोनों ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया होता है. कॉलर बच्चू को मीडिया के सामने अपने गुनाह स्वीकार करने के लिए कहता है. बच्चू सबके सामने सच बता देता है. उसी वक्त पुलिस आ जाती है. बच्चू को गिरफ्तार कर लेती है. बाद में पता चलता है कि कॉलर सीबीआई अफसर है.

फिल्म 'नॉक आउट' की कहानी के हॉलीवुड फिल्म 'फोन बूथ' से पूरी तरह मैच होने के बाद भी इसके मेकर्स का मानना था कि उन्होंने नई कहानी लिखी है. लेकिन हॉलीवुड प्रोडक्शन कंपनी 20th सेंचुरी फॉक्स ने उनके खिलाफ कॉपी राइट का केस कर दिया. साल 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट में केस चला, जिसके बाद चोरी पकड़ी गई और 'नॉक आउट' के मेकर्स को हर्जाना देना पड़ा था. इतना ही नहीं बड़ी स्टारकास्ट होने के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही थी. इस फिल्म को बनाने में 30 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, लेकिन फिल्म कमाई 6.2 करोड़ रुपए हुई थी. इसलिए कहा जाता है कि नकल के लिए अकल का इस्तेमाल जरूरी होता है. रीमेक फिल्म सफलता की गारंटी भले ही होती हैं, लेकिन यदि एडेप्टेशन भारतीय पृष्ठभूमि के हिसाब से नहीं हुआ तो फिल्म फ्लॉप ही समझिए. अब देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म 'फोन भूत' का क्या होता है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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