योगी आदित्यनाथ का 'नोएडा' बन गया है उन्नाव!
उत्तर प्रदेश में विपक्ष को जिस मौके की तलाश थी Unnao में Rape पीड़िता के जिंदा जलाए जाने के बाद वो मौका उसे मिल गया है. बाकी बात उन्नाव की है तो यूं लग रहा है कि भविष्य में उन्नाव ही UP के CM Yogi Adityanath के लिए 'Noida' बनेगा.
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हैदराबाद की दिशा (Hyderabad Disha rape Case) मामले पर जारी विरोध अभी थमा नहीं है कि उत्तर प्रदेश का उन्नाव (Unnao) सुर्ख़ियों में है. कारण है हैदराबाद से ही मिलता जुलता मामला. उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पांच आदमियों ने मिलकर एक 24 साल की लड़की को जिंदा जलने (Rape Survivor Set On Fire In Unnao) का प्रयास किया, जिसकी शनिवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. बात सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) के उन दावों पर आ गई है जिसमें उत्तर प्रदेश को भय और अपराधमुक्त (CrimeFree UP) करने की बात हुई थी. बता दें कि उन्नाव में जिस लड़की को जिंदा जलाने का प्रयास हुआ है, दिसंबर 2018 में उसके साथ गैंगरेप (Gangrape) हुआ था. योगीराज में अपराध किस तरह कंट्रोल किया जा रहा है? इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि दिसंबर 2018 में हुए इस मामले की सुध योगी की पुलिस ने मार्च 2019 में ली और शिकायत दर्ज की.
उन्नाव में रेप पीड़िता के जिंदा जलाए जाने ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है
उन्नाव में रेप पीड़िता को जिंदा जलाए जाने के बाद पुलिस ने 'तत्काल प्रभाव' में कार्रवाई की है और मुख्य आरोपी शुभम त्रिवेदी समेत अन्य 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. 90 प्रतिशत जल चुकी लड़की की हालत गंभीर है जिसे पहले लखनऊ और फिर दिल्ली रिफर किया गया था, लेकिन अब उसकी मौत हो चुकी है.
जनपद उन्नाव की घटना में शामिल सभी 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है lप्रकरण में सख्त कार्यवाही की जायेगी : @dgpup https://t.co/uuLP3vCaYX
— UP POLICE (@Uppolice) December 5, 2019
बात योगी आदित्यनाथ के अपराध मुक्त समाज के दावों से जुड़ी है तो विपक्ष को भी मामले को लेकर सूबे के मुखिया पर हमला करने का मौका मिल गया है. मामले को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ बड़ा हथियार बनाकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट के जरिए राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कल बीजेपी सरकार का बयान था कि यूपी में सब ठीक है. आज एक बयान और आया, लेकिन कानून व्यवस्था के बारे में झूठी बयानबाजी और झूठा प्रचार करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और यूपी सरकार की ही है.
उन्नाव पीड़िता के स्वास्थ्य समाचार से मन आहत है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पीड़िता जल्द स्वस्थ हो।
कल भाजपा सरकार का बयान था यूपी में सब ठीक है। आज एक बयान और आया। लेकिन क़ानून व्यवस्था के बारे में झूठी बयानबाज़ी व झूठा प्रचार करने की ज़िम्मेदारी CM और उप्र सरकार की ही है।#Unnao
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 5, 2019
गौरतलब है कि उन्नाव के बिहार थानाक्षेत्र में घटना को अंजाम दिया गया है. बताया जा रहा है कि लड़की अपने घर से पैदल ही स्टेशन जा रही थी जहां उसे रायबरेली के लिए ट्रेन पकड़नी थी. रायबरेली कोर्ट में लड़की की अपने उस रेप केस के लिए तारीख़ थी जिसकी शिकायत मार्च 2019 में दर्ज हुई थी. अभी लड़की स्टेशन पहुंच पाती इससे पहले ही रास्ते में पांच लोगों ने उसे पकड़ा जो उसे गांव के बाहर एक खेत में ले गए और पेट्रोल छिड़ककर उसके शरीर में आग लगा दी. बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से जलने के बावजूद लड़की खुद 1 किलोमीटर तक पैदल चली और उसने खुद ही 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को अपने साथ घटित हुई इस वारदात की ख़बर दी.
पुलिस के मुताबिक लड़की का शरीर आग से बुरी तरह झुलस चुका है जिसे इलाज के लिए पास के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां से उसे लखनऊ फिर दिल्ली रिफर कर दिया गया है. पीड़िता ने पांच लोगों को नामजद किया है जिसपर एक्शन लेते हुए पुलिस द्वारा पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
#UPPolice @adgzonelucknow थाना बिहार क्षेत्र में हुयी घटना के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक महोदय उन्नाव द्वारा दी गयी बाइट । @News18UP @bstvlive @aajtak @samachar_plus pic.twitter.com/lv5MbNPxu4
— UNNAO POLICE (@unnaopolice) December 5, 2019
बात अगर लड़की के साथ हुए रेप की हो तो जो एफआईआर उसने पुलिस में दर्ज की है उसमें शिवम त्रिवेदी और शुभम त्रिवेदी नाम के दो युवकों को नामजद किया गया है. लड़के, लड़की के गांव के ही रहने वाले हैं. एफआईआर के अनुसार शिवम ने लड़की को बहलाया फुसलाया और उसे अपने साथ रायबरेली ले आया और उसका रेप किया. लड़के ने रेप का वीडियो भी बनाया और उसे पब्लिक करने की धमकी देकर बार बार उसके साथ बलात्कार किया. लड़की के मुताबिक आरोपी उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देता था और ऐसे तमाम मौके आए जब न सिर्फ उसने बल्कि उसके दोस्तों तक ने असलहे की नोक पर लड़की के साथ बलात्कार किया.
हैदराबाद के बाद अब यूपी की इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं. वो सरकार जो बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने की बात करती है. उसके शासनकाल में आखिर कब तक यूं ही बेटियों को जलाया जाएगा? घटना उन्नाव की है.
मुद्दा बलात्कार के बाद लड़की को जिंदा जलाया जाना है. तो बता दें कि बलात्कार को लेकर उन्नाव का रिकॉर्ड यूं ही बहुत ख़राब है. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए बलात्कार के अंतर्गत उन्नाव उस वक़्त सुर्ख़ियों में आया था जब भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक महिला के साथ बलात्कार के गंभीर आरोप लगे थे. घटना के मद्देनजर विधायक के अलावा पार्टी की खूब किरकिरी हुई थी.
मामले ने नाटकीय मोड़ तब लिया था जब अपने वकील को साथ लेकर अपने एक परिचित से मिलने जा रही लड़की की कार पर सामने से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी थी. माना जाता है कि इस बड़ी वारदात को विधायक के इशारों पर अंजाम दिया गया. मामले में सबसे दिलचस्प बात ये थी कि जब कुछ जानते बूझते हुए अंत तक सूबे के मुखिया दोषी विधायक को बचाते ही नजर आए.
बहरहाल, पहले भाजपा के दागी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का लड़की का बलात्कार करना और उसे मरवाने का प्लान बनाना .अब दबंगों द्वारा बलात्कार के बाद लड़की को जिंदा जलाया जाना. साफ़ है की यदि भविष्य में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को इस्तीफ़ा देना पड़ा तो उन्नाव उनके लिए वैसे ही 'बदकिस्मत' साबित होगा. जैसे मायावती और मुलायम के लिए नोएडा.
ध्यान रहे कि ये दोनों ही नेता उद्घाटन करने नोएडा आए थे और उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा था. ध्यान रहे कि नोएडा को लेकर एक मिथक था कि जो भी मुख्यमंत्री, नोएडा आया उसकी कुर्सी चली गई.
खैर हम इस बात को जानते हैं कि अपराध और उद्घाटन में कोई समानता नहीं है. यहां मुद्दा बदकिस्मती या 'अनलकी' होना है और जैसे बलात्कार पर बार बार उन्नाव कलंकित हो रहा है तय बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी को सबसे ज्यादा खतरा इस सूबे से है. प्रदेश की कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम योगी आदित्यनाथ को कल यदि इस्तीफ़ा देना पड़ा तो उनके द्वारा दिए इस्तीफे में 'उन्नाव' की एक बड़ी भूमिका रहेगी.
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