पाकिस्तान के पूर्व जज के पास हैं 2200 गाड़ियां, लेकिन कहानी में एक ट्विस्ट भी है
पाकिस्तान के एक पूर्व जज के पास करीब 2200 गाड़ियां होने का मामला सामने आया है, जिसके बारे में किसी को भनक ही नहीं थी. यहां तक कि खुद उस पूर्व जज को भी इसका नहीं पता था, जिसके नाम पर ये गाड़ियां रजिस्टर्ड थीं.
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पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा था तो मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री आवास की कारों और भैंसों को बेच दिया. इस बेड़े में करीब 80 कारें थीं. लेकिन पाकिस्तान के एक पूर्व जज के पास करीब 2200 गाड़ियां होने का मामला सामने आया है, जिसके बारे में किसी को भनक ही नहीं थी. यहां तक कि खुद उस पूर्व जज को भी इसका नहीं पता था, जिसके नाम पर ये गाड़ियां रजिस्टर्ड थीं. आप ये सब जानकर हैरान जरूर हो रहे होंगे, लेकिन सच यही है.
पाकिस्तान के एक पूर्व जज के पास करीब 2200 गाड़ियां होने का मामला सामने आया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जज के नाम पर 2200 गाड़ियां
पाकिस्तान के पूर्व जज सिकंदर हयात के नाम पर एक-दो नहीं, बल्कि करीब 2200 गाड़ियां रजिस्टर हैं. 82 साल के हयात को जब ये पता चला तो खुद उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. ये मामला इतना बढ़ गया है कि अब सुप्रीम कोर्ट में इस पर जिरह शुरू हो गई है. हयात का दावा है कि उन्होंने अपने जीवन में सिर्फ एक कार खरीदी है, लेकिन पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के अनुसार उनके नाम पर 2224 गाड़ियां हैं. अब सवाल ये उठ रहा है कि जब इतने सालों तक हयात को इस सच का पता नहीं था, तो अचानक ऐसा क्या हो गया कि इस सच से पर्दा उठ गया.
एक चालान ने खोल दिया राज
ये सब हुआ एक चालान की वजह से. पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक हयात के घर पर एक चालान पहुंचा, जो उनके नाम पर रजिस्टर किसी एक गाड़ी का था. पहले तो हयात चालान देखकर हैरान हुए और फिर ये देखकर सोच में पड़ गए कि किसी और की गाड़ी का चालान उन्हें क्यों भेजा गया है. जब इस मामले पर पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट से पूरी जानकारी मांगी गई तो पता चला कि वह कार पूर्व जज सिकंदर हयात के नाम पर ही रजिस्टर है. इतना ही नहीं, विभाग ने ये खुलासा भी किया कि उनके नाम पर 2224 गाड़ियां रजिस्टर हैं.
अब उठ रहे हैं सवाल
ये मामला सामने आने के बाद अब न सिर्फ पूर्व जज सिकंदर हयात कठघरे में नजर आ रहे हैं, बल्कि एक चालान की वजह से अब पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट भी कठघरे में जा पहुंचा है. पूर्व जज ये नहीं समझ पा रहे कि उनके नाम पर किसने इतनी सारी कारें खरीद लीं. जहां एक ओर हयात को शक भरी निगाहों से देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट की भूमिका पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के सचिव और निदेशक से इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आपको बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान में बेनामी संपत्ति का मामला काफी गरम है और इस बीच पूर्व जज की कारों ने एक हलचल सी पैदा कर दी है.
इस मामले में हयात की दलीलें तो सुप्रीम कोर्ट आसानी से मान भी लेगा, लेकिन सवाल ये है कि पंजाब एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट खुद को कैसे बचाएगा? एक शख्स के नाम पर 2224 गाड़ियां रजिस्टर थीं और विभाग को पता कैसे नहीं चला? क्या फर्जी दस्तावेज के दम पर एक के बाद एक गाड़ियां रजिस्टर होती रहीं और विभाग को भनक तक नहीं लगी? अगर ऐसा है, तो यकीनन कोई अधिकारी तो जरूर है, जिसकी मदद से ये सब हुआ. एक तो 2224 गाड़ियां, दूसरा पूर्व जज के नाम पर इनकी रजिस्ट्री. अभी तो ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. ये देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले की परतें खुलने पर किन-किन लोगों की गर्दन फंसती है.
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