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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
Pranay Vikram Singh
चाहे डॉ मुखर्जी हों या फिर पीएम नरेंद्र मोदी मोदी दोनों ही ने दी है नेशन फर्स्ट को तरजीह!
डॉक्टर मुखर्जी का हर विचार ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' तथा 'अंत्योदय से राष्ट्रोदय' की संकल्पना को ध्वनित करता है। ऐसे में जब हम प्रधानमंत्री और उनकी कार्यप्रणाली को देखते हैं तो मिलता है कि पीएम मोदी भी डॉक्टर मुखर्जी का अनुसरण कर रहे हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
जावेद अनीस
Rahul Gandhi: वर्तमान में भारतीय राजनीति के दारा शिकोह
राहुल गांधी अपनी बहुचर्चित 'भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से पहली बार खुद को इतने प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने में कामयाब हुये हैं. जैसा उनका वर्तमान स्वरूप है, वे बंधुतत्व के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में उभरे हैं.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
Upasana Behar
@5894171720663809
(कहानी) जब अमर-अकबर और ब्रूनो की बदौलत पुलिस ने किडनैपर्स की खटिया खड़ी की
क्या क्रिकेट खेलते हुए छोटे बच्चे, शहर के एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आज़ाद करा पाते हैं? क्या किडनैपिंग की बात बताने थाने पहुंचे बच्चों की बातों को इन्स्पेक्टर अंकल सीरियसली लेते हैं? पढ़िये इस कहानी को. सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@2342512585887517
भारत का लोकतंत्र बहुत बड़ा है, इसे बड़ा बनाया भारत की महान जनता ने...
दोस्तों मैं कहूंगा कि टिकट बेचने और खरीदने वालों को वोट मत देना, शराब और साड़ी बाटने वाले,आपको बेहोश करेंगे फिर लोकतंत्र को लूटेंगे. अच्छे लोगो को वोट देना शुरू करिये, पार्टियां भी अच्छे लोगो को टिकट देंगी. वोट देने से पहले ज़रूर पूछियेगा.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
अभिनव राजवंश
@abhinaw.rajwansh
राहुल की 'भारत जोड़ो यात्रा' में राज्यों के चयन के पीछे का गणित ये है
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का जो रोडमैप बनाया गया है, उसके तहत ये यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरेगी. हालांकि इस यात्रा में बिहार, बंगाल, उड़ीशा और झारखंड जैसे पूर्वी भारत के राज्यों और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को शामिल नहीं किया गया है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
निधिकान्त पाण्डेय
@1nidhikant
'भारत जोड़ो यात्रा' का फायदा देश को मिले न मिले, राहुल गांधी और कांग्रेस को जरूर मिलेगा!
कांग्रेस का 'भारत जोड़ो यात्रा' से उद्देश्य यही है कि वो धर्मनिरपेक्ष भावना के लिए देश के लोगों को आपस में जोड़ सके. करोड़ों भारतीयों की आवाज बन सके और उसे बुलंद कर सके. इसके अलावा मौजूदा वक्त में देश जिन समस्याओं से जूझ रहा है, इसके बारे में वो जनता से बात कर सके.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
अजीत कुमार मिश्रा
@ajitmishra78
वर्ण व्यवस्था और छुआछूत पर गांधी और अम्बेडकर से बहुत अलग थे सावरकर
गांधी का कहना था कि रोटी - बेटी का संबंध (वर्ण व्यवस्था 'सही' है) पर छूआछूत 'गलत' है. अंबेडकर मानते थे कि जाति व्यवस्था शोषण का आधार है और छूआछूत गलत है. वहीं इन दोनों से इतर सावरकर की सोच थी कि वर्ण-व्यवस्था/ जाति व्यवस्था 'गलत' है और छूआछूत 'अपराध' है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
पल्लवी विनोद
@pallavi.vinod1
'सिमरूं मैं पी का नाम'... और नुसरत की आवाज आत्मा में चली गई
सिमरूं मैं पी का नाम... नुसरत साहब जानते थे मीरा के आंसू समूची धरती को डुबा देंगे और इस तरह उन्होंने इस दुनिया को बचा लिया. लोग कहते हैं मीरा की मृत्यु कभी हुई ही नहीं. वो कृष्ण में ही समा गयीं थीं. आज भी वंशी की धुन में मीरा का प्रेम हर दिशा में फैल रहा है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
रीवा सिंह
@riwadivya
गुजरे साल कोरोना में मदद कर नाम कमाने वाला भारत फिर अराजक बन गया है!
गुजरे साल कोरोना के दौर में हमने लोगों को एक दूसरे की मदद करते देखा जबकि इस साल स्थिति दूसरी है. ठीक एक वर्ष बाद का भारतवर्ष रामनवमी के उपलक्ष्य में रैलियां निकाल रहा है. राम को वर्चस्व का सूचक घोषित करने पर अमादा है. राम के नाम पर उपद्रव कर रहा है. उज्ज्वल भगवे रंग को दूसरों के लिये भय का पर्याय बना रहा है.