सियासत | बड़ा आर्टिकल
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें

दूध के बढ़ते दाम वीगन बनाकर ही दम लेंगे...
अमूल ने फिर से दूध के दामों में इजाफा कर आम आदमी को ठेंगा दिखाया है. मतलब जिस तरह हर दूसरे या तीसरे महीने किसी न किसी तरह की गोली देकर अमूल वाले अपने दूध के दाम बढ़ाते हैं, नौबत यही आ गयी है कि हम उसे पीना छोड़ दें. और वीगन बन अमीरों और चोचलेबाजों में अपना नाम लिखा लें.
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भारत जोड़ो यात्रा का देश की राजनीति पर असर तो पड़ा है - आम बजट पर भी!
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के प्रति बीजेपी या दूसरे राजनीतिक दलों के रवैये में कोई खास बदलाव भले न आया हो, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का प्रभाव कोई भी नजरअंदाज नहीं कर पा रहा है - और असर तो आम बजट (Budget 2023) पर भी महसूस किया जा रहा है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें

देखो भैया ई बजट में क्या हुआ, आपको समझ आ जाए तो हम जैसों को समझा देना!
मुन्ना भाई एमबीबीएस में एक डायलॉग है, तू समझ ले मुझे बाद में सीखा देना. यही हाल बजट समझने वाले हमारे जैसे कुछ लोगों का है. इस फिल्म एक सीन में जब टीचर दूसरें बच्चों के साथ मुन्ना को पढ़ा रहा होता है तो उसे सिलेबस का कुछ भी समझ नहीं आता है. सबकुछ उसके सिर के ऊपर से निकल जाता है. दिमाग में कुछ घुसता नहीं है. यह बजट भी आम लोगों के लिए ऐसा ही है.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

बजट तो बैलेंस लेकिन निर्मला समझें रसोई वाली समस्या अभी भी जस की तस है!
नए बजट में बजट में जितनी भी योजनाओं को लागू करने की बात कही गई है उन्हें ईमानदारी से अमल में लाया जाए. क्योंकि कई योजनाएं ऐसी होती हैं, साल बीत जाने तक शुरू नहीं होती. ये हर पिछले बजट में होता आया है, इसमें ऐसा ना हो, ऐसी सबको उम्मीदें हैं.
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सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
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9 राज्यों और 2024 के आम चुनाव को देखते हुए बनाया गया है ये बजट
जानकार कहते हैं कि मध्यम वर्ग की होने वाली कमाई की तुलना में मंहगाई का बोझ भी बढ़ा है. इसलिए सरकार द्वारा 2023-24 में कड़वी दवाई पिलाने की उम्मीद कम दिखाई दे रही थी. पर यह भी सोचने वाली बात है कि यदि सरकार के पास पैसा नहीं आएगा तो लोक लुभावन काम या विकास की रफ्तार को कैसे संतुलित कर पाएगी.
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