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Updated: 01 नवम्बर, 2020 03:02 PM
मशाहिद अब्बास
मशाहिद अब्बास
 
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मिर्ज़ापुर वेब सिरीज़ (Mirzapur Web Series) के चाहने वालों को निराश न करते हुए मिर्ज़ापुर की टीम (Team Mirzapur) ने शानदार तरीके से सीरीज़ का दूसरा भाग (Mirzapur Season 2) पूरे 10 एपिसोड के साथ उतार दिया है. मिर्ज़ापुर वेब सिरीज़ को पसंद करने वाले लोगों के लिए ये बेहद खुशी का लम्हा था कि उनको इस बार पूरे 10 एपिसोड देखने को मिलेगा. हालांकि पूरे ऐपिसोड देखने के बाद मिर्ज़ापुर के फैंस और उलझ गए हैं और जल्द ही तीसरे पार्ट (Mirzapur Season 3) की मांग कर रहे हैं. दरअसल वेब सिरीज़ में पूरा खेल मिर्ज़ापुर की गद्दी का है और इस गद्दी पर हर कोई गुड्डू पंडित को विराजमान होते हुए ही देखना चाहता है लेकिन वेब सिरीज़ की कहानी बेहद घुमावदार और सिर घुमा देने वाली है. मिर्ज़ापुर के दूसरे भाग में लोगों ने पूरी उम्मीद लगा रखी थी कि इस भाग में मिर्ज़ापुर की गद्दी का फैसला हो जाएगा, लेकिन वेब सिरीज़ निर्माताओं ने अभी और इंतज़ार कराने का संकल्प ले रखा है. मिर्ज़ापुर-2 देख लेने वालों को अब मिर्ज़ापुर-3 की कहानी जानने में पूरी दिलचस्पी होगी. आगे क्या होगा ये निर्माताओं के अलावा कोई नहीं जान सकता है लेकिन मिर्ज़ापुर-2 से जो कहानी आगे बढ़ने वाली है उसपर बातें होने लगी है.

Mirzapur Season 2, Mirzapur Web Series, Mirzapur 2 Amazon Pime Videoमिर्जापुर 2 के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि मिर्जापुर 3 कैसा होगा? कौन सी बातें इसे खास बनाएंगी

तो आइये जानते हैं कि अगले सीज़न में मिर्ज़ापुर की कहानी कैसे आगे बढ़ सकती है. मिर्ज़ापुर-2 के अहम किरदारों की एक-एक कर बात करते हैं.

मुन्ना भईया

मिर्ज़ापुर-2 के आखिर में गुड्डू पंडित और गोलू गुप्ता ने मुन्ना भईया को उसी अंदाज़ और उसी डॅायलाग के साथ गोली मारी है जैसा मिर्ज़ापुर-1 के आखिर में मुन्ना भईया ने बबलू पंडित को मारा था. मिर्ज़ापुर-1 से एक अहम किरदार बबलू का खात्मा हुआ तो मिर्ज़ापुर-2 से भी एक अहम किरदार मुन्ना भईया का खात्मा हो गया है. यानी अब मिर्ज़ापुर-3 में मुन्ना भईया पूरी तरह से ग़ायब नज़र आएंगें.

अखंडनाथ त्रिपाठी (कालीन भईया)

मिर्ज़ापुर की गद्दी पर विराजमान कालीन भईया को भी मिर्ज़ापुर-2 के आखिर में गोली मार दी गई थी लेकिन आखिरी सीन में उन्हें बचते हुए भी दिखा ही दिया गया है यानी कालीन भईया का किरदार हमें अगले सीजन में भी देखने को मिलेगा. कालीन भईया को बचाया है शरद शुक्ला ने.

अब कालीन भईया के सबसे भरोसेमंद होंगे शरद शुक्ला, और मुन्ना भईया के मरने के बाद मिर्ज़ापुर की कमान वह शरद को भी सौंप सकते हैं क्योंकि कालीन भईया इस एहसान का बदला तो बड़ा ही देंगें. कालीन भईया को अगले सीजन में व्हील चेयर पर बैठा हुआ भी दिखाया जा सकता है और सारा काम शरद के ज़रिए कराते हुए दिखाया जा सकता है.

शरद सामने तो भरोसेमंद और पीठ पीछे उनको खोखला करने की जुगत में दिखाए जा सकते हैं. यानी कालीन भईया का रोल तो अगले सीजन में भी इम्पोर्टेंड ही रहने वाला है जिनके आगे पीछे कहानी दौड़ती नज़र आने वाली है.

शरद शुक्ला

यह वह किरदार है जिसका रोल अगले सीजन में सबसे ज़्यादा अहम होगा. मुन्ना भईया की कमी को दूर करने की ज़िम्मेदारी भी शरद पर ही होगी. शरद का दो ही संकल्प है. पहला मिर्ज़ापुर की गद्दी और दूसरा गुड्डू पंडित की जान लेकर अपने पिता की हत्या का बदला लेना.

शरद कालीन भईया का भरोसा जीत उन्हें खोखला कर मिर्ज़ापुर की गद्दी पर बैठने की फिराक में होंगे और साथ ही कालीन भईया की शक्ति का इस्तेमाल कर गुड्डू पंडित की हत्या की साजिश रचते हुए नज़र आने वाले हैं.

मकबूल

यह किरदार भी अगले सीजन में अहम साबित होने वाला है. अपनी मां और अपने भांजे को खोने वाले मकबूल अब तक जहां कालीन भईया के खासमखास हुआ करते थे वह अब कालीन भईया के दुश्मन नंबर एक होंगें और इसकी शुरुआत वह बाबूजी को मारने के साथ ही कर चुके हैं. अब मकबूल गुड्डू पंडित के साथ मिलकर अखंडनाथ त्रिपाठी यानी कालीन भईया को चुनौती देते नज़र आ सकते हैं.

गोलू गुप्ता

यह किरदार मिर्ज़ापुर-2 में सिर्फ बदले की आग में ही झुलसता रहा है, हर वक्त बंदूक चलाती हुई गोलू का आखिर में मुन्ना को मारने का सपना तो पूरा हो ही गया लेकिन अब गोलू गुप्ता का किरदार बेहद दिलचस्प रहने वाला है.

गोलू ने अपनी बहन स्वीटी की हत्या का बदला ले डाला है लेकिन अभी उनका सबसे बड़ा सपना तो बचा है, जिसमें उन्होंने अपने पिता से वादा कर रखा है कि वह मिर्ज़ापुर की गद्दी पर बैठेंगी. मिर्ज़ापुर की गद्दी पर राज करने का सपना देख रही गोलू गुप्ता की राह का पहला रोड़ा होंगें खुद गुड्डू पंडित.

गुड्डू पंडित और गोलू का रिश्ता कभी साली-जीजा का हुआ करता था लेकिन अब स्वीटी के न होने से इस रिश्ते में कोई दम नहीं रह गया है. गुड्डू पंडित की अब नई साथी होंगी लाला की बेटी.

यानी अब गोलू गुप्ता और गुड्डू पंडित भी मिर्ज़ापुर की गद्दी की लालच में एक दूसरे के खिलाफ खड़े होते हुए नज़र आ सकते हैं और यह दुश्मनी भयंकर भी हो सकती है.

बिहार के त्यागी

मिर्ज़ापुर-2 में बिहार के दद्दा त्यागी परिवार का रोल तो महज कारोबार तक ही सीमित रहा है लेकिन बिहार का असली रंग मिर्ज़ापुर-3 में नज़र आएगा. वैसे तो सीजन-2 में दिखाया गया है कि आपसी गोलीबारी में छोटे त्यागी और मामा मारे गए लेकिन इसमें ट्विस्ट देखने को मिल सकता है.

बिहार के किरदारों को सीजन-3 में बड़ी जगह मिलने वाली है. इसमें दो कहानी हो सकती है, पहला तो बड़े त्यागी के साथ दद्दा जी छोटे त्यागी की प्यार से बेवफाई करने वाली गोलू गुप्ता से बदला देते हुए नज़र आ सकते हैं.

या फिर दिखाया जा सकता है कि छोटे त्यागी ही ज़िंदा बचे हैं और वह ही बड़े त्यागी का रूप धारण किए हुए हैं और दद्दा त्यागी के भरोसे के साथ वह गोलू गुप्ता से अपनी बेवफाई का बदला लेते हुए नज़र आएंगें.

बीना त्रिपाठी

सीजन-2 में कालीन भईया के घर को अंदर से खोखला करने वाली और बाबूजी को निपटाने वाली बीना त्रिपाठी का किरदार भी सीजन-3 में रोचक होने वाला है. बीना ने भी सीजन-2 में एक ख्वाब देख लिया है और वह अपने इस ख्वाब को पूरा करने की हर संभव कोशिश करेंगी.

बीना का ख्वाब है मिर्ज़ापुर की गद्दी पर अपने बच्चे को बिठाना और इसी के चलते उन्होंने मुन्ना भईया को निपटाने की योजना भी तैयार कर ली थी जिसे राजा अंजाम ही नहीं दे पाए.

सीजन-3 में बीना भी अहम किरदार निभा कर दिमाग से खेल खेलती नज़र आएंगी, उनका साथ गुड्डू भईया को मिलता रह सकता है और गुड्डू के भरोसे ही वह अपने बेटे के खिलाफ खड़े हर दावेदार को एक एक कर मार गिराने की साजिश रचती नज़र आ सकती हैं.

माधुरी

सीजन-2 में मुख्यमंत्री की बेटी और और मुन्ना भईया की पत्नी माधुरी अपने पिता को भी खो चुकी हैं और अपने पति को भी. वह मुन्ना को पसंद करती थी. अब वह इन दो हत्याओं से आगबबूला हैं और अब वह मिर्ज़ापुर से अपराध के खात्मा करने की जुगत में होंगी और उनका पहला निशाना ही कालीन भईया हो सकते हैं.

हालांकि मुन्ना को मार गिराने वाले गुड्डू पंडित के खिलाफ उनकी कड़ी दुश्मनी नज़र आएंगी. माधुरी का रोल तीसरे सीजन में बतौर नेता और मुख्यमंत्री बेहद रौबदार दिखाई दे सकता है.

जिसमें वह अपने पद और प्रशासनिक अधिकारियों के ज़रिए अपराधियों के सफाया करने पर ज़ोर दे सकती हैं.

रॅाबिन

सीजन-2 के सबसे मज़ेदार किरदार रॅाबिन वैसे तो लवगुरु से नज़र आ रहे हैं लेकिन तीसरे सीज़न में ये बहुत ख़लनायक रूप धारण किए हुए नज़र आ सकते हैं. रॅाबिन का धंधा दो नंबर का है इसके सहारे वो बड़े बड़े अपराधियों के संपर्क में हैं.

यह बंदा पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है, सीजन-3 में रॅाबिन का किरदार अहम होगा. वह गुड्डू पंडित के जीजा का रोल तो निभाएंगे ही साथ ही गुड्डू के पिता के साथ मिलकर गुड्डू के खिलाफ ही एक बड़ी साजिश तैयार करते हुए नज़र आ सकते हैं.

गुड्डू पंडित

आखिर में मिर्ज़ापुर के सबसे खास किरदार गुड्डू पंडित की बात की जाए तो अगले सीजन में गुड्डू पंडित के एक हाथों में बंदूक होगी तो दूसरे हाथों में दो नंबरी कारोबार का ज़खीरा. सीजन-3 में सबके दुश्मन एक ही इंसान रहने वाला है और वह हैं गुड्डू पंडित.

गुड्डू को मकबूल जैसे भरोसेमंद साथी का साथ मिल सकता है और उनकी नई प्रेमिका भी शादी के बंधन में भी बंध जाएंगे. सीजन-2 के आखिर में गुड्डू पंडित को मिर्ज़ापुर की गद्दी पर बैठा हुआ दिखाया तो गया है लेकिन कालीन भईया अभी ज़िंदा हैं तो असली किंग अभी वही हैं.

गुड्डू पंडित को मिर्ज़ापुर की गद्दी पर विराजमान होने से पहले मिर्ज़ापुर के लोगों में एक भय पैदा करना होगा और उनका दिल जीतना होगा. यह तो तय है कि मिर्ज़ापुर की गद्दी पर गुड्डू पंडित का ही पूरी तरह से कब्ज़ा होगा भले उनके हज़ार दुश्मन क्यों न बन जाएं लेकिन मिर्ज़ापुर की गद्दी पर पूरी तरह से गुड्डू पंडित विराजमान कब होंगें यह महज मिर्ज़ापुर के निर्माता ही जानते हैं.

मिर्ज़ापुर की गद्दी पर सीजन-3 में भी गुड्डू पंडित कब्ज़ा कर पाएंगे या नहीं इसका जवाब तो पूछिए ही मत. सभी को लग रहा था कि मिर्ज़ापुर-2 में गुड्डू पंडित का राज मिर्ज़ापुर पर हो जाएगा. लेकिन कहानी का जो अंत हुआ उसने साफ कर दिया कि सीजन अभी और आने वाला है. ये कितने सीजन की कहानी है इस बात का भी किसी को कुछ भी पता नहीं है.

हालांकि मिर्ज़ापुर-3 में गोलीबारी खूब होहल्ले से होगी और कई किरदारों को खत्म कर दिया जाएगा. गुड्डू पंडित का परिवार भी कानूनी लड़ाई से गुड्डू को नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता है. सीजन-3 में कहानी और किरदार कैसे हो सकते हैं इसकी एक बानगी पेश की गई है हालांकि निर्माता अगले सीजन में भी कई नए किरदारों को जन्म दे सकते हैं और कहानी को और आगे बढ़ा सकते हैं.

अगला सीज़न जल्दी आएगा इसकी भी चर्चाएं खूब धड़ल्ले के साथ हो रही है. कुल मिलाकर जो सवाल मिर्ज़ापुर-2 में छोड़े गए हैं वही काफी है सीज़न-3 के इंतेज़ार के लिए.

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लेखक

मशाहिद अब्बास मशाहिद अब्बास

लेखक पत्रकार हैं, और सामयिक विषयों पर टिप्पणी करते हैं.

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