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सियासत | बड़ा आर्टिकल

भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की अभी और जरुरत है
निश्चय ही राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से महिला एवं पुरुष दोनों के विकास का एक नया दौर शुरू हुआ है. और इसके परिणाम बेहतर ही होंगे किंतु यह तभी संभव होगा जब एक ओर पुरुष वर्ग व्यापक सामाजिक-राजनीतिक हित में महिला सहभागिता पर गंभीर हो तथा दूसरी ओर देश की महिलाएं अपने राजनीतिक अधिकारों की समता के लिए पुरज़ोर संघर्ष करें.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

Women's Day: क्या मां बनना ही एक औरत के लिए औरत होने का पैमाना है?
वर्किंग महिलाएं यूं भी घर को समेटकर बाहर पहुंच रही हैं. इससे उनपर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है, अतिरिक्त ज़िम्मेदारी संभाल रही हैं वो जिसे बांटकर उनका रूटीन सहज किया जा सकता है लेकिन आज दिनभर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाइयों के ढेर लगाने वाले भी इस ओर कम ही सोचते हैं. पेरेंटहुड को मदरहुड मानकर समाज अपने कार्यभार से मुक्त हो चुका है और औरत का क्या है!
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

Women's Day 2022: महिलाओं के खिलाफ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी लामबंद हैं!
International women's day पर चाहे कितने लम्बे लेख लिख दिए जाएं, कितने ही भाषण कर लिए जाएं जब तक औरतें, औरतों को सपोर्ट नहीं करेंगी हमें कोई जीत हासिल नहीं होने वाली. काश कि औरतें साथ वाली औरतों को आगे लाने में मदद करती न कि उसके बढ़ते कदम को पीछे खींचने की प्लानिंग प्लॉटिंग!
समाज | 6-मिनट में पढ़ें

Women's Day 2022: एक महिला का करियर चुनना भी कहां आसान है, हौसले को सलाम बनता है!
भारत में 78. 8 प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले मात्र 59. 9 % प्रतिशत महिलाएं शिक्षित हैं. 76 % पुरुषों के सामने मात्र 20 .3 % महिलाएं कामकाजी है. 68% प्रतिशत स्नातक यानि ग्रेजुएट लड़कियां महिलाएं देश के वर्क फ़ोर्स का हिस्सा नहीं है.
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Women's Day 2022 : देवी को छोड़िए, वो मनुष्य का दर्जा पाने के लिए युद्धरत है!
Women's Day 2022: इज़्ज़त कोई मुश्किल अष्टांग सूर्यनमस्कार की प्रक्रिया नहीं है, केवल हाव भाव व्यव्हार में इतनी सी बात समझनी है कि स्त्री आप जैसी ही जीती जागती मनुष्य है. महिला दिवस पर कुछ नहीं बस - देवी सा दर्जा नहीं ,स्त्री को मनुष्य रूप में सम्मान दें.
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