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Updated: 01 मई, 2022 08:25 PM
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पहले आरआरआर और फिर केजीएफ 2. हिंदी बॉक्स ऑफिस, करीब करीब एक महीने बाद दक्षिण के खुमार से बाहर निकलते दिख रहा है. हालांकि बॉलीवुड का नया ताजा ट्रेंड भी कम दिलचस्प नहीं है. असल में शुक्रवार को ईद के त्योहारी वीकएंड में बॉक्स ऑफिस पर दो फ़िल्में आईं. एक अजय देवगन-अमिताभ बच्चन की रनवे 34 और दूसरी टाइगर श्रॉफ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की हीरोपंती 2. बॉक्स ऑफिस पर देखें तो हीरोपंती 2 रनवे 34 से बहुत 20 है. मगर फिल्म डेटाबेस IMDb पर इसका ठीक उलटा नजारा है.

तमाम ट्रेड रिपोर्ट्स में शुक्रवार को लेकर बॉक्स ऑफिस के जो आंकड़े आए हैं उसमें टाइगर की फिल्म सबसे आगे है. पहले दिन हीरोपंती 2 के 8 करोड़ तक का कलेक्शन निकालने की बात कही जा रही है. वहीं अजय की रनवे 34 का कलेक्शन 4 करोड़ तक बताया जा रहा है. कलेक्शन में दोनों फिल्मों की स्थिति समझना मुश्किल नहीं. मगर जहां तक वर्ड ऑफ़ माउथ की बात है वह अजय देवगन के हिस्से दिख रहा है. एक दिन पहले तमाम सोशल ट्रेंड्स पर भी यह दिखा था. IMDb पर भी इसे महसूस किया जा सकता है.

runway-imdb_650_043022075922.jpgहीरोपंती 2

IMDb पर रनवे 34 को पिछले 24 घंटों से ज्यादा वक्त में 10 में से 8.7 रेट किया गया है. खबर लिखे जाने तक 10 हजार से ज्यादा रजिस्टर यूजर्स ने फिल्म को रेट किया और बहुत सारे रिव्यू भी हैं. रेट और रिव्यू में फिल्म को मिल रहे वर्ड ऑफ़ माउथ का अंदाजा लगाया जा सकता है. जबकि इसी दौरान बॉक्स ऑफिस क्लैश में आई टाइगर की हीरोपंती 2 ने 10 में से सिर्फ 2.2 रेट हासिल किया है. बताने की जरूरत नहीं कि IMDb पर हीरोपंती 2 की रेटिंग कितना घटिया है. यह रेट 6 हजार से ज्यादा यूजर्स के वोट से निकला है. थोड़े से कन्फ्यूजन वाली बात है कि अगर टाइगर-नवाज की फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ इतना ही घटिया था तो उनकी फिल्म शुक्रवार को टिकट खिड़की पर रनवे 34 और केजीएफ 2 से लगभग दोगुना कलेक्शन पर क्यों खड़ी है?

हिंदी विवाद में अजय का मकसद कामयाब दिखा, मगर नतीजे नहीं दे पाया

रनवे 34 और हीरोपंती 2 को लेकर एक बता तो साफ़ है. दोनों फिल्मों का अपना बज बराबर रहा है. अजय की फिल्म पहले हाफ की वजह से मजबूत है लेकिन दूसरे हाफ में कमजोर होने के कारण वह ओवरऑल मजबूत फिल्म के रूप में नहीं उभर पाई. जबकि हीरोपंती 2 में नवाजुद्दीन सिद्दीकी और टाइगर के मसालेदार एक्शन स्टंट और डांस ने संभाल लिया. जहां तक बात दोनों के के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में अंतर की है तो उसके पीछे फर्क की सबसे बड़ी वजह यही है. अब बात आती है कि सिनेमाघर में रिलीज रनवे 34 को क्यों आईएमडीबी पर द कश्मीर फाइल्स, आरआरआर और केजीएफ 2 जैसी इंगेजिंग मिल रही है.

runway-34_650_043022075945.jpgरनवे 34.

इंटरनेट या IMDb पर अजय के फिल्म की बेहतर इंगेजिंग के पीछे सबसे बड़ी वजह हिंदी को लेकर किच्चा सुदीप के बयान पर अजय देवगन का तीखा हमला है. फिल्म की रिलीज से ठीक पहले अजय के बयान ने उन्हें इंटरनेट पर अचानक चर्चाओं में आ जाने वाली फिल्म पर्सनालिटी बना दिया. भाषा का मुद्दा भावुक होता है इस वजह से स्वाभाविक था कि अजय के पक्ष में बहुत सारे लोग आए और उनकी फिल्म को भी सपोर्ट मिला. IMDb पर मिले भारी सपोर्ट को भी हिंदी विवाद का नतीजा मान सकते हैं. वैसे भी हिंदी विवाद शुरू होने के साथ लगातार यह सामने भी आ रहा है कि किच्चा और अजय का मकसद किसी भाषा का स्तुतिगान या उसकी निंदा करना नहीं था. उसके मायने थे.

पीआर स्टंट में सबसे उस्ताद थे आमिर खान, क्या किया था जान लीजिए  

दोनों असल में भाषा की भावुकता पर अपनी अपनी फिल्मों का प्रमोशन करने की कोशिश कर रहे थे और एक कारोबारी एज लेना चाहते थे. हालांकि दोनों के मन में बिल्कुल ऐसा ही था- यह ठीक ठीक दावे से नहीं कहा जा सकता. लेकिन फ़िल्मी सितारे जब भी अचानक किसी गैर फ़िल्मी कॉज में कूदते हैं- इत्तेफाकन उनके कुछ और मकसद भी नजर आते हैं. विवाद के ठीक बाद अजय की फिल्म रिलीज हुई. और किच्चा की पैन इंडिया विक्रांत रोना भी जुलाई में आने को तैयार है. इससे पहले कुछ इसी तरह का पीआर स्टंट करते दूसरे सितारे भी दिखे हैं. दीपिका पादुकोण छपाक की रिलीज के वक्त अचानक रात के वक्त जेएनयू में छात्रों को सपोर्ट करने पहुंच गई थीं.

आमिर खान भी साल 2006 में अचानक नर्मदा बचाओ आंदोलन में पीड़ितों को समर्थन देने पहुंच गए थे. उन्होंने खूब वक्त दिया और मीडिया ने आमिर खान और आंदोलन पर केंद्रित होकर खूब लिखा, दिखाया. दरअसल, उसी के बाद आमिर खान की फिल्म फ़ना आई थी. इससे पहले उनकी रंग दे बसंती भी आई थी जो सुपरहिट रही. नर्मदा आंदोलन को सपोर्ट ने आमिर की फिल्म को कितना फायदा पहुंचाया- यह ठीक-ठीक पता करना मुश्किल है, बावजूद इसकी वजह से आमिर और उनकी फ़ना सुर्ख़ियों में खूब रही. फ़ना मनोरंजक थी और बॉक्स ऑफिस पर बेहद कामयाब बनी. तब भी कुछ लोगों ने आमिर के कदम को पीआर स्टंट ही करार दिया था. आमिर वैसे भी इस तरह के शोर पैदा कर सुर्खियां बटोरने में सबसे उस्ताद माने जाते हैं. खैर.

अहम बात यह भी कि IMDb के नतीजे किसी फिल्म के देखने या ना देखने से बिल्कुल नहीं जुड़ते. यानी फिल्म की कारोबारी सफलता में उनका योगदान नहीं रहता. हां एक रुझान और एक चर्चा का वातावरण जरूर बनता है. फिलहाल IMDb पर रनवे 34 और हीरोपंती 2 के ताजा उदाहरण से यह बात फिर खुद साबित हो ही गई. यह जरूर है कि ओटीटी स्ट्रीम कंटेंट को लेकर IMDb का ट्रेंड बिल्कुल उलट है. यानी यहां किसी फिल्म को मिल रहा सपोर्ट उसकी व्यूअरशिप को भी साबित करता दिखता है. मिमी, शेरशाह, सरदार उधम, जयभीम जैसी फ़िल्में सीधे ओटीटी पर आई थीं और IMDb पर इन फिल्मों को खूब रेटिंग मिली थी. व्यूअरशिप के भी रिकॉर्ड बने थे. जबकि द कश्मीर फाइल्स, आरआरआर और केजीएफ 2 सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली अलग केस स्टडी हैं.

ये फ़िल्में IMDb पर भी हर मामले में टॉप दिखीं और इन्होने कारोबार भी खूब किए. निश्चित ही इसके पीछे इन तीनों फिल्मो के लिए लोगों की तरफ से दिखा ऐतिहासिक जुनून रहा. चलिए बॉक्स ऑफिस तो नहीं, पर शायद IMDb पर टाइगर की फिल्म को पछाड़कर अजय देवगन खुश हो रहे होंगे.

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