सियासत | बड़ा आर्टिकल

BBC डॉक्युमेंट्री से अडानी तक, राहुल के करीबी एंटनी ने ही बताया- भारत विरोधी विचार की जगह नहीं अब
बीबीसी की डॉक्युमेंट्री से लेकर गौतम अडानी प्रकरण तक कांग्रेस जैसी पार्टियों के अंदर से जिस तरह का स्टेटमेंट निकलकर आ रहा है, वह साफ़ कर देता है कि असल में फिलहाल का माहौल हिंदू पुनर्जागरण नहीं बल्कि भारत के पुनर्जागरण की घोषणा है. यह कैसे भारत का पुनर्जागरण है, आइए समझते हैं.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

पीएम मोदी को कोसने वाले बिलावल भुट्टो को भारत ने न्योता भेजकर फंसा दिया
2022-2023 में SCO की अध्यक्षता कर रहे भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को आमंत्रित किया है. जो इस साल मई में गोवा में होने वाली है. कई मायनों में देखना दिलचस्प है कि बिलावल मीटिंग के सिलसिले में भारत आते हैं या नहीं.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

बैन किये जाने से 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' का मकसद पूरा होता नजर आ रहा है!
दुनिया का नियम है जब भी किसी चीज पर बैन लगता है पब्लिक उसे हाथों हाथ लेती है. और बीबीसी यही तो चाहती थी कि पीएम मोदी पर बनी उनकी इस डॉक्यूमेंट्री पर भारत की मौजूदा सरकार ओवर रियेक्ट करे. बाकी माना ये भी जा रहा है कि फैन से BBC और डॉक्यूमेंट्री को फायदा ही मिलेगा.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

BBC की डॉक्यूमेंट्री क्या भारतीय एसआईटी, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर है?
गुजरात दंगों की फाइल आधिकारिक रूप से तो बंद हो गई लेकिन बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिर चर्चा में आ गई. बीबीसी से अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से लेकर ब्रिटेन की सांसद तक सवाल पूछे जा रहे हैं. क्या जवाब है बीबीसी के पास? पीएम पर आई डॉक्यूमेंट्री सच है या साज़िश, आइये जानें...
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

नरोदा में दंगाई की बेटी को मिले टिकट पर हैरत कैसी? साध्वी प्रज्ञा तो चुनाव जीत चुकी हैं!
गुजरात विधानसभा चुनावों के तहत भाजपा ने मनोज कुकरानी नाम के व्यक्ति की बेटी पायल कुकरानी को टिकट दिया है. मनोज नरोदा पाटिया दंगे के दोषी हैं. दिलचस्प ये कि बीमारी के नाम पर पैरोल पर बाहर आए मनोज घर घर जाकर बेटी के लिए वोट मांग रहे हैं.
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें

...तो मुसलमान सिर्फ मजहब के लिए लड़ पाता है, बिल्किस बानो के लिए नहीं!
बिल्किस बानो मामले में बलात्कार के 11 दोषियों की रिहाई को दुनिया का कोई भी मानवीय समाज स्वीकार नहीं कर सकता. इस मुद्दे पर बड़े जनांदोलन की जरूरत थी मगर गुजरात से दिल्ली तक सिर्फ रस्मी विरोध हो रहे हैं. ट्वीट किए जा रहे और बयान दिए जा रहे हैं. बस.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

UN की अनधिकृत चेष्टा व भारत के विरोध के पीछे कौन है, और क्यों?
गुजरात के गोधरा में तीर्थयात्रियों को जिन्दा जला दिया गया. तब उसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई. उस प्रतिक्रिया को गुजरात दंगा कहकर विश्वभर में प्रचारित किया गया. कांग्रेस सरकार ने राज्य की सरकार के प्रति राजनीतिक दुराग्रह के चलते इसे पोषित भी किया. इस दुष्प्रचार ने भारत को वैश्विक मंचों पर बहुत कमजोर किया और देश को कई महत्वपूर्ण राजनयिक सम्बन्ध खोने पड़े.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

अंततः बेनकाब हो ही गयीं सुर्ख़ियों में रहने वाली एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़!
गुजरात दंगों के बाद सुर्खियों में आईं तीस्ता सीतलवाड़ पर जालसाजी, साजिश और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. गुजरात पुलिस का आरोप है कि उसने साल 2008 से लेकर 2012 तक 9.75 करोड़ रुपये एकत्र किए अपने एनजीओ की माध्यम से उसमें से 3.75 करोड़ रुपये ब्रांडेड कपड़ों, शूज,विदेशी यात्राओ वगैरह पर खर्च किए.
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