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समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
पहली जंगे आजादी पर गालिब की चुप्पी की वजह!
11 मई 1857 को देश की पहली जंगे आजादी (Freedom Struggle) का श्रीगेणश हुआ था. उस दिन दिल्ली (Delhi) पर बागियों ने हल्ला बोला था. तब उर्दू के शिखर शायर गालिब (Ghalib) दिल्ली में थे. हमारे सामने बड़ा सवाल यही है कि वे पहली जंगे आजादी पर कमोबेश चुप क्यों रहे?
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
विकास कुमार
@100001236399554
सावरकर हीरो या विलेन? तय करने से पहले पढ़ लीजिए...
वीर सावरकर ने भारत की आजादी के लिए अपार कुर्बानियों दी. लेकिन इसके बावजूद उन्हें आजाद भारत में वो स्वीकार्यता नहीं मिल पाई जिसका वो हकदार थे. उनकी तमाम कुर्बानियां कथित विचारधाराओं की भेंट चढ़ गई.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
'तिरंगा' बनाने वाले पिंगली ने शायद ही सोचा हो, देश ऐसे भी बंटेगा?
देश के लिए पिंगली वेंकैया के योगदान को आज शायद ही वो लोग समझ पाएं जो भाषा से लेकर झंडे तक हर उस मुद्दे को लेकर लड़ रहे हैं जिससे देश को नुकसान होता है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
आनंद कुमार
@anandydr
प्रीतिलता वादेदार : जिन्होंने अंग्रेजों को याद दिलाई उनकी असली औकात
अक्सर ही हम सुनते हैं कि आजादी के लिए इस देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. तो इसी क्रम में मिलिए उस महिला से जिसने न सिर्फ देश के लिए हंसते-हंसते अपनी जान दी बल्कि अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाए.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
आशीष वशिष्ठ
@drashishv
लाल किले पर पहला तिरंगा जनरल शाहनवाज खान ने ही फहराया था
आजाद हिन्दुस्तान में लाल किले पर ब्रिटिश हुकूमत का झंडा उतारकर तिरंगा लहराने वाले जनरल शाहनवाज ही थे. देश के पहले तीन प्रधानमंत्रियों ने लालकिले से जनरल शाहनवाज का जिक्र करते हुए संबोधन की शुरुआत की थी.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
गिरिजेश वशिष्ठ
@girijeshv
नेताजी की मौत से लेकर अंतिम संस्कार तक, सब सबूत सामने हैं
नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में हो गई थी और ताईपेई के एक अस्पताल में उनका निधन हुआ था. वहीं के एक श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया था.
सोशल मीडिया
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
ट्विटर देखकर महसूस हुआ, "शहीद उधम सिंह" अब भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं
ऐसा नहीं है कि हर बार सोशल मीडिया बुरा ही है. आज इसे देखकर वाकई खुशी तब हुई जब लोगों को शहीद ए आजम सरदार उधम सिंह के जन्मदिन पर उन्हें याद करते देखा.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
प्रवीण शेखर
@praveen.shekhar.37
आजादी के 3 दीवानों की शहादात की वो 90 साल पुरानी कहानी...
19 दिसंबर को राम प्रसाद बिस्मिल और रोशन सिंह के साथ अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ां को फांसी दे दी गई थी. उस एक घटना की पूरी कहानी आज भी रोंगटे खड़े कर देती है...
सोशल मीडिया
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
फेसबुक से ट्विटर तक, सरफ़रोशी की तमन्ना बस एक तमन्ना ही बनकर रह गयी…
आज राम प्रसाद बिस्मिल का जन्मदिन है. आदतन अपना मैंने ट्वीटर और फेसबुक खोला मगर, सोशल मीडिया पर आते ही मैंने जो देखा उसने मुझे अन्दर तक झकझोर के रख दिया.