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पूरा बॉलीवुड पठानिया हो गया है!
शाहरुख़ खान की हालिया रिलीज फिल्म पठान का हिट होना बनता ही है, ढेरों ट्विस्ट जो हैं पठान की यात्रा में. व्यूअर्स को एंगेज रखने के लिए. हैट्स ऑफ टू टू सिद्धार्थ आनंद फॉर दोज एंगेजिंग ट्विस्ट्स. बाकी जो विवाद फिल्म को लेकर है वो बेकार है. विरोध करने वालों को फिल्म देखनी चाहिए.
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अहमदाबाद में पुलिस की मौजूदगी में दिखा बजरंग दल का 'बेशर्म रंग'!
अहमदाबाद में शाहरुख खान की फिल्म पठान के प्रमोशन के दौरानएक मॉल में हंगामा हुआ है. वीडियो वायरल है जिसमें दिख रहा है कि बजरंग दल के कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे का उद्घोष करते हुए एक मॉल में घुस गए और विरोध के नाम पर वहां जमकर उपद्रव मचाया. दिलचस्प ये कि जब बवाल हो रहा था पुलिस मौके पर मौजूद थी.
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Besharam Rang song: बॉलीवुड में कोरियाग्राफी चूल्हे में चली गई, लिहाजा गाने भी!
पठान कंट्रोवर्सी को दरकिनार कर निष्पक्ष हो कर हम अगर बेशर्म रंग गाना सुनें / देखें,तो इसमें कोरियोग्राफी के नाम पर वाक़ई ऐसा कुछ नहीं है जो अपने में भारतीय मूल्यों को प्रदर्शित करे. मतलब अगर इस गाने से थोड़ी देर के लिए शाहरुख़ और दीपिका को निकाल दिया जाए और फिर इसे देखा जाए तो कहीं से भी नहीं लगेगा कि हम किसी बॉलीवुड फिल्म का हिंदी गाना देख रहे हैं.
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Jhoome Jo Pathaan song: सिनेमाई हाराकीरी पर उतारू शाहरुख़ और दीपिका!
पठान के लेटेस्ट गाने 'झूमे जो पठान' को लेकर सोशल मीडिया पर खूब बज है. ऐसे में जब हमने गाना देखा तो यही लगा कि गाने में शाहरुख़ खान की ड्रेस से लेकर लुक तक ऐसा कुछ नहीं है जो उनकी उम्र से मैच हो रहा है. वहीं दीपिका खुद सामने आएं और जनता को उस आदमी का नाम बताएं जिससे उन्हें ये प्रेरणा मिली कि कम कपड़े उन्हें दर्शकों की नजर में सेक्सी बनाएंगे.
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'बेशर्म रंग' में दीपिका ने ऑब्जेक्टिफाई होने के अलावा और किया क्या है?
दीपिका ने ऑब्जेक्टिफ़ाय होने के अलावा बेशर्म रंग में कुछ नहीं किया. रौनक, रोशनी और रंग पर तो सबका हक़ है न! इसपर बहस करेंगे तो क्राफ्ट पर कब बात करेंगे? शाहरुख़ हरदिल अज़ीज़ हैं लेकिन उम्र की एक अपनी ख़ूबसूरती होती है, गरिमा होती है. उम्र के मुताबिक किरदार चुनना उन्हें और निखारेगा. सीनियर बच्चन प्रत्यक्ष प्रमाण हैं.
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दीपिका पादुकोण समझें कि नोरा बनना उनके लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है!
दीपिका बिकिनी में बहुत ख़ूबसूरत लगती हैं. कॉकटेल और हालिया फ़िल्म गहराईयां में वे बड़ी अच्छी लगी हैं पर यहां नोरा फतेही के डांस मूव्स कॉपी करती हुई तनिक अटपटी लग रही हैं. नोरा बेहतरीन डांसर हैं और दीपिका अच्छी अभिनेत्री हैं पर डांस के मसले में वे नोरा के सामने कहीं नहीं टिकतीं.
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जेंडर इक्वलिटी के मद्देनजर केसरिया या भगवे को स्वीकारने में क्या दिक्कत है?
दीपिका का भगवा लुक नागवार गुजर रहा है. भई ! कलर है. ब्राइट येलो कह लो या पीला कह लो और कूल रहो ना! और यदि केसरिया या भगवा ही समझ आया तो रूल ऑफ़ जेंडर इक्वलिटी अप्लाई कर लो ना. बेवजह ड्रेस कोड को ना उलझाओ क्योंकि बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी.
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