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Updated: 13 अप्रिल, 2021 08:48 PM
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भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित तेजी आई है. राज्य सरकारें कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी लाने के लिए लॉकडाउन से लेकर कोरोना कर्फ्यू तक लगा रही हैं. इन सबके बीच एक राहत भरी खबर है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद अब भारत को कोरोना से लड़ने के लिए एक और वैक्सीन मिल गई है. रूस में बनी स्पूतनिक V (Sputnik V) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 ने भारत सरकार को सुझाव दिया था कि WHO की लिस्ट में शामिल अन्य देशों की वैक्सीन को भी आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी जाए. इस सुझाव को भारत सरकार ने मान लिया है, जिसके बाद कहा जा सकता है कि जल्द ही भारत में स्पूतनिक V जैसी अन्य विदेशी वैक्सीन भी लोगों को उपलब्ध होने लगेंगी. स्पूतनिक V वैक्सीन को 60 देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन आने के समय भी लोगों के मन में कई सवाल उठे थे. इस स्थिति में स्पूतनिक V को लेकर भी सवाल उठना वाजिब है. आइए जानते हैं स्पूतनिक V वैक्सीन से जुड़ी हर जानकारी.

स्पूतनिक V को किसने बनाया और भारत में कौन बनाएगा?

स्पूतनिक V वैक्सीन को रूस में बनाया गया है. रूस में इस वैक्सीन का इस्तेमाल बीते साल अगस्त से ही किया जा रहा है. स्पूतनिक V को गेमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है और भारत में डॉ. रेड्डी लैब्स इसकी 10 करोड़ डोज का निर्माण करेगी. रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने भारतीय कंपनियों हेटरो बायोफार्मा, ग्‍लैंड फार्मा, स्‍टेलिस बायोफार्मा, विक्‍ट्री बायोटेक के साथ वैक्सीन की करीब 85 करोड़ डोज बनाने का करार किया है. माना जा रहा है कि ये सभी कंपनियां एक साल में करीब 90 करोड़ डोज तैयार करेंगी.

Covaxin और Covishield वैक्सीन की तरह ही Sputnik V भी पूरी तरह से सुरक्षित है.Covaxin और Covishield वैक्सीन की तरह ही Sputnik V भी पूरी तरह से सुरक्षित है.

वैक्सीन कितनी प्रभावी और सुरक्षित?

Covaxin और Covishield वैक्सीन की तरह ही Sputnik V भी पूरी तरह से सुरक्षित है. ट्रायल के नतीजों के आधार पर Sputnik V का एफिकेसी रेट 91.6 फीसदी है. स्पूतनिक V वैक्सीन के अभी तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नही आए हैं. कोई भी वैक्सीन लगने के बाद होने वाले सामान्य बुखार, थकान जैसे आम साइड इफेक्ट ही नजर आते हैं. ये जरूरी नही है कि ये साइड इफेक्ट सभी लोगों में दिखाई दें.

कितनी डोज लेनी होगी?

स्पूतनिक V वैक्सीन की दो डोज दी जाती हैं. यह कोविशील्ड वैक्सीन की तरह ही वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म में एडेनोवायरस का इस्तेमाल कर बनाई गई है. वैक्सीन की दो डोज के बीच में 21 दिनों का अंतर रखा जाएगा. इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान में आसानी से स्टोर किया जा सकता है.

कितनी होगी कीमत?

भारत में स्पूतनिक V किस कीमत पर उपलब्ध होगी, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. विदेशों में स्पूतनिक V वैक्सीन की एक डोज की कीमत 10 डॉलर (करीब 700 रुपये) से कम है. पहले यह वैक्सीन रूस से आयात की जाएगी, तो इसका खर्च थोड़ा बढ़ने की संभावना है. भारत में उत्पादन शूरू होने पर वैक्सीन की कीमत में कमी आ सकती है.

किन्हें दी जा सकती है वैक्सीन?

स्पूतनिक V वैक्सीन का टीका 18 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है. इस वैक्सीन के टीके बच्चों और गर्भवती महिलाओं को देने के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. स्पूतनिक V के ट्रायल में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को शामिल नहीं किया गया था.

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