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Updated: 17 सितम्बर, 2017 02:30 PM
बिजय कुमार
बिजय कुमार
  @bijaykumar80
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श्रीलंका में क्लीन स्वीप करके लौटी भारतीय क्रिकेट टीम आज से ऑस्ट्रेलिया के साथ शुरू हो रहे पांच एकदिवसीय मुकाबलों की सीरीज में एक बार फिर अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार है. लेकिन इस बार मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से है जिससे कांटे की टक्कर होती रही है चाहे वो मैदान के भीतर हो या बाहर. भारत बनाम पाकिस्तान के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए इन दोनों टीमों का मुकाबला सबसे रोमांचक और दिलचस्प होता है. वैसे विराट की टीम को इन मुकाबलों में घरेलु माहौल का फायदा मिलने की पूरी उम्मीद है लेकिन आईपीएल के बाद से ऑस्ट्रेलियाइ खिलाडियों के लिए भी भारत मानो जैसे दूसरा घर ही हो.

विराट कोहली, ऑस्ट्रेलिया, भारत, क्रिकेट

दोनों टीमों की मैदान पर प्रतिद्वंद्विता, खिलाड़ियों का जुनून और तेवर पिछली बार टेस्ट सीरीज में देखने को मिला था जिसमें भारत ने 2-1 से जीत दर्ज की थी. इस बार ऑस्ट्रेलियाई टीम में उसके शीर्ष दो तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड नहीं हैं. लेकिन स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और ग्लेन मैक्सवेल की तिकड़ी की मौजूदगी टीम को काफी आक्रामक बनाती है और पहले की भांति बड़े स्कोर वाले मैच देखने को मिलेंगे इसकी पूरी उम्मीद है क्योंकि भारत की तरफ से भी विराट कोहली और रोहित शर्मा के अलावां अब महेंद्र सिंह धोनी भी अच्छी फॉर्म में दिख रहे हैं. बड़े स्कोर वाले मैच की बात हो तो साल 2013 का वो मुकाबला याद आता हैं जिसमे ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी कर 351 रन बनाकर भी ६ विकेट से हार गया था. भारत की ओर से इस मैच में रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन ने शानदार पारियां खेली थी.

अगर पिछले चार -पांच साल के आंकड़ों पर ग़ौर करें तो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैचों में प्रति ओवर छह रन या उससे अधिक बने हैं यही नहीं बात पिछले पांच सालों की करें तो दोनों टीमें 14 बार आमने सामने हुई हैं जिनमें से 10 बार पहली पारी में 300 से ज़्यादा रन बने हैं और कई मौकों पर पीछा करने वाली टीम ने तीन सौ से ज्यादा रन बनाकर मैच अपने नाम भी किया हैं.

यही वजह है कि इस बार दोनों टीमें रनों की बरसात पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश करेंगी और जो टीम इसमें कामयाब होगी उसकी जीत लगभग पक्की हो जाएगी. बड़े स्कोर पर रोक लगाने के लिए बीच के ओवरों में रनों को रोकने के साथ-साथ विकेट भी निकालना जरुरी होगा. तभी तो दोनों टीमें कलाई के स्पिनर्स पर भरोसा दिखाती नजर आ रही हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरफ से लेग स्पिनर एडम ज़ैम्पा और भारत की ओर से रविंद्र जडेजा, बाएं हाथ के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल टीम का हिस्सा हैं. इनमें से दो तो प्लेइंग 11 में शामिल होंगे ही.

वैसे स्पिन के मामले में भारतीय गेंदबाज घरेलु परिस्थितियों में ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़ सकते हैं लेकिन एडम ज़ैम्पा को भी भारतीय टीम हल्के में नहीं ले सकती. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को सबसे अधिक चिंता चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप से है क्योंकि उन्होंने अभी उन्हें पूरी तरह से पढ़ नहीं पाया है. सुनने में आया है कि टीम ने उनसे निपटने के लिए केरल के एक चाइनामैन गेंदबाज की गेंदबाजी पर प्रैक्टिस की है. रविंद्र जडेजा की गेंदबाजी और बल्लेबाजी से तो हर कोइ वाकिफ है लेकिन कुलदीप और चहल ने सीमित मौकों में अच्छा खेल दिखाया है.

ऐसा माना जाता है की कलाई के स्पिनर्स महंगे साबित होते हैं, लेकिन इन दोनों ने मिले मौकों में काफी किफायती गेंदबाजी का प्रदर्शन किया है और दोनों की शैली काफी आक्रामक है जिसका उदाहारण हमें आईपीएल मुकाबलों में खूब देखने को मिला है. अब देखना ये है की क्या इस सीरीज में भी एक बार फिर बल्लेबाज तेजी से रन बटोरेंगे या कलाई के जादूगर उनपर भारी पड़ेंगे.

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लेखक

बिजय कुमार बिजय कुमार @bijaykumar80

लेखक आजतक में प्रोड्यूसर हैं.

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