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Updated: 22 अगस्त, 2019 02:35 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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इन दिनों जिसे देखो वो टिकटॉक का दीवाना हुआ पड़ा है. टिकटॉक का जादू सबके सिर चढ़कर बोल रहा है. सिर्फ युवा ही नहीं, बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर किसी पर टिकटॉक का खुमार हावी है. यहां तक कि पुलिसवाले और डॉक्टर्स ऑन ड्यूटी भी वीडियो बना रहे हैं. किसी के चेतावनी मिल रही है तो किसी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. खैर, टिकटॉक है ही इतना आकर्षक कि हर कोई इसकी ओर खिंचा जा रहा है. ये हाल सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि दुनिया भर के देशों में लोग टिकटॉक पर अपना बहुत सारा समय बिता रहे हैं. यहां तक कि कंगाली के कगार पर खड़ा पाकिस्तान भी टिकटॉक के खुमार से अछूता नहीं है.

यहां सबसे अहम बात ये है कि पाकिस्तान वो देश है, जहां समय-समय पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगते रहते थे, लेकिन टिकटॉक खूब लोकप्रियता बटोर रहा है. ऐसा भी नहीं है कि सभी लोग टिकटॉक के दीवाने हैं. एक बड़ा तबका ऐसा भी है, जिसे टिकटॉक से नफरत है. इतनी नफरत कि इस पर बैन लगाने की मांग के लिए इसके खिलाफ प्रदर्शन तक हो रहे हैं. चलिए एक नजर डालते हैं क्या-क्या कहा जा रहा है पाकिस्तान में टिकटॉक को लेकर.

पाकिस्तान, टिकटॉक, सोशल मीडिया, इमरान खानकंगाली के कगार पर खड़ा पाकिस्तान भी टिकटॉक के खुमार से अछूता नहीं है.

टिकटॉक वीडियो बनाने वालों को जन्नत नसीब नहीं होगा?

यूं तो टिकटॉक को गैर-इस्लामी मानने वाले बहुत से लोग हैं, लेकिन फिर भी टिकटॉक पर पाकिस्तान में ही लगभग हर विषय से जुड़े वीडियो बन रहे हैं. पाकिस्तान की एक पत्रकार नाइला इनायत के द प्रिंट में लिखे आर्टिकल के अनुसार टिकटॉक के खिलाफ तो प्रदर्शन भी हो चुका है. वह बताती हैं कि प्रदर्शनकारी मानते हैं कि टिकटॉक पर वीडियो बनाने वाले युवा जिंदगी के बाद का 'जीवन' खराब कर रहे हैं. यानी यहां बात हो रही है जन्नत की, जहां मरने के बाद व्यक्ति पहुंचता है. तो फिर ये कहा जा सकता है टिकटॉक वीडियो बनाने का अपराध करने वाले को जन्नत नसीब नहीं होगा?

'सामाजिक' बुराई के खिलाफ शिकायत

पाकिस्तान में सिर्फ टिकटॉक के खिलाफ प्रदर्शन ही नहीं हुआ, बल्कि पुलिस केस भी हो गया है. नौशेरा जिले के एक व्यक्ति ने इसी साल जनवरी में टिकटॉक के खिलाफ शिकायत तक दर्ज कराई थी. उसका कहना था कि हद से अधिक मस्ती अनुशासनबद्ध समाज के लिए नुकसानदेह होती है और टिकटॉक पर यही सब हो रहा है. उस शख्स ने टिकटॉक को सीधे-सीधे एक सामाजिक बुराई कहा था.

इमरान खान की नाक में दम कर दिया है टिकटॉक ने

सोशल मीडिया का कोई ऐसा टूल नहीं है, जो राजनीति से अछूता हो. फेसबुक, वाट्सऐप, ट्विटर, यूट्यूब हर प्लेटफॉर्म के जरिए राजनीति का प्रोपेगेंडा और आलोचना दोनों ही होती हैं. टिकटॉक का इस्तेमाल भी सरकार विरोधी लोग इमरान खान के खिलाफ कर रहे हैं. इमरान खान की नाक में दम करने वाले वीडियोज बना रहे हैं. उनके नए पाकिस्तान के दावों का मजाक उड़ा रहे हैं. उनकी उस बात को याद दिला रहे हैं कि उन्होंने किसी के भी सामने हाथ नहीं फैलाने की बात कही थी, लेकिन अब खुद ही हाथ फैलाते दिखते हैं.

इतना ही नहीं, पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें बढ़ने पर टिकटॉक पर एक गधागाड़ी में तेल भरने का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था. ऐसा भी वीडियो वायरल हुआ, जिसमें इमरान खान को 500-1000 के नोट दिखाए तो वह खुश नहीं हुए, लेकिन 5000 को नोट देखते ही मुस्कुरा बैठे. इतना सब होने के बावजूद टिकटॉक हर गुजरते दिन के साथ किसी न किसी नई क्रिएटिविटी के साथ सामने आ रहा है और इमरान खान सिर्फ मुस्कुरा कर रह जा रहे हैं.

टिकटॉक बैन क्यों नहीं हो रहा?

पाकिस्तान वो देश है, जहां 'इनोसेंस ऑफ मिस्लिम्स' फिल्म आने के बाद 2012 से लेकर 2016 तक यूट्यूब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. 2010 का वो वाकया कैसे भूला जा सकता है, जब करीब 2 सप्ताह के लिए फेसबुक तक पर बैन लगा दिया गया था, जिसकी वजह थी ईशनिंदा. ट्विटर के बहुत से खातों को बंद तक करने की घटनाएं सामने आई हैं. अब सवाल ये खड़ा होता है कि जिस पाकिस्तान में इतना कुछ हो रहा है, वहां पर टिकटॉक पर बैन क्यों नहीं लग रहा? आखिर ये भी तो पाकिस्तान की सरकार से लेकर पाक संस्कृति तक पर हमले बोलने का जरिया बना हुआ है. कहीं ऐसा तो नहीं कि इस पर सिर्फ इसलिए बैन नहीं लगाया जा रहा क्योंकि यह चीन का ऐप है.

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