सियासत | बड़ा आर्टिकल

मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
ग्वालियर चंबल अंचल में अपने गढ़ बरकरार रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा. तो वहीं इन गढ़ों को फतेह करना भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया है. कौन किस पर भारी पड़ेगा. कौन किसका किले ढहाएगा. यह 2023 के चुनावी रण में देखने को भी मिलेगा.
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कमलनाथ के मैदान में आने से कांग्रेस और भाजपा खेमे में कैसी हलचल है...
कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर एक और नया बवाल खड़ा कर दिया है. एक कांग्रेसी नेता ने नाम न छापने पर बताया कि अभी चल रहे तीन राज्यों के चुनाव को छोड़ दें तो इस साल सात और विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. क्या कांग्रेस बाकी राज्यों में भी मध्य प्रदेश की तरह मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करेगी?
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राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने में कमलनाथ जैसे नेता बहुत बड़ी बाधा हैं
कमलनाथ (Kamal Nath) ने 2024 के चुनाव के लिए प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद पर कांग्रेस की दावेदारी बता कर भारत जोड़ो यात्रा के मकसद को ही कमजोर कर दिया है - अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) चाहे जैसे भी अपना विजन समझाते रहें, बहस का मुद्दा बदल जाएगा.
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राहुल गांधी को मध्य प्रदेश में बीजेपी से बदले का बड़ा मौका दिखाई पड़ा है
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दक्षिण के बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति ही सुहावनी लग रही है, 2024 से पहले वहां बीजेपी से बदला लेने का एक मौका तो है ही - वैसे असली हिसाब-किताब तो ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) से करने का इरादा होगा.
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राहुल गांधी हों या कमलनाथ, कांग्रेसी गलतियां करते नहीं, बस हो जाती हैं
कांग्रेस (Congress) के कई नेता हिंदुओं (Hindu) को लेकर अपनी 'विशेष राय' की वजह से भाजपा के निशाने पर बने रहते हैं. इसके बावजूद कांग्रेस इन बातों से सबक लेती नहीं दिखती है. समझना मुश्किल हो जाता है कि आखिर कांग्रेस एक ही तरह की गलतियां बार-बार क्यों दोहराती है? फिर वो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हों या सतीश जारकीहोली या कमलनाथ (Kamal Nath).
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नौबत कहीं ऐसी ना आ जाए, खड़गे निर्विरोध चुन लिए जाएं?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं. ऐसा लगता है अध्यक्ष किसे बनाना है, इसकी पटकथा पहले से ही लिखकर रख दी गई है. जो हो रहा है वो रामलीला के मंचन जैसा है. खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनने का मतलब है, कमान अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार के ही पास रहेगी. वोटिंग 17 तारीख को होनी है, लेकिन उसके आतेआते परिणाम शायद पहले ही घोषित हो जाएं, वोटिंग की नौबत ही ना आए.
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अशोक गहलोत ने तो गैर-गांधी अध्यक्ष को लेकर सोनिया का शक गहरा कर दिया होगा
राहुल गांधी के जिद पर अड़े होने की वजह से ही सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गैर-गांधी अध्यक्ष (Non-Gandhi Congress President) के तौर पर अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का नाम फाइनल किया - लेकिन राजस्थान की राजनीति को लेकर उनके पैंतरे को देखने के बाद मन में संदेह तो बढ़ा ही होगा.
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राजस्थान का मोह अशोक गहलोत को कभी महान कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनने देगा
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपने नये मिशन पर निकल चुके हैं, कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) बनने की गारंटी के बाद भी राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) का मोह वो छोड़ नहीं पा रहे हैं - हालांकि, एक प्लान-बी की भी चर्चा अब शुरू हो गयी है.
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