सियासत | बड़ा आर्टिकल

बीजेपी के निशाने पर नीतीश-लालू-अखिलेश हैं - पसमांदा पर मायावती क्यों रिएक्ट कर रहीं?
क्षेत्रीय दलों के प्रभाव को कम करने के लिए बीजेपी (BJP) पिछड़े वर्गों और पसमांदा मुस्लिमों (Pasmanda Muslims) को साथ लेकर नये सोशल इंजीनियरिंग पर काम कर रही है. निशाने पर तो नीतीश कुमार और अखिलेश यादव जैसे नेता हैं - लेकिन विरोध का बीड़ा मायावती (Mayawati) ने उठाया है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल

2024 की मुस्लिम पॉलिटिक्स के लिए बीजेपी ने MCD चुनाव को पायलट प्रोजेक्ट बनाया
दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Polls) राजनीतिक प्रयोगों के लिए भाजपा (BJP) को वो सारे मसाले दे रहा है, जो 2024 के आम चुनाव में आजमाये हुए नुस्खे में बदल जाएंगे - पसमांदा मुस्लिम (Pasmanda Muslims) उम्मीदवारों को आजमाने की भी यही वजह है.
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पसमांदा मुसलमानों को तवज्जो मिली तो अशराफों को कितना मंजूर होगा?
इस्लामी शिक्षा के भी अनुसार साधन संपन्न मुसलमान पर ही यह जिम्मेदारी आती है कि वो अपने वंचित मुसलमान भाइयों को ऊपर लाने के लिए काम करे. लेकिन, साधन संपन्न अशराफ मुसलमान (Ashraf Muslim) इसकी जिम्मेदारी उठाना तो दूर, इसकी आवाज दबाने का पूरा प्रयास करता हुआ दिख रहा है.
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मदरसों के लिए दानिश की प्लानिंग अच्छी है मगर मुसलमानों की जड़ता का क्या?
मदरसों को लेकर यूपी सरकार के युवा मुस्लिम चेहरे दानिश आजाद अंसारी के प्लान तो अच्छे हैं मगर उस जड़ता और कट्टरपंथ का क्या जो मुसलमानों में विद्यमान है. सवाल है कि क्या अपनी प्लानिंग से मुसलमानों की जड़ता को दूर कर पाएगी योगी सरकार ?
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दलों को भाजपा और सीएम योगी आदित्यनाथ की ख़ूबियों से सीख जरूर लेना चाहिए!
यूपी में अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोबारा बनी है तो इसकी एक बड़ी वजह उसके कार्यकर्ता हैं. बात अगर एक पार्टी के रूप में भाजपा की हो तो भाजपा अपने हर कार्यकर्ता को हर जीत का नायक मानती हैं, लेकिन कुछ महानायक पर्दे के पीछे से संगठन को ताकत देने का काम करने के लिए रात-दिन पसीना बहाते हैं.
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