दुनिया के 5 अहम धर्मों के हिसाब से.. ये है महिलाओं की ताकत
कुछ धर्म महिलाओं को धर्मगुरू बनने की इजाजत देते हैं और कुछ में महिलाएं अभी भी वहीं हैं. दुनिया के 5 बड़े धर्म क्या कहते हैं महिलाओं के बारे में चलिए देखते हैं.
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महिलाओं के लिए हमेशा धर्म और धर्म से जुड़े रीति रिवाज बहुत जरूरी माने गए हैं. कुछ धर्म महिलाओं के लिए काफी कट्टर होते हैं और कुछ में महिलाओं को काफी आजादी होती है. बदलते समय के साथ-साथ महिलाओं की मान्यताएं भी धर्म को लेकर बदलती जा रही हैं. अगर मॉर्डन वुमेन की बात करें तो धर्म को वो कैसे देखती है?
शायद इसके बारे में कहा जाएगा कि पहले सति बनती थी और अब साधवी बनती हैं. कुछ धर्म महिलाओं को धर्मगुरू बनने की इजाजत देते हैं और कुछ में महिलाएं अभी भी वहीं हैं.
पियू (pew) रिसर्च सेंटर के एक सर्वे के मुताबिक 86% महिलाएं धर्म से जुड़ी हुई हैं और उसमें से 63% कहती हैं कि धर्म उनकी जिंदगी के लिए जरूरी है. 44% हर हफ्ते कोई न कोई धार्मिक काम करती हैं जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च जाना.
क्रिस्चियन यूनिवर्सिटी ऑनलाइन (christianuniversitiesonline.org) ने महिलाओं और धर्म से जुड़ी एक रिसर्च की है. इसमें इन्फोग्राफिक की मदद से महिलाओं और धर्म को जोड़ा है.
दुनिया के 5 अहम धर्मों में महिलाओं की अहमियत...
1. इसाई धर्म...
दुनिया में जनसंख्या..
31.5%
महिलाओं की संख्या..
इसमें से 55%
शास्त्रों में महिलाओं का स्थान...
मैरी (जीसस की मां), एलिज़ाबेथ (जॉन द बैप्टिस्ट की मां)
धर्म गुरुओं में स्थान...
हां, धर्म गुरू भी होती हैं महिलाएं, मिशनरी काम भी करती हैं.
धर्म के हिसाब से अहम जिम्मेदारी...
घर सही से संभालना, बच्चों को बड़ा करना और शिक्षित करना, घर के काम और धर्म के मामले में पति की सलाह लेना, चर्च जाना और धर्म का पालन करना.
2. इस्लाम...
दुनिया में जनसंख्या..
23.2%
महिलाओं की संख्या..
इसमें से 35%
शास्त्रों में महिलाओं का स्थान...
आइशा (पैगंबर मोहम्मद की पत्नी) और हव्वा (आदम की पत्नी)
धर्म गुरुओं में स्थान...
हां, राजनीति और कई धार्मिक संस्थानों में हिस्सेदारी.
धर्म के हिसाब से अहम जिम्मेदारी...
घर सही से संभालना, बच्चे पैदा करना, पति की सेवा करना, जितने भी काम इस्लाम में महिलाओं के लिए लिखे गए हैं वो पूरे करना. पति और घर के बाकी मर्दों की आज्ञा मानना, घर के सामान और परिवार की रक्षा करना.
3. यहूदी....
दुनिया में जनसंख्या..
0.2%
महिलाओं की संख्या..
इसमें से 48%
शास्त्रों में महिलाओं का स्थान...
मोसिस की बहन मरियम. बाइबल में 55 में से 7 पैगंबर महिलाओं को बताया है.
धर्म गुरुओं में स्थान...
हां, कुछ हद तक.
धर्म के हिसाब से अहम जिम्मेदारी...
इस धर्म के हिसाब से ईश्वर मर्द और औरत दोनों के रूप में हैं तो कोई धर्म के हिसाब से निर्धारित काम नहीं है. हां, महिलाओं को घरेलू काम और सोचने वाले काम ज्यादा करने होते हैं और मर्दों को शारीरिक काम ज्यादा.
4. हिंदू धर्म...
दुनिया में जनसंख्या..
15%
महिलाओं की संख्या..
इसमें से 38%
शास्त्रों में महिलाओं का स्थान...
शक्ति (सभी की मां.. इसमें सभी देवियां शामिल हैं), सीता ईश्वर का रूप.
धर्म गुरुओं में स्थान...
नहीं, महिलाओं को बहुत बड़े अनुष्ठान करने की इजाजत नहीं है.
धर्म के हिसाब से अहम जिम्मेदारी...
बच्चों का पालन पोषण करना, अरेंज मैरिज करना, पति के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में बैठना, बड़े बुजुर्गों का पालन करना, घर संभालना.
5. बौद्ध धर्म...
दुनिया में जनसंख्या..
7.1%
महिलाओं की संख्या..
इसमें से 49%
शास्त्रों में महिलाओं का स्थान...
अभिरुपनंदा और जेंती
धर्म गुरुओं में स्थान...
हां.
धर्म के हिसाब से अहम जिम्मेदारी...
घर संभालना, बच्चों को संभालना, पति का साथ देना और पति की अनुपस्थिती में फैसले लेना.
हर धर्म में महिलाओं की जिम्मेदारी एक जैसी ही है. अगर धार्मिक ग्रंथ उठा कर देखे जाएं तो महिलाएं बहुत अहम काम करती नहीं दिखती. किसी भी धर्म में ऐसा नहीं दिया गया है कि उसे शुरू करने वाली एक महिला है. फिर भी महिलाओं के लिए धर्म को मानना बहुत जरूरी रहा है. ये सदियों से चला आ रहा है और देखा जाए तो मॉर्डन महिलाएं अभी भी काफी अहम हैं.
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