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7000 करोड़ में बिसलेरी से हाथ धोने वाली जयंती की जय तो होनी ही चाहिए
रमेश चौहान ने अपनी मिनरल वॉटर कंपनी बिसलरी को बेचने का एलान करते हुए कहा है कि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि कंपनी को संभालने वाला कोई नहीं है. ऐसा सुनकर उनकी जयंती चौहान के बारे में दो राय बनती है कि या तो वे बिसलरी नहीं संभाल पा रही हैं, या अपने फैशन कारोबार के साथ इसे नहीं संभालना चाहती हैं. लेकिन, सच इन दोनों बातों से परे है...
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गुडफेलोज सीनियर सिटीजन स्कीम, बुजुर्गों के लिए नहीं युवाओं के लिए है!
गुडफेलोज सीनियर सिटीजन स्कीम का फायदा वही बुजुर्ग उठा सकते हैं जो अमीर हैं. जिनके पास पैसा है. जिन्हें पेंशन के रूप में मोटी रकम मिलती है. वरना जो बुजुर्ग गरीब हैं, जिनके बच्चे उन्हें अकेला छोड़ गए हैं, उन्हें तो पूछने वाला भी कोई नहीं है. उन्हें तो वृद्धाआश्रम की ही शरण लेनी पड़ेगी.
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जमशेदजी टाटा: धनकुबेरों को परोपकार के मामले में आईना दिखाते रहेंगे
अपने हितों से ऊपर राष्ट्र हित की भावना को अपनाने की वजह से ही आज टाटा समूह इतना आगे निकल चुका है कि शायद ही भारत का कोई प्रतिष्ठित कारोबारी घराना उनके आस-पास तक भी पहुंच सके. क्योंकि आज के समय में बिजनेस का सीधा सा मतलब हो गया है मुनाफा के लिए अंधी दौड़.
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