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Updated: 03 नवम्बर, 2017 11:12 AM
रिम्मी कुमारी
रिम्मी कुमारी
  @sharma.rimmi
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बचपन में जब भी हमें डर लगता या कभी आस-पास भूत के होने का अंदेशा होता तो हम हनुमान चालीसा का पाठ करने लगते. हनुमान चलीसा पढ़ते मन में ऐसी ताकत आती लगता मानो सुपरमैन हम ही हैं और भूत-वूत तो तेल लेने चला जाता. खैर ये तो हुई बच्चों की बात. लेकिन अब ऐसा लगता है जैसे लोगों के दिलो-दिमाग में मोदी-योगी का नाम भी भूत की तरह गूंजने लगा है.

उनका नाम सुनते ही या उनकी फोटो देखते ही कुछ ऐसे बौखला जाते हैं कि मानो प्रलय आ गया. यकीन नहीं होता तो सुनिए एक सच्ची कहानी.

Narendra Yogi, Yogi Adityanathपेंटिंग से इतनी नफरत?

ये कहानी है उत्तरप्रदेश के बलिया जिले की. यहां के सिकंदरपुर गांव में पिछले महीने एक आदमी ने अपनी 24 वर्षीय पत्नी को सिर्फ इसलिए घर से निकाल दिया क्योंकि उसने पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी की पेंटिंग बनाने की जुर्रत की थी. हुआ यूं कि नवंबर 2016 में मटूरी गांव की नग़मा परवीन की शादी सिकंदरपुर के बासकीर्पुर गांव के परवेज़ खान से हुई थी. पुलिस का कहना है कि नग़मा ने हाल ही में पीएम मोदी और सीएम योगी की पेंटिंग बनाकर पति को दिखाया. पेंटिंग देखते ही परवेज़ का गुस्सा सांतवे आसमान पर चला गया और नग़मा के साथ मारपीट करने लगा. इसके बाद उसने उसको घर से निकाल दिया. हालांकि नग़मा के पिता का आरोप है कि परवेज़ हमेशा उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था. नग़मा उसके अत्याचार को सहकर भी घर में रह रही थी.

नग़मा ने इसके बाद अपने पिता को फोन किया. नग़मा के पिता बासकीर्पुर आए और परवेज और मां-बाप से बातचीत के जरिए मामले को निपटाने की कोशिश करने लगे. लेकिन नग़मा के ससुराल वालों ने आरोप लगाया कि नगमा पागल हो गई है. क्योंकि वो मोदी और योगी की पेंटिंग बनाती इसलिए उसे घर में रहने का कोई हक नहीं है.

Narendra Yogi, Yogi Adityanath

तो देखा आपने? मोदी जी और योगी जी लोगों के दिल में ही नहीं दिमाग पर भी हावी होने लगे हैं. लोगों के बीच के वैचारिक मतभेद से रिश्ते पहले टूटते थे अब तो राजनीतिक पसंद-नापसंद भी घरों को तोड़ रहे हैं.

ये कहां तक सही है और कहां तक गलत इसका फैसला आप स्वयं करें. लेकिन एक बात जिसे हर किसी को ध्यान में रखनी चाहिए वो ये कि देश का प्रधानमंत्री या किसी राज्य का मुख्यमंत्री नफरत के लिए नहीं होता. वैचारिक, राजनीतिक मतभेद अपनी जगह होते हैं लेकिन उसके लिए पागलपन की हद पार करना बेवकूफी से ज्यादा कुछ भी नहीं है.

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लेखक

रिम्मी कुमारी रिम्मी कुमारी @sharma.rimmi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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