कोविड वैक्सीनेशन से ब्लड क्लॉटिंग की बात टीकाकरण अभियान में पलीता लगाने से ज्यादा कुछ नहीं!
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक देश के 684 जिलों से 23000 साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं. जिनमें से 700 मामले गंभीर किस्म के थे. इन मामलों में 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच के दौरान 26 मामलों में ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले हैं.
-
Total Shares
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच टीकाकरण अभियान का औसत लगातार कम हो रहा है. लोगों में एंटी कोविड वैक्सीन (Anti Covid Vaccine) को लेकर बनी हिचक अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इन सबके बीच एंटी कोविड वैक्सीन को लेकर बने एक पैनल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन लेने के बाद लोगों में खून के थक्के जमने को लेकर आशंका जताई है. कमेटी ने रिपोर्ट में बताया है कि भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लेने के बाद लोगों में खून बहने और थक्के जमने (Blood Clotting) के 26 केस सामने आए हैं. देश में अबतक 18 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. इनमें से करीब 90 फीसदी लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन का ही डोज दिया गया है. इस स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग को लेकर सामने आई ये रिपोर्ट टीकाकरण अभियान में पलीता लगाने से ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रही है.
498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच के दौरान 26 मामलों में ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले हैं.
10 लाख डोज में ब्लड क्लॉटिंग के केवल 0.61 फीसदी केस
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से लेकर अब तक देश के 684 जिलों से 23000 साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं. जिनमें से 700 मामले गंभीर किस्म के थे. इन मामलों में 498 सीरियस और सीवियर मामलों की जांच के दौरान 26 मामलों में ब्लड क्लॉटिंग के केस मिले हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर बहुत आसानी से कहा जा सकता है कि करीब 15 करोड़ लोगों को मिले कोविशील्ड के डोज के बाद ब्लड क्लॉटिंग के केवल 26 केस सामने आए हैं. रिपोर्ट में रहा गया है कि वैक्सीन की कुल 10 लाख डोज में ब्लड क्लॉटिंग के 0.61 फीसदी केस मिले हैं, जो काफी कम हैं. लेकिन, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवायजरी लोगों में कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर डर ज्यादा बनाती दिख रही है. भारत में एंटी कोविड वैक्सीन को लेकर लोगों में तमाम तरह की अफवाहें पहले से ही घूम रही हैं. जिसकी वजह से सीधा असर टीकाकरण अभियान पर पड़ रहा है. इस एडवायजरी के बाद लोगों में वैक्सीन को लेकर हिचक और बढ़ सकती है.
#IndiaFightsCorona ◻Bleeding and clotting events following COVID vaccination miniscule in India◻National AEFI (Adverse Event Following Immunization) Committee submits report to the Union Health Ministryhttps://t.co/Cv4FU4N5EV pic.twitter.com/wd9gmmtsOI
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) May 17, 2021
अन्य देशों में आई शिकायतों को जांचने के लिए बनी कमेटी
भारत में जारी टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड वैक्सीन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. कोविशील्ड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बनाया जा रहा है. कई देशों में टीकाकरण के दौरान ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद ब्लड क्लॉटिंग की शिकायतें सामने आई थीं. जिसके बाद इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस कमेटी से जांच कराई, जिसके बाद कहा गया कि भारत में ब्लड क्लॉटिंग के काफी कम मामले आए हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि खून में किसी प्रकार की समस्या का खतरा दक्षिण एशिया के लोगों में यूरोपीय लोगों के मुकाबले 70 फीसदी तक कम है. इसमें कोई दो राय नही है कि हर एक व्यक्ति की सुरक्षा एक जरूरी चीज है. लेकिन, कोरोना वायरस की वजह से रोज हो रहीं 4000 मौतों के सामने ये आंकड़ा बहुत ही छोटा नजर आता है.
एजेंसी की रिपोर्ट में असामान्य ब्लड क्लॉटिंग के मामले कम प्लेटलेट्स वाले लोगों में सामने आने की संभावना जताई गई थी.
जिन देशों ने लगाई रोक, वहां शुरू हो चुका इस्तेमाल
जिन देशों में ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगी थी, उनमें से कई देशों में इसका उपयोग फिर से शुरू हो चुका है. वैक्सीन के बाद ब्लड क्लॉटिंग के मामले पर यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने बीते महीने अप्रैल में ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की एंटी कोविड वैक्सीन से जुड़े जोखिम की जगह उसके फायदे पर ध्यान देने की बात कही थी. एजेंसी ने कहा था कि ऐसे साइड इफेक्ट उम्र और लोगों के शरीर से जुड़ी अन्य परेशानियों से जुड़े हो सकते हैं. इस एजेंसी की रिपोर्ट में असामान्य ब्लड क्लॉटिंग के मामले कम प्लेटलेट्स वाले लोगों में सामने आने की संभावना जताई गई थी. यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के चीफ एमर कुक ने कहा था कि ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन के कोविड-19 महामारी से लड़ाई में काफी प्रभावी है और इसके साइड इफेक्ट बहुत मामूली हैं.
टीकाकरण अभियान को केवल पहुंचेगा नुकसान
भारत जैसे देश में जहां कोरोना वायरस का खात्मा करने के लिए लोग कोरोना माई की पूजा, सैकड़ों की संख्या में कलश यात्रा वगैरह निकालते हों. कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में जारी की गई ये एडवायजरी लोगों में वैक्सीन को लेकर खौफ और हिचक और बढ़ा देगी. छत्तीसगढ़ में एंटी कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद आने वाले सामान्य बुखार की वजह से दर्जनों गांवों में लोग टीकाकरण से दूरी बना रहे हैं. भारत की अधिकांश जनसंख्या आज भी गांवों में रहती है. इस स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग के 26 मामलों को लेकर जारी की गई ये एडवायजरी लोगों में वैक्सीन को लेकर हिचक को और ज्यादा बढ़ाएगी. कहना गलत नहीं होगा कि वैक्सीनेशन से ब्लड क्लॉटिंग की बात, टीकाकरण अभियान में पलीता लगाने से ज्यादा कुछ नहीं करेगी.
आपकी राय