सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

क्या सावरकर अंग्रेजों की कठपुतली थे? इस रहस्य से जुड़े 5 बड़े सवालों के जवाब
1857 के गदर को पहली बार 'स्वातंत्रता संग्राम' के रूप में परिभाषित करने वाले वीर सावरकर (Veer Savarkar) की भारतीय इतिहास में एक धुंधली छवि गढ़ दी गई है. अंग्रेजों को दया याचिका (Mercy Petition) लिखे जाने से लेकर महात्मा गांधी (Gandhi) की हत्या तक सावरकर के बारे में कई विवादित सवाल खड़े किये गए हैं.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

वीर सावरकर के 7 सिद्धांत हिंदुत्व की मजबूती के लिए सबसे बड़ी जरूरत हैं
हिंदुत्व (Hindutva) की परिकल्पना के सहारे भारतीय समाज को राजनीतिक, सार्वजनिक और सामाजिक सुधारों के जरिये एकसूत्र में पिरोने के प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन, हिंदुत्व के नाम पर लोगों को एक करना इतना आसान नहीं है. क्योंकि, भारत में जाति व्यवस्था (Caste System) ने गहरी जड़ें जमा रखी हैं.सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें

सावरकर के माफीनामे पर दूध का दूध, पानी का पानी हो जाना चाहिए...
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने वीर सावरकर (Veer Savarkar) की दया याचिका को लेकर दावा किया है कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने उन्हें इस बाबत सलाह दी थी. जिसके बाद सोशल मीडिया पर इतिहासकारों के बीच एक अलग ही बहस छिड़ गई.सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

'हिंदुत्व' का इतिहास बंगाल से शुरू होता है, सावरकर तो बाद में आए
भारत में 'हिंदुत्व' (Hindutva) की विचारधारा को वीर सावरकर (Veer Savarkar) से जोड़ा जाता रहा है. सावरकर के नाम पर देश के तमाम राजनीतिक दलों और बुद्धिजीवियों द्वारा अलग-अलग तरह के तथ्य और तर्क गढ़े जाते रहे हैं. आजादी से पहले के भारत में मुस्लिम लीग (Muslim League) की स्थापना के 6 साल बाद 1915 में वीर सावरकर ने हिंदू महासभा के नाम से एक राष्ट्रवादी संगठन की स्थापना की थी.सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

विनायक दामोदर सावरकर: स्वतंत्रता सेनानी से लेकर हिंदुत्व के प्रखर प्रवक्ता तक!
आज के सूचना विस्फोट के युग में यह प्रवृत्ति निरंतर घातक बनती जा रही है जब सोशल मीडिया पर बिना किसी प्रामाणिक स्रोत के कुछ भी लिखकर उसे एक बड़े जनसमूह तक सर्कुलेट करना आसान है. वीर सावरकर के बारे में जो कुछ भी लिखा या पढ़ा जा रहा है उसने उनकी एक ऐसी मिश्रित छवि गढ़ दी है जो नई पीढ़ी को सच को जानने और समझने की दृष्टि देने के बजाय और दिग्भ्रमित ही कर रही है.सियासत | बड़ा आर्टिकल

Karim Lala-Indira Gandhi meeting: संजय राउत को बाकी नेताओं के नाम बताने ही होंगे!
करीम लाला और इंदिरा गांधी मुलाकात (Karim Lala-Indira Gandhi meeting controversy) का दावा कर संजय राउत (Sanjay Raut) ने जो विवाद खड़ा किया, उसे सफाई देकर और बढ़ा दिया है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के सवालों का जवाब तो कांग्रेस देगी, बाकी नेताओं के नाम तो शिवसेना प्रवक्ता को ही बताने पड़ेंगे.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

Savarkar को लेकर महाराष्ट्र सरकार में 'तीन फाड़' हो गए हैं!
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कहते हैं कि वह राहुल सावरकर नहीं हैं जो मांफी मांगेंगे, जबकि शिवसेना (Shivsena) कहती है कि वीर सावरकर (Veer Savarkar) सबके आदर्श हैं. इसी बीच एनसीपी (NCP) के छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें