आखिर बीजेपी शत्रुघ्न पर क्यों है खामोश
सोचने वाली बात ये है कि बीजेपी की आखिर वो कौन सी मजबूरी है, जिसकी वजह से शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखा रही है?
-
Total Shares
गुजरात चुनाव के लिए प्रचार दिन-प्रतिदिन तेजी पकड़ता जा रहा है. राज्य में कांग्रेस और बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. ऐसे में नेताओं के एक दूसरे पर हमले तेज होते जा रहे हैं. यहां बीजेपी के लिए पार्टी के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा के बागी तेवर सबसे बड़ी मुश्किल साबित हो रहे हैं. एक ओर जहां यशवंत सिन्हा केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर शत्रुघ्न सिन्हा, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हमले कर रहे हैं.
अभिनेता से नेता बने बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर एक के बाद एक ट्वीट किये हैं. ये ना सिर्फ व्यक्तिगत हैं, बल्कि किसी भी प्रधानमंत्री के ऑफिशियल विजिट पर ऐसा नहीं कहा जाना चाहिए. एक ट्वीट में उन्होंने ये भी कहा कि यशवंत सिन्हा को गुजरात में अच्छे से स्वागत किया गया है और वो आशा करते हैं कि वहां रिजल्ट ठीक होगा.
Isn't it enough of hugging business, photo ops, learning & unlearning about farming. At least during crucial elections, with the sole agenda of India's development, please come back Saheb...and let us work for the nation & it's progress. With love! Jai Hind!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 14, 2017
शत्रु लिखते हैं कि विश्व नेताओं से गले मिलना, फोटो खींचवाना, खेतीबाड़ी के बारे में सीखना ही काफी नहीं है. कम से कम चुनावों के समय तो वापस आ जाइए साहेब और देश की तरक्की के लिए हम काम करें. जय हिंद.
Highly appreciate Hon'ble PM's multiple initiatives & trips to many nations,latest to Philippines. Hope wish & pray that at least this time the trip gives some fruitful results & is not just another photo op. Hope no one minds! After all we live in a democracy don't we? Jai Hind!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 13, 2017
प्रधानमंत्री के हालिया फिलिपिंस सहित विभिन्न देशों के दौरों और कई तरह की पहलों का मैं स्वागत करता हूं. इसी के साथ मैं आशा करता हूं कि इस बार पीएम के दौरे से हमें कुछ फायदा मिलेगा और ये सिर्फ फोटो खींचवाने तक की सीमित होकर नहीं रह जाएगा. आशा करता हूं कि मेरी ये बात किसी को बुरी नहीं लगेगी. आखिर हम सभी एक लोकतंत्र में रहते हैं. हैं न? जय हिंद!
Stalwart statesman, intellectual & elder brother Yashwant Sinhaji has finally arrived in Ahmedabad. There is great following & lots of expectations. It's a healthy sign for democracy. We salute him with a warm welcome to Gujarat & look forward to a fruitful result. Jai Hind!
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 14, 2017
वरिष्ठ नेता, बुद्धिजीवी और बड़े भाई यशवंत सिन्हा अहमदाबाद पहुंच चुके हैं. उनसे बहुत आशाएं हैं. लोकतंत्र के लिए ये शुभ संकेत है. गुजरात में हम उनका स्वागत करते हैं और अच्छे नतीजों की आशा करते हैं. जय हिंद!
ऐसा नहीं है कि शत्रुध्न सिन्हा ने कोई पहली बार प्रधानमंत्री पर की है. इससे पहले भी वो ऐसा कर चुके हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि हमें "वन मैन शो" और "टू मेन आर्मी" से बाहर आना होगा. हाल ही में एक कार्यक्रम में शामिल ना होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि "ऐसा कुछ भी नहीं है. मैं भारत के सबसे बड़े एक्शन हीरो और हमारे प्रिय प्रधानमंत्री के लिए हमेशा मौजूद हूं. दरअसल, मुझे इस कार्यक्रम में आने का निमंत्रण थोड़ी देर से मिला."
'शार्टगन' लगातार अपनी ही पार्टी पर विरोध के गोले दाग रहे हैं
बता दें कि ये कार्यक्रम था पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी वर्ष समारोह. इस समारोह में प्रधानमंत्री भी शामिल हुए थे. इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार पर नोटबंदी, जीएसटी और मर्सल फिल्म विवाद को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दिया जो पार्टी लाइन से हटकर था.
High time, get out of “One-Man show, Two-men army” syndrome & must take learned professionals, experts & most important mature seasoned 1>2
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 6, 2017
...as a "anti-demon" & "hasty & complicated GST day" in Indian history under most important & learned leaders. 2>3
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 7, 2017
अब समय आ गया है कि हम "वन मैन शो" और "टू मेन आर्मी" से बाहर आ जाएं और प्रोफेशनल, एक्सपर्ट और गंभीर लोगों से कुछ सीखें.
इस post ने सोच में डाल दिया।।"अगर 'नोटबंदी' से लोग खुश होते तो जश्न सरकार नहीं, लोग मना रहे होते!"
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 10, 2017
Stop focusing only on elections & defending demonetization. Start tackling the slow killer demon of pollution. Long term solution imperative.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 8, 2017
सिर्फ चुनावों पर ध्यान देना और नोटबंदी के फैसले का बचाव करना बंद कीजिए. प्रदुषण जैसी समस्या से लड़ने के स्थाई उपाय सोचिए.
यही नहीं, वो अरुण जेटली और स्मृति ईरानी की भी आलोचना कर चुके हैं.
उन्होंने हाल ही में वसुंधरा सरकार की भी आलोचना की थी.
kind of so called “Draconian law” be shelfed and never enforced neither in Rajasthan nor anywhere else, especially in the states going to
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) October 25, 2017
तुगलकी फरमान को खारिज कर देना चाहिए और राजस्थान सहित किसी भी राज्य में ऐसे किसी कानून को कभी लागू नहीं होना चाहिए.
...to Khattar Govt., different state govt., & Centre...High time & right time that now on, any & every interrogation by police or CBI must be conducted under CCTV camera...to stop the inhuman torture of people like Ashok Kumar...No more 3rd degree.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) November 13, 2017
रेयान स्कूल विवाद पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने खट्टर सरकार सहित तमाम सरकारों के लिए ट्वीट किया कि पुलिस या सीबीआई द्वारा जांच कैमरे पर होनी चाहिए. हाल में गुरुदासपुर उप-चुनाव में बीजेपी की हार पर भी चुटकी लेते हुए कहा था कि ये तो होना ही था.
फिल्मों में अपने डायलॉग "खामोश" को अपनी पहचान से जोड़ने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को "खामोश" करना, शायद बीजेपी के वश में नहीं लगता. तभी तो वो अपनी राय हो या अपना दर्द, खुलकर और बेबाकी से समय-समय पर रखते रहे हैं. सोचने वाली बात ये है कि बीजेपी की आखिर वो कौन सी मजबूरी है, जिसकी वजह से उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखा रही है? जबकि शत्रुघ्न सिन्हा ने तो आजतक के 'साहित्य आजतक' कार्यक्रम में यहां तक कह दिया कि वो कभी भी बीजेपी के दफ्तर में नहीं जायेंगे. पार्टी नेताओं के खिलाफ या कहें कि पार्टी विरोधी वक्तव्यों को लेकर कीर्ति आजाद को पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है. लेकिन ये कार्रवाई शॉटगन पर नहीं हो रही है. कह सकते हैं कि उन्होंने फिलहाल सभी को खामोश कर रखा है.
ये भी पढ़ें-
सीडी के हमाम में सभी 'मर्द' नेता नंगे हैं!
बिहार सरकार के 100 दिन : रिपोर्ट कार्ड बताता है कि नीतीश की जंग अपने आप से है
आपकी राय