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Updated: 11 जनवरी, 2019 06:39 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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एक चायवाला क्या-क्या कर सकता है ये तो हिंदुस्तानियों से बेहतर और कोई नहीं जान सकता है. एक चायवाला हमारे देश में पीएम भी बन सकता है और एक चायवाला खुद को सबसे बेहतर मैनेजमेंट गुरू भी साबित कर सकता है. यहां एक ऐसे चायवाले के बारे में बात हो रही है जो सिर्फ चाय बेचकर अपनी पत्नी के साथ 23 देशों की सैर कर आया. आप कोई गलत संकेत लें उससे पहले मैं बता दूं कि यहां प्रधानमंत्री मोदी की बात नहीं हो रही है बल्कि यहां बात हो रही है एक ऐसे जोड़े की जो कोच्ची में अपनी एक छोटी सी चाय की दुकान चलाता है.

ये कहानी है विजयन और उनकी पत्नी मोहाना की. एक तरफ दुनिया के कई अमीर जोड़ों की कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन ये एक ऐसे जोड़े की कहानी है जो शायद अपनी खुशियों के मामले में उनसे बहुत ज्यादा अमीर होंगे. विजयन अपनी चाय-कॉफी की दुकान में हर दिन काम करते हैं और दिन के 300 रुपए बचाते हैं. पर उन्हीं 300 रुपए में विजयन ने ऐसा मैनेजमेंट बना कर रखा है कि कई विदेश यात्राएं कर ली हैं.

कैसे करते हैं विजयन ऐसा?

विजयन को अपनी पत्नी के अलावा, दो चीज़ों से सबसे ज्यादा प्यार है. एक तो घूमना और दूसरा चाय. बस इसी प्यार को पूरा करने की कोशिश करते रहते हैं. विजयन ने अपनी दुकान खोलने से पहले ही घूमने के प्रति अपने प्यार के लिए बहुत कुछ किया था. वो घर से अनाज चुराकर उसे बेच देते थे और पैसे बचाते थे जिससे वो घूमने जा सकें. विजयन का जीवन एक ही ढर्रे पर चलता है. पहले पैसे बचाओ फिर घूमने जाओ.

चायवाला, घूमना, विजयन , मोहाना, कोच्चीसिंगापुर यूनिवर्सल स्टूडियो के सामने विजयन और उनकी पत्नी

धीरे-धीरे कर विजयन इस हालत में आ गए थे कि उन्होंने अपनी दुकान खोल ली. उसके बाद शुरू हुआ बचत और घूमने का सिलसिला. विजयन और मोहाना की उम्र 70 पार है, लेकिन उनके दिल में अभी भी ललक वही बच्चों वाली. पिछले 50 साल से हर दिन वो घूमने के लिए बचत कर रहे हैं.

चायवाला, घूमना, विजयन , मोहाना, कोच्चीअमेरिका यात्रा के दौरान विजयन और उनकी पत्नी

विजयन का कहना है कि वो हर दिन 300 रुपए बचा लेते हैं. उस पैसे को इकट्ठा करते हैं और फिर घूमने जाते हैं. एक ट्रिप पर बैंक से लोन लेकर भी मदद हो जाती है. 1 साल अगर वो ट्रिप पर गए हैं तो अगले दो साल वो बैंक का लोन चुकाने और अन्य पैसे जोड़ने के लिए करते हैं और फिर यही सिलसिला शुरू हो जाता है. ये जोड़ा 1963 से चाय बेच रहा है और अपनी मिलनसारिता और इसी जज्बे के कारण ये जोड़ा लोकल और फॉरेनर्स के बीच बहुत लोकप्रिय रहता है. विजयन की दुकान पर दिन-रात ग्राहकों का तांता लगा रहता है.

चायवाला, घूमना, विजयन , मोहाना, कोच्चीअपनी पत्नी के साथ दुबई में विजयन

अभी तक विजयन और मोहाना ने सिंगापुर, अर्जेंटीना, पेरू, स्वित्जरलैंड, ब्राजील जैसे कई देश घूम लिए हैं. इतने देशों की सैर करने के बाद विजयन को लगता है कि इन ट्रिप्स से उनकी सोच और कल्चर में थोड़ा परिवर्तन आया है.

विजयन की कहानी इतनी लोकप्रिय रही है कि वो अब इंटरनेट सेंसेशन बन चुके हैं. वो इतने लोकप्रिय हैं कि आनंद महेंद्रा ने भी उनकी मदद करने की सोची है.

यहां तक कि वो उनकी एनिवर्सरी की डेट भी जानना चाहते हैं ताकि उन्हें गिफ्ट दिया जा सके.

ये पहली बार नहीं है कि इस जोड़े के लिए किसी ने पैसे डोनेट करने की सोची है. 2015 में ये जोड़ा अमेरिका जाना चाहता था और इसलिए अनुपम खेर सहित कई लोगों ने डोनेशन दिया था और उनका सपना पूरा किया था.

ये एक बेहद दिलचस्प कहानी है क्योंकि ये जोड़ा वो जिंदगी जी रहा है जिसका उन्होंने हमेशा से सपना देखा था. एक बात खुद सोचिए कि क्या वाकई जिंदगी के किसी भी पड़ाव पर हम ये नहीं सोचने लगते कि जिंदगी निकल गई और हम वो नहीं कर पाए जो करना चाहते थे. अपना सपना पूरा करने की ललक इंसान को और ज्यादा मेहनत करने के लिए प्रेरित तो करती है, लेकिन हम भविष्य की सोचकर आज में जीना छोड़ देते हैं.

चायवाला, घूमना, विजयन , मोहाना, कोच्चीविजयन और उनकी पत्नी की मदद के लिए कई लोग आगे आए हैं.

खुद से पूछकर देखिए कि आखिरी बार कब था जब आपने बिना किसी चिंता के कोई ट्रिप प्लान की हो? आखिरी बार कब था जब अपने पैशन को पूरा किया हो? जिंदगी एक ही बार मिलती है और जीना उसे एक ही बार में पड़ता है. हमेशा सोचते हुए ही जिंदगी निकाल दी जाए कि फिर कभी अपना सपना पूरा कर लेंगे तो ये बेहद गलत बात है. अगर कुछ नहीं तो विजयन और मोहाना से एक सीख ही ले सकते हैं कि हर उम्र में खुद को उसी ललक के साथ आगे बढ़ाना चाहिए जिस ललक के साथ हमने सपने देखने की शुरुआत की थी.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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