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Updated: 14 जनवरी, 2021 10:53 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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8 जनवरी 2020. भले ही हमारे और आपके लिए एक आम सी तारीख हो लेकिन साउथ के सुपरस्टार यश और उनके फैंस के लिए ये दिन बेहद खास है. पहले तो इस दिन यश का बर्थडे होता है दूसरे इसी दिन KGF चैप्टर 2 का टीज़र रिलीज हुआ जिसने इतिहास रच दिया. भले ही फ़िल्म आने में अभी वक़्त हो लेकिन जिस तरह KGF चैप्टर 2 के टीजर को यूजर्स ने हाथों हाथ लिया और जैसे अब तक इसे यूट्यूब पर 148 मिलियन व्यूज मिले हैं, ख़ुद इस बात की तस्दीख हो जाती है कि यश और संजय दत्त स्टारर फ़िल्म सफलता के नए आयाम स्थापित करेगी. फ़िलहाल फ़िल्म विवादों में है और विवाद की वजह भी KGF चैप्टर 2 का टीजर ही है जिसके चलते यश को लीगल नोटिस आया है. नोटिस क्यों आया? इसके पीछे की जो वजह है वो अपने आप में हास्यास्पद है. टीजर में यश मशीन गन के सुर्ख लाल बैरल से सिगरेट जला रहे थे और यही बात कर्नाटक हेल्थ डिपार्टमेंट को आपत्तिजनक लग गई और उन्होंने यश को नोटिस थमाते हुए प्रचुर मात्रा में ज्ञान दे दिया.

Yash, KGF 2, KGF Chapter 2, KGF Film Yash, Sanjay Dutt KGF Chapter 2, Smoking, NoticeKGF चैप्टर 2 के पोस्टर में सिगरेट पीते यश

जो नोटिस यश के पास आया है उसमें इस बात को बल दिया गया है कि फ़िल्म का टीजर और पोस्टर दोनों ही सिगरेट पीने को प्रोत्साहित करते हैं. वहीं 'समाज के ठेकेदारों' का एक वर्ग वो भी सामने आया है जिसने टीजर में सिर्फ सिगरेट के चलते ये तक मांग कर डाली कि इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हटाया जाए. ऐसे ज्ञानियों का यही कहना है कि इससे समाज में अच्छा मैसेज नहीं जा रहा है.

क्या कह रहा है यश के पास आया नोटिस

अभी विवाद की वजह नोटिस है तो बता दें कि नोटिस में कहा गया है कि अगर फ़िल्म , टीजर या पोस्टर में ऐसा कुछ दिखाया जाता है तो उसके साथ वार्निंग यानी चेतावनी भी जारी करनी चाहिए 'धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है' जैसी चेतावनी जाहिर करना अनिवार्य है और टीजर में ऐसी कोई चेतावनी नहीं प्रदर्शित की गई है.

कितनी बचकानी बात कह गया कर्नाटक का स्वास्थ्य विभाग

भले ही नोटिस में यश को अच्छा इंसान बताते हुए उनके ज्ञानचक्षु खोलने की नाकाम कोशिश की गई हो और ये कहा गया हो कि उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है और उनका ये एक्शन युवाओं को गुमराह कर रहा हो मगर देखा जाए तो ये बात अपने आप में बहुत बचकानी है. गांव हो या शहर, जिला हो या कस्बा आप कहीं भी निकल जाइये हर तरफ धुआं है यानी जहां जहां नजर उठाओ वहां वहां सिगरेट और उसे पीने वाले लोग.

सवाल ये है कि आजतक कितने लोग सुधरे? क्या किसी ने पर्दे पर सिर्फ ये देखकर कि 'सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक' है सिगरेट छोड़ दी? क्या वो मैसेज जो हर बार राहुल द्रविड़ फ़िल्म शुरू होने से पहले देते हैं उसका असर जनमानस पर हुआ?

सभी सवालों का जवाब है नहीं. तो जब जिस चीज या ये कहें कि जिन बातों का कोई फायदा ही नहीं है यदि उनको ध्यान में रखकर मुद्दा बनाया जाए और एक ऐसी बात की जाए जिसका न तो सिर हो न पैर उसे केवल मूर्खता ही कहा जाएगा.

सिर्फ फिल्मों में सिगरेट वाले सीन पर हाय तौबा मचाने से कोई फायदा नहीं है. यदि वाक़ई सुधार करना है तो सरकार को आगे आना होगा. पूरा देश जानता है सरकार इस मुहिम के लिए कभी खुलकर सामने नहीं आएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि जो रिवेन्यू सरकार को सिगरेट से मिलता है वो गिरती अर्थव्यवस्था के इस दौर में उसके लिए अंधेरे में वो।चिराग है जो साफ़ और सीधे तौर पर उसे जीवनदान दे रहा है.

अंत में इतना ही कि वो तमाम संस्थाएं जो पर्दे पर शराब या सिगरेट देखने मात्र से आहत हो जाती हैं उन्हें ये बेमतलब का ड्रामा बंद कर देना चाहिए और चीजों को ठीक वैसे ही स्वीकार करना चाहिए जैसी वो हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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