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राहुल गांधी का विदेश दौरा कांग्रेस को नफा पहुंचाने वाला है या नुकसान?
भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस को सुर्खियों से गायब नहीं होने दिया है, ये कोई कम नहीं लेकिन अगले आम चुनाव (General Election 2024) के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा भर ही है - बीजेपी (BJP) तो पूरा फायदा उठा रही है, कांग्रेस?
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राहुल गांधी ने तो कैम्ब्रिज में मोदी सरकार को कश्मीर पर सर्टिफिकेट ही दिया है
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University Lecture) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक आतंकवादी से मुलाकात का किस्सा सुनाया है. ऐसा क्यों लगता है जैसे जमीनी हालात से वाकिफ होने के बाद वो मोदी सरकार की कश्मीर नीति (Modi Kashmir Policy) के दुरूस्त होने की तस्दीक कर रहे हों!
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राहुल गांधी न्यायपालिका और मीडिया को लेकर पूर्वाग्रह से भरे हुए क्यों हैं?
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कुछ छात्रों को सुनने की कला सिखाने लंदन गये थे, लेकिन वो समाचार सुनने की भी जहमत नहीं उठायी जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ऐसा फैसला सुनाया है जिसने मोदी सरकार (Narendra Modi) को खामोश कर दिया है.
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राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से देश नहीं जुड़ा, पूर्वोत्तर तो बिल्कुल भी नहीं!
नागालैंड में 1, मेघालय और त्रिपुरा में 60-60 सीटों में से कांग्रेस पार्टी ने 4 सीटों पर लीड दर्ज की है. तीनों ही राज्यों में जैसी परफॉरमेंस कांग्रेस की रही, साफ़ हो गया कि भले ही राहुल गांधी की इमेज बिल्डिंग हो गयी हो लेकिन भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ. यात्रा अपने से देश को नहीं जोड़ पाई. पूर्वोत्तर को तो बिल्कुल भी नहीं.
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बाकी चीजों के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे ये भी बता देते - यूपीए 3 में का बा?
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने 2024 के आम चुनाव के लिए विपक्ष (Opposition) को कांग्रेस की तरफ से जो फॉर्मूला समझाया है, उसमें प्रधानमंत्री का पद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए रिजर्व रखा गया है - जिन नेताओं को पहले से ही परहेज है, वे तो साथ आने से रहे!
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राहुल गांधी को लेकर सोनिया गांधी अब भी आश्वस्त क्यों नहीं हो पा रही हैं?
कांग्रेस अधिवेशन को लेकर कम से कम दो बातों की चर्चा है. एक, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के भाषण की और दो, प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के जोरदार स्वागत की - सोनिया का भाषण सुन कर तो लगता है, वो अब भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर निराश ही हैं.
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राहुल गांधी को नोटिस भिजवा कर बीजेपी नेताओं ने गलती कर दी
अदानी ग्रुप के कारोबार (Adani Business Issue) को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपने स्टैंड पर कायम तो हैं ही, विशेषाधिकार हनन के नोटिस (Breach of Privilege Notice) का जवाब देने के बाद तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ और भी आक्रामक हो गये हैं - बीजेपी को कोई फायदा हुआ क्या?
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