वो आठ मिनट की कॉल जरूर कमाल करेगी
अगले ही पल दोनों पड़ोसी प्रधानमंत्री फोन लाइन पर थे. फिर मोदी ने नवाज शरीफ को रमजान के पाक महीने के लिए शुभकामनाएं दीं और...
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वो 16 जून की शाम थी. इस्लामाबाद में घंटी बजी. फोन भारत से था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को इत्तला दी गई कि दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करना चाहते हैं.
वो 8 मिनट की कॉल
अगले ही पल दोनों पड़ोसी प्रधानमंत्री फोन लाइन पर थे. फिर मोदी ने नवाज शरीफ को रमजान के पाक महीने के लिए शुभकामनाएं दीं.
आखिर में मोदी बोले, "उम्मीद है जल्द ही हमारी भेंट होगी."
"इंशाअल्लाह, जरूर मुलाकात होगी." नवाज का यही कहना था.
ये बातचीत करीब आठ मिनट तक चली होगी.
उफा की मुलाकात
10 जुलाई को दोनों प्रधानमंत्री, मोदी और शरीफ, एससीओ यानी शंघाई सहयोग संगठन रूस के उफा में थे. दोनों की मुलाकात हुई - और करीब आधे घंटे तक बातचीत चली. उसके बाद संयुक्त बयान जारी हुआ जिसमें रिश्तों को बेहतर बनाने की बातों का जिक्र था.
जिस समय उफा में मोदी और शरीफ बात कर रहे थे, उसी वक्त पाकिस्तान के एक मंत्री इसहाक डार इस्लामाबाद में भारत को धमका रहे थे. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की ओर से पेश एक प्रस्ताव का जवाब देते हुए डार ने चेतावनी दी कि किसी भी हमले (आर्थिक या सैनिक) की हालत में उसका माकूल जवाब दिया जाएगा.
मुलाकात के बाद
दो दिन बाद ही पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने कह दिया कि कश्मीर को अलग कर बातचीत का कोई एजेंडा आगे बढ़ ही नहीं सकता. उफा स्टेटमेंट को दरकिनार करते हुए अजीज ने कहा कि पाकिस्तान अपने सम्मान के साथ 'कोई समझौता नहीं' करेगा.
शायद अजीज की कोई अपनी मजबूरी रही होगी. चाहे फौज की वजह से हो या फिर जिनका उन पर दबाव हो. भारत की ओर से भी सिर्फ इतना कहा गया कि बातचीत होगी - और अजीज का बयान पाकिस्तान के घरेलू हालात से जुड़े हुए हैं.
फिर 27 जुलाई को गुरदासपुर में फिदाईन हमला हुआ. आतंकवादियों ने थाने में घुस कर गोलियां चलाई जिसमें एक एसपी सहित आठ लोग मारे गए. दिन भर चले एनकाउंटर में तीनों आतंकी भी मारे गए.
जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर में दो आतंकियों ने बीएसएफ के काफिले पर हमला किया. इनमें से एक मारा गया जबकि दूसरा नावेद जिंदा पकड़ लिया गया. फिलहाल उससे पूछताछ हो रही है.
इन दोनों हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े पाए गए. गुरदासपुर हमले में जीपीएस से पता चला कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे, तो एक शख्स ने खुद को नावेद का अभागा पिता बताया. हालांकि, पाकिस्तान ने दोनों ही मामलों से पल्ला झाड़ लिया.
इस बीच एक अफसर का भी बयान आया जो डंके की चोट पर कह रहा था कि मुंबई हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई - और जिम्मेदारी लेकर पाकिस्तान को आगे बढ़ना चाहिए.
आतंकवादी हरकतों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से कई बार लगा कि बातचीत खटाई में पड़ जाएगी. हालांकि, हमलों के बावजूद इस दौरान भारत की ओर से यही कहा जाता रहा कि बात उफा से आगे बढ़ेगी. और अब जबकि सरताज अजीज ने दिल्ली आने के लिए 23 अगस्त की तारीख पक्की कर दी है - माना जा सकता है कि भारत की ओर से जो कहा जा रहा था उसकी खास वजह थी.
दोनों प्रधानमंत्रियों की बात हुई, मुलाकात हुई और फिर संयुक्त बयान आया. और अब बातचीत उसी राह पर बात आगे बढ़ रही है. कुछ आगे की ही उम्मीद की जानी चाहिए.
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