Switzerland के पहाड़ पर हमारा तिरंगा कोरोना के खिलाफ जंग में मनोबल बढ़ाएगा
कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में उम्मीद और दृढ़ निश्चय हम सबमें बना रहे, इसी सोच को समर्पित यह तिरंगा स्विट्जरलैंड के इस त्रिकोणीय पर्वत पर जगमगा रहा है.
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आज की सुबह एक बेहद ख़ूबसूरत तस्वीर के साथ शुरू हुई जिसमें स्विट्जरलैंड (Switzerland) का महत्वपूर्ण लैंडमार्क मैटरहॉर्न पर्वत, तिरंगे (Indian Tricolor Flag) की रोशनी में रंगा हुआ था. 1000 मीटर से अधिक आकार का हमारा तिरंगा COVID 19 के खिलाफ लड़ाई में सभी भारतीयों की एकजुटता व्यक्त करने के लिए प्रदर्शित किया गया है. राष्ट्रीय ध्वज की झलक भर ही हम भारतीयों में अद्भुत भाव पैदा करती है. हममें स्वतः ही एक अज़ब सा आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में यही उम्मीद और दृढ़ निश्चय हम सबमें बना रहे, इसी सोच को समर्पित यह तिरंगा इस त्रिकोणीय पर्वत पर जगमगा रहा है.
इस एक दृश्य ने हमें यह भी बताया कि तस्वीरों की भी अपनी इक भाषा होती है जो मौन रहकर भी संवाद करती है, प्रेरणा देती है. इसमें यह सन्देश भी निहित है कि महासंक्रमण के इस काल में सब कुछ बिखरने के बजाय, यह सभी सीमाओं को फिर से जोड़ने और साथ चलने का समय है. स्विट्जरलैंड ने यह भाव प्रस्तुत करके न केवल वैश्विक समाज को एक आदर्श उदाहरण ही दिया है बल्कि विश्वभर को अपनी सोच के विस्तार की ओर इंगित भी किया है. इसके लिए स्विट्जरलैंड निश्चित रूप से सराहना एवं बधाई का पात्र है और हम भारतवासियों के लिए यह गौरवशाली पल के रूप में साथ रहेगा.
इस वायरस के हमले ने एक बार फिर यह भी सिद्ध कर दिया है कि हम किसी भी देश, धर्म, जाति के हों पर सबके दुःख का रंग एक-सा ही होता है. ये पीड़ा ही है जो हमारी सोच को एकाकार कर मनुष्यता जीवित रखती है और हमारी परेशानियाँ, हमारे दर्द जब-जब भी आँखों से उतर रिसने लगते हैं तो सारे भेदभाव किसी कोने में स्वतः ही सरक जाते हैं. इस समय सम्पूर्ण विश्व की जो तस्वीर दृष्टमान है वही तो हमारे 'वसुधैव: कुटुम्बकम्' की अवधारणा का मूलभाव है.
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः
सर्वे भद्राणिपश्यन्तु मा कश्चिद्दुःख भाग भवेत्
स्विट्जरलैंड के पहाड़ पर जगमाता तिरंगा इस बर्फीले देश का भारत को गर्मजोशी भरा तोहफा है.
यह सह अस्तित्व से जुड़ी शाश्वत भावना है जिसमें संकीर्ण सोच के लिए कोई स्थान नहीं होता! यही वर्तमान समय की अनिवार्यता भी है. अब जबकि इस वायरस के विरुद्ध पूरा विश्व एकजुट है तो आशा करते हैं कि इस समस्या से निकल आने के बाद भी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सौहार्द्र का यही भाव बना रहे!
ऐसे में बशीर बद्र साहब का यह शे'र और भी प्रासंगिक हो जाता है कि-
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत
Lockdown के इस कठिन समय में ऐसे किस्से चेहरे पर मुस्कान लाने और हौसला बढ़ाने के लिए काफ़ी हैं. मैं जानती हूँ कि हम सब जल्द ही इस महामारी को परास्त कर सकेंगे. बस सारी वैमनस्यता छोड़ साथ चलना होगा.
तिरंगे को हम सबका सलाम और स्विट्जरलैंड, तुम्हारा शुक्रिया :)
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