सियासत | बड़ा आर्टिकल

जंतर मंतर पर समर्थकों द्वारा पहलवानों पर बात उतनी ही है जितना दाल में नमक होता है!
पहलवान बनाम ब्रज भूषण शरण सिंह : खासी दिलचस्प है धरनास्थल की हकीकत. यूं तो धरने पर पहलवानों को समर्थन देने के लिए शाहीनबाग की दादी से लेकर किसानों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, छात्रों, वकीलों और खाप नेताओं का जमावड़ा है. लेकिन इनसे पहलवानों को कितना बल मिलेगा अभी इस बारे में कुछ कहना शायद जल्दबाजी ही होगा.
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कौन हैं ब्रजभूषण शरण सिंह, जिन्हें कुश्ती के बवाल में चित करना नामुमकिन है...
मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक ब्रज भूषण सिंह का नाम सुर्ख़ियों में है. तो आइये जानें कि आखिर ब्रज भूषण शरण सिंह कौन हैं? और आखिर कैसे वो देश के लिए अलग अलग प्रतिस्पर्धाओं में मेडल ला चुके अलग अलग खिलाड़ियों को चित करते हुए नजर आ रहे हैं.
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कुश्ती फेडरेशन की बदली पॉलिसी जो लंबे समय से हरियाणा के पहलवानों को चुभ रही थी!
कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह खिलाड़ियों और के बीच जारी गतिरोध कोई आज का नहीं है. इस पूरे विवाद की शुरुआत नवंबर 2021 में उस वक़्त हुई थी जब भारतीय कुश्ती महासंघ ने अपनी पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्व बदलाव किये थे.
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विनेश फोगाट, सोनम मलिक और दिव्या को माफ़ी देकर 'WFI' ने कोई एहसान नहीं किया
आखिर वही हुआ जिसका अंदाजा था रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को अपनी भूल का एहसास हो गया और उसने विनेश फोगाट, सोनम मलिक, दिव्या काकरान को 'माफी' दे ही थी. ऐसे में सवाल ये है कि बेमतलब की बात में उलझाकर क्या WFI ने सिर्फ अपनी फजीहत नहीं कराई है?
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WFI की अंदरुनी राजनीति की भेंट चढ़ गई बजरंग, रवि और विनेश फोगाट की कुश्ती!
रवि दहिया, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट के मद्देनजर WFI की तरफ से कुछ अहम बातें की गयीं हैं. नश्तर सी चुभने वाली इन बातों के बाद मान लिया जाना चाहिए कि आंतरिक राजनीति का शिकार हो गए हैं भारत को टोक्यो ओलंपिक में पदक दिलाने वाले रवि दहिया. साथ ही मुसीबत में पड़ सकते हैं बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट.
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Tokyo Olympic में 'विलेन' करार दी गईं विनेश फोगाट की भी अपनी कहानी है…
'ऐसा लग रहा है कि मैं सपने में सो रही हूं. पिछले एक हफ्ते से मेरे अंदर काफी कुछ चल रहा है. मैं एकदम खाली महसूस कर रही हूं.' वो कहती हैं कि मुझे नहीं पता कि मेरी जिंदगी में क्या हो रहा है. मैंने कुश्ती को सब कुछ दिया है. एक पदक हारते ही लोगों ने मुझे निर्जीव समझ लिया.
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