विवेक ओबेरॉय से कहीं बेहतर 'मोदी' बन सकते थे ये 5 एक्टर्स!
फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी में विवेक ओबेरॉय प्रधानमंत्री का रोल करने वाले हैं. आइये जानें कि बॉलीवुड में और कौन-कौन है जो ये रोल विवेक से कहीं बेहतर कर सकता था और इसे यादगार बना सकता था.
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कहावत है कि फ़िल्में समाज का आईना हैं. जिस तरह 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले पॉलिटिकल फिल्मों की बयार आई है, माना जा रहा है कि आने वाला चुनाव आ रही फिल्मों के कारण भी बहुत ज्यादा रोचक होने वाला है. फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' और मनमोहन सिंह पर बात अभी खत्म भी नहीं हुई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में विवेक ओबेरॉय हमारे सामने हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी का फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज हुआ है. फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' में अभिनेता विवेक ओबेरॉय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किरदार निभा रहे हैं. बात अगर फिल्म के डाइरेक्शन पर हो तो 'पीएम नरेंद्र मोदी' को 'सरबजीत' और 'मैरी कौम' जैसी बायोपिक बना चुके ओमंग कुमार डायरेक्ट कर रहे हैं.
फिल्म पीएम मोदी के लिए विवेक ओबेरॉय को चुने जाने से दर्शक संतुष्ट नहीं हैं
ध्यान रहे कि अभी कुछ दिनों पहले ही फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने फिल्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थीं और फिल्म को लेकर जबरदस्त सुगबुगाहट पैदा हो गई थी. टैगलाइन 'देशभक्ति ही मेरी शक्ति है.' के साथ पोस्टर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रिलीज किया है.
Vivek Anand Oberoi [Vivek Oberoi] to star in Narendra Modi biopic, titled #PMNarendraModi... The first look poster was launched in 23 languages by Maharashtra CM Devendra Fadnavis... Directed by Omung Kumar... Produced by Suresh Oberoi and Sandip Ssingh. pic.twitter.com/K0HdjhFVtj
— taran adarsh (@taran_adarsh) January 7, 2019
23 भाषाओं में रिलीज हो रही इस फिल्म के फर्स्ट लुक को देखकर जो सबसे पहला विचार दिमाग में आया. वो ये कि, कहीं न कहीं इस फिल्म में पीएम मोदी के रोल में विवेक ओबेरॉय को लेकर जल्दबाजी की गई है. विवेक के अलावा बॉलीवुड में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो इस फिल्म में यदि मोदी के रोल को निभाते तो बात सोने पर सुहागा वाली हो जाती. आइये जानें कि निर्देशक इस फिल्म में और किस को मौका देकर इतिहास की एक नई इबारत रच सकते थे.
पीएम मोदी के रोल के लिए सबसे आदर्श कैंडिडेट परेश रावल होते
परेश रावल
वर्तमान में गुजरात से पार्टी के सांसद भी हैं. पीएम मोदी भी गुजरात से हैं. परेश के पास हर वो हुनर है जिसकी इस फिल्म में दरकार है. यूं तो परेश के बारे में बात करने के लिए हजार चीजें हैं. ऐसे में अगर हम केवल डायलॉग बोलने के तरीके पर फोकस करें तो महसूस होता है कि परेश की डायलॉग डिलेवरी में वो गुजराती टच मौजूद है, जो मोदी को ईमानदारी से कॉपी करने के लिए चाहिए.
एक्टिंग के अलावा अगर हम परेश रावल की कद काठी को भी ध्यान से देखें तो मिलता है कि वो पीएम मोदी के रोल के लिए एक अच्छा विकल्प थे.
बाक़ी फिल्म 'पटेल' में अगर परेश के रोल और जिस तरह का अभिनय उन्होंने किया है, यदि उसका अवलोकन किया जाए तो साफ हो जाता है कि पीएम मोदी के रोल के लिए परेश सबसे आदर्श कैंडिडेट होते.
देश के प्रधानमंत्री के रूप में अगर सनी देओल होते तो फिल्म में जान आ जाती
सन्नी देओल
पीएम मोदी जहां एक तरफ अपने 56 इंची सीने के लिए जाने जाते हैं तो वहीं जिस अंदाज में वो पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर आंखें तरेरते हैं वो न सिर्फ मन मोहता है बल्कि देखने वाले के शरीर में नई उर्जा का संचार करता है. बात जब बॉलीवुड के अंतर्गत 56 इंची सीने की हो और पाकिस्तान पर आंखें तरेरते हुए डायलॉग बोलने की हो तो इस मामले में सन्नी देओल का किसी से कोई मुकाबला नहीं है.
फिल्म ग़दर एक प्रेम कथा में हम उन्हें पाकिस्तान में, पाकिस्तानी आवाम के सामने नल उखाड़ते और उन्हें खदेड़ते हुए देख चुके हैं. इसके अलावा शारीरिक रूप से भी नरेंद्र मोदी और सन्नी देओल मिलते जुलते हैं.
कहना गलत नहीं है कि यदि विवेक की जगह निर्देशक सन्नी के बारे में सोच लेते हो बॉक्स ऑफिस पर वो धमाल मचता जो दशकों तक मीडिया की सुर्ख़ियों में रहता.
पीएम मोदी बनकर आशुतोष राणा भी दर्शकों का दिल जीत सकते हैं
आशुतोष राणा
आशुतोष राणा थियेटर के मंझे हुए अदाकार हैं और अपने अभूतपूर्व अभिनय के बल पर किसी भी फिल्म को हिट करा सकते हैं. बात अगर आशुतोष राणा के एक्स्प्रेस्शन की और डायलॉग डिलीवरी की हो तो जब वो गोल गोल आंखों से डायलॉग बोलते हैं न, थियेटर में आए हुए दर्शक का पूरा पैसा वसूल हो जाता है.
एक्टिंग तो आशुतोष राणा की दमदार है ही इसके अलावा जो उनकी हिंदी भाषा पर पकड़ है कहने ही क्या. अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखिये हिंदी इनकी भी बेमिसाल है. साथ ही जब वो गोल गोल आंखों के साथ कांग्रेस पार्टी का इतिहास बताते तो सुनने वाले जहां एक तरफ बेहद गंभीर होते हैं तो कई मौके ऐसे भी आते हैं जब वो अपनी हंसी नहीं रोक पाते.
कहना गलत नहीं है कि यदि विवेक की जगह आशुतोष राणा हो नरेंद्र मोदी बनने का मौका दिया जाता तो ये अपने आप में बॉलीवुड पर करा गया एक बहुत बड़ा एहसान होता.
अगर आमिर मोदी बनते तो वो फिल्म के लिए जी तोड़ मेहनत करते
आमिर खान
चाहे तारे जमीन पर का टीचर हो या फिर लगान का भूवन. फिल्म मंगल पांडे में मंगल पांडे और ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में फिरंगी मल्लाह बने आमिर खान के बारे में मशहूर है कि वो जो भी किरदार निभाते हैं उसके लिए न सिर्फ बड़ी मेहनत करते हैं बल्कि उसके अन्दर डूब जाते हैं. फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' के लिए आमिर खान एक बेहतर विकल्प थे.
यदि इस फिल्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोल के लिए आमिर खान को कास्ट किया जाता तो इसके कई फायदे होते. एक तो 'असहिष्णुता' के नाम पर मोदी की आलोचक गैंग भी यह फिल्म देखने आती. हो सकता है जिन्होंने अवार्ड वापस किए थे, वो भी आमिर से प्रेरणा लेकर पुनर्विचार करते. हो सकता है कि आमिर की पत्नी किरण राव को भी भारत रहने के काबिल और सुरक्षित नजर आने लगता. कुल मिलाकर कई लोगों का मुंह फिल्म के फर्स्ट लुक के साथ ही बंद हो जाता.
इसके अलावा आमिर खान को फिल्म में शामिल करने का एक फायदा और होता. उसे बड़ी संख्या में चीन के दर्शक भी मिलते.
ऐसे तमाम कारण हैं जो बता देते हैं कि पीएम का रोल तो केवल मोदी ही निभा सकते हैं
नरेंद्र मोदी
लास्ट नॉट द लीस्ट- नरेंद्र मोदी (खुद). जिस तरह गब्बर के ताप को गब्बर ही समझ सकता है, उसी तरह नरेंद्र मोदी की भूमिका को खुद नरेंद्र मोदी ही समझ सकते हैं. यदि इस फिल्म के निर्माता अभिनय के लिए नरेंद्र मोदी के पास सही प्रस्ताव लेकर जाते तोे वे भी मना नहीं करतेेे. 'फिटनेस चैलेंज' वाली फिल्म में देखिए, क्या कमाल काम किया है उन्होंने. मोदी यदि हामी भर देते तो यह ऐतिहासिक फिल्म बनती.
संसद में हों, या किसी चुनावी मंच पर. नरेंद्र मोदी की भाव-भंगिमाएं वैसे ही काफी रोचक होती हैं. उनमें वो सारी खूबी मौजूद है, जो एक कामयाब अदाकार में चाहिए. अपनी ही फिल्म में अदाकारी करके मोदी बॉलीवुड के दरवाजे पर दस्तक दे सकते थे. खुदा ना करे, यदि वे चुनाव हार जाते हैं तो उसके बाद शानदार करिअर उनके लिए खुला मिलता.
पीएम मोदी कैमरा फ्रेंडली तो हैं ही. बस एक बड़ा मौका चूक गए.
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