Cuttputlli: अक्षय कुमार सिनेमाघर छोड़कर OTT भागे, मगर सन्नाटा बता रहा कि नहीं बन पाई बात
सिनेमाघरों में लगातार तीन फ्लॉप देने के बाद अक्षय कुमार की कटपुतली को ओटीटी पर लाया गया. मगर नई फिल्म को लेकर भी सोशल मीडिया पर कोई ख़ास हल्ला नहीं दिख रहा. क्या अक्षय की फिल्म को भी दर्शकों ने नहीं देखने का मन बना लिया. वैसे कटपुतली के बायकॉट की भी मांग ने जोर नहीं पकड़ा था.
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अक्षय कुमार की मुश्किलों का दौर लंबा दिख रहा है. यह कब ख़त्म होगा फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता. 'कटपुतली' के लिए उनके मेकर्स ने सिनेमाघर छोड़कर OTT जाने का फैसला लिया था. मगर 2 सितंबर को डिजनी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग के बाद अक्षय की फिल्म को लेकर दिख रहे ऐतिहासिक सन्नाटे से पता चल रहा कि खिलाड़ी कुमार का काम बन नहीं पाया है. सोशल मीडिया पर कटपुतली को लेकर गजब की चुप्पी दिख रही है. शायद जिस गुस्से की वजह से लोगों ने सिनेमाघरों में अक्षय की तीन फिल्मों- बच्चन पांडे, सम्राट पृथ्वीराज और रक्षा बंधन नहीं देखने का निर्णय लिया था- वह गुस्सा कटपुतली के लिए भी जारी है.
हाल के कुछ सालों में आई यह अक्षय की इकलौती फिल्म होगी जिसकी बेहद कम चर्चा दिख रही है. इससे ज्यादा चर्चा और समीक्षाएं तो उन टीवी प्रोग्राम्स की हो जाती थीं जहां अक्षय अपनी फिल्मों का प्रमोशन करने पहुंचते थे. यानी एक हद तक कहा जा सकता है कि दर्शकों में अक्षय को लेकर किन्हीं बातों का गुस्सा बरकरार है. वह ख़त्म नहीं हुआ है. कटपुतली थ्रिलर ड्रामा है. यह दक्षिण की फिल्म का रीमेक है. इसमें अक्षय के साथ रकुलप्रीत सिंह, चंद्रचूड जैसे सितारे काम करते नजर आ रहे हैं. फिल्म की कहानी एक सीरियल किलर के पीछे पड़े पुलिस कॉप की है जो हत्यारे और हत्याओं के रहस्य को सुलझाने की कोशिश में लगा है.
कटपुतली में अक्षय कुमार. फोटो- IMDb से साभार.
लाल सिंह चड्ढा की आलोचना करने वाले समीक्षक कटपुतली की तारीफ़ कर रहे
ट्विटर पर फिल्म से जुड़ी गिनी चुनी समीक्षाएं हैं. वैसे आमिर खान की फिल्म लालसिंह चड्ढा के विरोध में नजर आ रहे तमाम 'ब्लूटिकधारी' समीक्षकों ने कटपुतली की पॉजिटिव समीक्षाएं की हैं. उनकी नजर में फिल्म थ्रिल से भरपूर है. और दर्शकों का मनोरंजन करने में सक्षम है. दुर्भाग्य से पॉजिटिव समीक्षाएं भी "अल्प संख्या" में हैं. ऐसी ही एक अल्पसंख्यक समीक्षा में ओरिजिनल फिल्म से भी बेहतर बताते हुए अक्षय कुमार के काम की मुक्तकंठ से प्रशंसा की गई है. मानो खिलाड़ी कुमार ने अपने करियर में इससे पहले कभी इतनी बेहतर फिल्म ना की हो.
एक ने तो यहां तक लिखा कि तीन फ्लॉप के बाद अक्षय को जिस परफॉर्मेंस के साथ आना यथा वह कटपुतली में नजर आता है. रकुल और सरगुन के काम की भी तारीफ़ देखने को मिल रही है. थ्रिल और बीजीएम को भी एक्सीलेंट बताया गया है. यहां तक कि लोगों ने कटपुतली के सीक्वल में भी अक्षय कुमार को ही कास्ट किए जाने की दिख रही है. जहां प्रतिष्ठित मीडिया क्रिटिक्स की बात है लगभग सभी ने मिली जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं और फिल्म को 5 में से 2.5 रेट किया है. 4 और उससे ज्यादा रेट करने वाले समीक्षकों की भी कमी नहीं है. लेकिन बेहतर रेटिंग की तुलना में फिल्म के पक्ष में किसी भी तरह का मजबूत वर्ड ऑफ़ माउथ नहीं दिख रहा.
सोशल मीडिया की तरह IMDb पर भी कमजोर है अक्षय की फिल्म
ट्विटर पर फिल्म से जुड़े हैशटैग बहुत कमजोर दिख रहे हैं. जबकि डिजनी प्लस हॉटस्टार के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर घंटों पहले से फिल्म स्ट्रीम हो रही है. हो सकता है कि शाम के बाद व्यूअरशिप बढ़े और उसका असर सोशल मीडिया पर नजर आए. फिलहाल तो हर तरफ चुप्पी ही दिख रही है. यहां तक कि रक्षा बंधन की तरह फिल्म के बायकॉट की भी मांग नहीं हो रही. फ़िल्म के ओटीटी रिलीज होने के बावजूद IMDb पर फिल्म कमजोर ही कही जाएगी.जबकि डिजिटल रिलीज फिल्मों का यहां काफी बज नजर आता है. विश्लेषण लिखे जाने तक IMDb पर कटपुतली के टॉपिक ने महज 400 से कुछ ज्यादा यूजर्स को इंगेज किया. यूजर्स ने फिल्म को 10 में से महज 5.2 रेटिंग दी है,
IMDb पर कटपुतली के कमजोर इंगेजमेंट को देखकर भी समझना मुश्किल नहीं की फिलहाल बज कमजोर है. अक्षय और उनकी फिल्म के मेकर्स दुआ कर रहे होंगे कि दर्शक तारीफों के पुल बांधे और उनकी फिल्म देखी जाए. कम से कम स्ट्रीमिंग के 24 घंटे बाद ही फिल्म को लेकर पब्लिक के दिमाग में सही सही क्या चल रहा है- इसका अंदाजा मिलेगा. हो सकता है कि हॉटस्टार ही व्यूअरशिप को लेकर चीजों को साफ़ करें. खैर. ओटीटी रिलीज के हिट फ्लॉप को लेकर अभी किसी तरह का निष्कर्ष बनाने से पहले बचा जाना चाहिए.
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