सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

Rahul Gandhi का राजस्थान दौरा, कृषि बिल के बहाने ज़मीन पाने की छटपटाहट!
जिस तरह से प्रियंका गांधी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कृषि बिल के विरोध के बहाने जाट वोट बैंक पर नज़र लगाए हुए हैं. उसी तरह से राजस्थान में भी राहुल गांधी अपने खोए हुए जाट वोटबैंक को तलाशने आए हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लंबे अरसे बाद राहुल गांधी के साथ बुलाया गया है.सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | बड़ा आर्टिकल

अशोक गहलोत - सचिन पायलट के झगड़े के रुझान अब आने लगे हैं!
राजस्थान में हुए पंचायत चुनाव (Rajasthan Panchayat Election Results) में बीजेपी ने कांग्रेस को जीभर धोया (BJP beats Congress) है. अब अगर सोनिया गांधी को अशोक गहलोत समझायें कि सचिन पायलट (Ashok Gehlot VS. Sachin Pilot) ही निकम्मे-नकारे हैं तो फौरन ही उनको दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया को कॉल करना चाहिये.सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

सोनिया गांधी की कांग्रेस का फर्नीचर वही, बस अब सजावट राहुल गांधी के मन की है!
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कांग्रेस (Congress) संगठन में भारी फेरबदल करते हुए कई नेताओं की जिम्मेदारियां बदली हैं तो कुछ को हटाया भी है - सबसे बड़ी चीज देखने को ये मिली है कि किसी भी कमेटी में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को शामिल नहीं किया गया है!सियासत | बड़ा आर्टिकल

कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले जितिन प्रसाद पर कार्रवाई का दबाव खतरनाक मोड़ पर
कांग्रेस के चिट्ठी विवाद (Congressmen Letter to Sonia Gandhi) में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) भी सक्रिय लग रही हैं. जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) के बहाने बवाल खत्म करने का तरीका सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बिलकुल उलट है - और उसके बैकफायर होने का खतरा भी है.सियासत | बड़ा आर्टिकल

23 कांग्रेस नेताओं का 'लेटर बम' सचिन पायलट की बगावत का एक्सटेंशन ही है
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) तक सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) वैसे ही पहुंचे हैं जैसे सचिन पायलट (Sachin Pilot) के केस में हुआ - ये सचिन पायलट ही रहे जिन्होंने नेतृत्व की हेकड़ी निकाल दी थी और ये चिट्ठी उसके आगे की बात है.सियासत | बड़ा आर्टिकल

कांग्रेस में बदलाव की मांग करना गद्दारी से कम नहीं है!
यूं तो कई बार हम कांग्रेस के अंदर का गतिरोध देख चुके हैं मगर अब जबकि कांग्रेस में लेटर बम (Letter Bomb in Congress) फूट गया है और सोनिया गांधी ने अपने इस्तीफे (Sonia Gandhi Resignation) की पेशकश कर दी है तो इतना तो साफ़ हो गया है कि किसी कांग्रेसी नेता द्वारा कांग्रेस पार्टी में बदलाव की मांग करना गद्दारी से कम नहीं है.सियासत | बड़ा आर्टिकल

Congress को अभी स्थायी नहीं, एक 'एक्सीडेंटल प्रेसिडेंट' चाहिए
कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को फैसला तो लेना ही पड़ेगा. हर तरफ मुश्किल ही नजर आ रही हो तो बेहतर यही रहेगा कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से सीख लेते हुए मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को भी कांग्रेस अध्यक्ष बना दें - निराश होने की गुंजाइश नहीं होगी.सियासत | बड़ा आर्टिकल
