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Updated: 15 जनवरी, 2021 07:31 PM
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धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) केस को लेकर शिवसेना का स्टैंड तो साफ हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के लिए ये एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) से कम बड़ा झटका नहीं है. नवाब मलिक के बाद धनंजय मुंडे ऐसे दूसरे मंत्री हैं, जिनके खिलाफ महाराष्ट्र बीजेपी आक्रामक हुई है.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का धनंजय केस में बयान को उद्धव ठाकरे का ही नजरिया मान कर चलना चाहिये. खास बात ये है कि शरद पवार ने मामले को गंभीर माना है और बीजेपी धनंजय मुंडे का मंत्री पद से इस्तीफा मांग रही है.

धनंजय मुंडे का बयान आने के बाद ये तो साफ हो चुका है कि ये मामला उनकी बीती जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन ये भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बीजेपी नेता एमजे अकबर से थोड़ा बहुत मिलता-जुलता तो लगता ही है.

हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे रेप के आरोप को लेकर बचाव में उनकी पार्टी JMM खड़ी हो चुकी है और आरोप के राजनीतिक रंग लेते देख वो मानहानि का मामला बना कर अदालत का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं. एमजे अकबर तब विदेश दौरे पर रहे जब मीटू मुहिम के बीच उन पर यौन शोषण का आरोप लगा था. पहले तो बीजेपी ने आरोप को हल्के में लिया, लेकिन जब कई महिलाएं पीड़ित के पक्ष में खुल कर सामने आ गयीं और गवाही देने के साथ साथ अपने साथ हुए एमजे अकबर के व्यवहार को लेकर सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गयीं - तब बीजेपी को भी गंभीरता का एहसास हुआ. लौटते ही एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

महाराष्ट्र बीजेपी ने तो धनंजय मुंडे का इस्तीफा मांग लिया है, लेकिन देवेंद्र फडणवीस का बयान थोड़ा अलग है - और यही वजह है कि संजय राउत ने बीजेपी की डिमांड पर बड़े ही नपे-तुले शब्दों में रिएक्ट किया है - वरना, कोई न कोई केस खोज कर 'जिनके शीशे के घर होते हैं...' एक शेर तो वो निश्चिच रूप से पढ़े ही होते.

धनंजय मुंडे महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री हैं और उनसे जुड़े कुछ भी होने की सीधी आंच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर ही स्वाभाविक तौर पर आती है. चूंकि शरद पवार ने धनंजय मुंडे के मामले को काफी गंभीर माना है, ऐसे में बेहतर तो यही होता कि शरद पवार से पहले उद्धव ठाकरे ही कोई फैसला लेते - या फिर सामने आकर बताते कि अपने मंत्री के खिलाफ रेप का आरोप लगने पर वो क्या सोचते हैं?

क्या है धनंजय मुंडे का मामला?

महाराष्ट्र की एक सिंगर ने धनंजय मुंडे के खिलाफ बीते बरसों में रेप करने का आरोप लगाया है. 37 साल की युवती ने 10 जनवरी को मुंबई के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देने के साथ ही पुलिस के एक्शन न लेने का भी आरोप लगाया है. पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में युवती का इल्जाम है कि 2006 में धनंजय मुंडे ने कई बार उसके साथ रेप किया. पीड़ित का दावा है कि ओशिवारा थाने में उसने अपनी शिकायत दी थी लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया.

रेप के आरोप को लेकर धनंजय मुंडे का पक्ष भी सामने आया है जिसमें वो रेप का आरोप लगाने वाली महिला पर ब्लैकमेल करने का इल्जाम लगा रहे हैं. धनंजय मुंडे ने महिला की बहन पर भी ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है.

लगे हाथ, धनंजय मुंडे ने अपने खिलाफ ब्लैकमेल की साजिश के पीछे जो खास बात बतायी है वो काफी दिलचस्प है. धनंजय मुंडे ने आरोप लगाने वाली महिला की बहन के साथ पुरानी रिलेशनशिप और उसमें दो बच्चे होने की भी बात स्वीकार की है. हालांकि, धनंजय मुंडे का कहना है कि रिलेशनशिप के बारे में उनकी पत्नी, परिवार और मित्रों को भी पूरी जानकारी है - और परिवार ने बच्चों को स्वीकार भी किया है.

nawab malik, dhananjay mundeनवाब मलिक के बाद धनंजय मुंडे महाराष्ट्र के दूसरे मंत्री हैं जो विवाद में आये हैें और बीजेपी के निशाने पर हैं

धनंजय मुंडे का दावा है कि वो महिला पिछले साल से ही उन पर आरोप लगा रही है और इस बारे में वो पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा चुके हैं. साथ ही, बॉम्बे हाई में अर्जी देकर अपने खिलाफ मानहानि वाली सामग्री के प्रसार पर रोक लगाने की भी मांग कर चुके हैं.

लेकिन धनंजय मुंडे के दावे पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया चुनाव आयोग को दिये उनके हलफनामा का हवाला देकर सवाल उठा रहे हैं. किरीट सोमैया का कहना है कि धनंजय मुंडे ने अपने चुनावी हलफनामे में महिला के साथ अपने बच्चों का जिक्र नहीं किया है. किरीट सोमैया चुनाव आयोग को इस सिलसिले में पत्र भी लिखा है.

धनंजय मुंडे और कंगना-सोनू सूद होने का फर्क भी देखिये

उद्धव ठाकरे अगर कुछ नहीं बोलते तो भी ये मान कर नहीं चलना चाहिये कि उनके पास जवाब नहीं है - क्योंकि कंगना रनौत के केस में उद्धव ठाकरे का यही बयान आया था.

उद्धव ठाकरे के सामने धनंजय मुंडे केस से पहले उनके मंत्रिमंडल सहयोगी नवाब मलिक के दामाद की गिरफ्तारी भी चुनौती बन कर ही आयी है - लेकिन नवाब मलिक ने पहले ही आगे बढ़ कर बोल दिया है कि कानून सबके लिए बराबर है और आरोपी के उनका दामाद होने से पुलिस के काम में कोई अड़चन नहीं आएगी - कानून अपना काम करेगा.

नवाब मलिक और धनंजय मुंडे दोनों एनसीपी कोटे से ही उद्धव सरकार में मंत्री हैं, लेकिन एनसीपी के लिए कुछ ही दिनों के अंदर ये भी लगातार दूसरा केस है. धनंजय मुंडे से करीब दो हफ्ते पहले औरंगाबाद में एक महिला ने एनसीपी के यूथ विंग के अध्यक्ष मोहम्मद शेख के खिलाफ रेप का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है.

बीजेपी रेप के आरोपी मोहम्मद शेख की गिरफ्तारी और औरंगाबाद के डीसीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है. औरंगाबाद इससे पहले नाम बदले जाने को लेकर चर्चा में रहा है. शिवसेना की डिमांड है कि औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजी नगर कर दिया जाये.

जैसे ही धनंजय मुंडे को लेकर सवाल उठा, एनसीपी चीफ शरद पवार खुद सामने आये और माना कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं. हालांकि, शरद पवार ने कहा था कि इस मसले पर पार्टी में बैठ कर चर्चा करेंगे और विश्वास में लेकर ही कोई फैसला लेंगे.

वैसे अब एनसीपी का फैसला भी आ चुका है - एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का कहना है कि धनंजय मुंडे को अभी इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है. दरअसल, एनसीपी कोर कमेटी की बैठक में तय हुआ है कि धनंजय मुंडे से इस्तीफा नहीं लिया जाएगा - और जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा.

शरद पवार ने कहा, 'कल जब मैंने धनंजय मुंडे के मुद्दे पर टिप्पणी की तो मैंने कहा था कि ये मुद्दा गंभीर है, लेकिन तब कुछ तथ्य सार्वजनिक नहीं हुए थे. मुझे पता चला कि अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने भी महिला के खिलाफ इसी तरह की शिकायत की थी - इस मामले की जांच होनी चाहिए.'

एनसीपी नेता शरद पवार अब कह रहे हैं कि पहले मुंबई पुलिस जांच कर ले, उसके बाद जांच में जो तथ्य सामने आएंगे संभावित कार्रवाई के बारे में सोचा जाएगा.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत इसे निजी और पारिवारिक मामला मानते हैं. कहते हैं, 'मुझे लगता है कि हमें इसे धनंजय मुंडे पर छोड़ देना चाहिए. ये पूरी तरह से उनका निजी और पारिवारिक मामला है - वो इसका कोई रास्ता निकालेंगे.'

विपक्ष के रवैये को लेकर संजय राउत का कहना रहा, 'मुझे नहीं लगता कि विपक्ष ने सीधे-सीधे आरोप लगाया है, लेकिन मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि ये राजनीतिक मामला नहीं है - ये परिवार का मुद्दा है.'

धनंजय मुंडे को लेकर बीजेपी का रुख भी रस्मअदायगी जैसा लगता है. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल तो सीधे सीधे धनंजय मुंडे का इस्तीफा मांग रहे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस का थोड़ा सॉफ्ट कॉर्नर नजर आता है.

चंद्रकांत पाटिल की डिमांड है, 'मंत्री मुंडे पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है... उनको कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे आरोप के बाद एक मंत्री तुरंत इस्तीफा देता लेकिन मोटी चमड़ी वाली इस सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद नहीं है - लेकिन हम मांग को लेकर दबाव बनाएंगे.'

लेकिन देवेंद्र फडणवीस की इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं लगती. कहते हैं, 'कोई मांग करने से पहले हमें दोनों पक्षों पर विचार करना होगा... पार्टी और मुख्यमंत्री को इसे देखना चाहिये.'

पिछले साल चुनाव नतीजों के काफी दिन बाद जब देवेंद्र फडणवीस कुछ दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे, उसमें धनंजय मुंडे की महत्वपूर्ण भूमिका देखी गयी थी. ऐसा लगा था जैसे ज्यादातर गतिविधियां धनंजय मुंडे से होकर गुजर रही थीं.

देवेंद्र फडणवीस की राजनीतिक विरोधी पंकजा मुंडे का तो सीधा आरोप रहा है कि विधानसभा चुनाव वो बीजेपी नेताओं की वजह से ही हार गयी थीं. दरअसल, धनंजय मुंडे ने ही पंकजा मुंडे को हराया था. धनंजय मुंडे और पंकजा मुंडे चचेरे भाई बहन हैं. पंकजा मुंडे बीजेपी के कद्दावर नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं जिनकी दिल्ली में हुए एक सड़क हादसे में 2014 में मौत हो गयी थी.

धनंजय मुंडे के साथी मंत्री अब्दुल सत्तार ने अपने शिवसेना नेता बाला साहेब ठाकरे वाली स्टाइल में ही बचाव किया है - 'प्यार किया तो डरना क्या!' ठीक यही लाइन बाला साहेब ठाकरे ने तब बोली थी जब धनंजय मुंडे के चाचा गोपीनाथ मुंडे भी ऐसे ही एक मामले में निशाने पर आ गये थे.

महाराष्ट्र में सोनू सूद 'आदतन अपराधी' करार दिये गये हैं - और कंगना रनौत अपने खिलाफ दर्ज कराये गये 'देशद्रोह' का केस लड़ रही हैं - लेकिन रेप जैसे संगीन जुर्म के आरोपी मंत्री धनंजय मुंडे को इस्तीफे की जरूरत नहीं है - क्या दलील है!

बिहार चुनाव के दौरान सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर बीजेपी नेता नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे जब बेबी पेंग्विन कह कर आदित्य ठाकरे को टारगेट कर रहे थे तो शिवसेना नेता उसे डर्टी पॉलिटिक्स बता रहे थे - धनंजय मुंडे के मामले में कौन सी पॉलिटिक्स कहेंगे?

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