समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें

एक शादीशुदा महिला को घरेलू हिंसा पर बनी 'अम्मू' फिल्म क्यों देखनी चाहिए?
अम्मू एक ऐसी लड़की है जो अपने घर में बहुत खुश है. उसके अम्मा बाबा उसे बहुत प्यार करते हैं. पड़ोस में रहने वाला रवि से उसकी शादी करा दी जाती है. शादी के बाद कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहता है मगर धीरे-धीरे रवि उसे अपना असली रूप दिखाना शुरु करता है. वह हर छोटी-छोटी बात पर अम्मू पर हाथ उठा देता है फिर उसके सामने रोकर माफी मांगता है
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

जब दामाद बेटी को थप्पड़ मरता है तो मांएं क्या सलाह देती आईं हैं और अब इसे क्यों बदल देना चाहिए?
मैं तुम्हें वही बातें बता सकती हूं जो मेरी मां ने मुझसे कहा था. पुरुषों को घर से बाहर जाकर बहुत सारा काम करना पड़ता है. वे हम पर गुस्सा नहीं उतारेंगे तो किस पर उतारेंगे? काम की वजह से कभी-कभी उनका मूड खराब हो जाता है. शादी के बाद यह सब सहना पड़ता है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
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समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
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