सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

आपातकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका क्या थी?
12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया था कि इंदिरा गांधी ने वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव में अनुचित तरीके अपनाए. न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराते हुए उनका चुनाव रद्द कर दिया था. इंदिरा गांधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली से उनके प्रतिद्वंदी राज नारायण थे. यद्यपि चुनाव परिणाम में इंदिरा गांधी को विजयी घोषित किया गया था.
सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

उच्च न्यायालय ऐसे कैसे प्रो रेपिस्ट आदेश दे सकती है ?
क्या न्यायाधीश की आस्था 'Marry your Rapist Law' में हैं ? सो जब पीड़िता के वकील ने कहा कि वह मांगलिक नहीं है तो उन्होंने दोनों पक्षों की सहमति से लड़की की कुंडली चेक कराने की ठान ली ताकि आरोपी को उससे शादी करने का आदेश देकर मामले का पटाक्षेप कर दें.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

Supreme Court: खुद गुरुजी बैंगन खाएं, दूसरों को दे नसीहत!
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और दो अन्य पर एक महिला से बलात्कार करने और उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था. जब पुलिस ने कथित तौर पर विजयवर्गीय और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो शिकायतकर्ता ने एक सिटी मजिस्ट्रेट के हस्तक्षेप की मांग की.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट को जो कहना था उसने कह दिया...
यूपी में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट का फैसला सरकार पर अनेकों अंगुलियां उठाने को मजबूर करता है. इसका सबसे बड़ा कारण है, सरकार द्वारा आरक्षण लागू करने से पहले ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले को सिरे से ख़ारिज करना.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

गर्भपात करवाने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत कब तक?
गर्भपात करवाने के लिए जब लड़की अस्पताल जाती है तो नियमों का हवाला देकर उसका अबॉर्शन करने से मना कर दिया जाता है. मजबूरन वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है. तब तक उसके पेट में पल रहा बच्चा बढ़ता जाता है. एक-एक दिन उसके लिए भारी रहता है मगर इसके सिवा उसके पास कोई चारा नहीं रहता है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

बच्चे को स्तनपान कराकर जान बचाने वाली महिला अधिकारी पुलिस का सबसे अच्छा चेहरा हैं
जब केरल की महिला पुलिस अधिकारी ने बच्चे को बेसुध हाल में देखा तो वे रह नहीं पाईं. उन्होंने डॉक्टर को बताया कि वे हाल ही में मां बनी है और बच्चे को स्तनपान कराना चाहती हैं. उन्होंने डॉक्टर से परमिशन लेकर बच्चे को अपना दूध पिलाया. जिसके बाद बच्चे की हालत में सुधार होने लगा.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
