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Updated: 10 दिसम्बर, 2015 05:49 PM
विवेक शुक्ला
विवेक शुक्ला
  @vivek.shukla.1610
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अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के नेताओं के बीच गुफ्तुगू में मिठास घोल दी होगी पंजाबी ने. बातचीत अंग्रेजी में नहीं हुई होगी. सुषमा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से खाटी पंजाबी में ही बात की होगी. आखिर ये सब पंजाबी हैं.

शरीफ के पुरखे अमृतसर से लाहौर जाकर बसे थे तो सुषमा स्वराज अंबाला से संबंध रखती हैं. उधर, सरताज अजीज लाहौर वाले हैं. वे दक्षिण एशिया के इस वक्त सबसे बुजुर्ग नेताओं में से हैं. 86 साल के अजीज ने पाकिस्तान के आंदोलन में भी भाग लिया था. बहरहाल, सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में बातचीत भले ही आतंकवाद के खात्मे से लेकर आपसी व्यापार वगैरह के मसलों पर की हो पर संवाद पंजाबी में रहा होगा.

कहते हैं, नवाज शरीफ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल से बात करना पसंद करते थे. क्योंकि गुजराल साहब धाराप्रवाह पंजाबी में बोलते थे. उनकी बातचीत में पंजाबी के मुहावरे भी खूब रहते थे. वे अपनी बात में वजन डालने के लिए इकबाल से लेकर फैज का कोई शेर भी पढ़ देते थे. हालांकि मनमोहन सिंह का संबंध भी पंजाब से है, पर वे नवाज शरीफ या बाकी पाकिस्तानी नेताओं के साथ अंग्रेजी या कहें कि हिन्दुस्तानी ही बोलना पसंद करते थे. पंजाबी तो वे कतई नहीं बोलते थे.

पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार लियाकत तुर कहते हैं कि पाकिस्तानी नेताओं को उन भारतीय नेताओं के साथ बात करना बेहतर लगता है जो पंजाबी में बोल लेते हैं. बेनजीर भुट्टो को छोड़कर पाकिस्तान का हाल के दौर में शिखर नेतृत्व पंजाब से ही आता रहा है. परवेज मुशर्रफ दिल्ली के दरियागंज वाले हैं. उनका परिवार विभाजन के समय सरहद के उस पार चला गया था. पर वे भी पंजाबी बढ़िया बोल लेते हैं क्योंकि पाकिस्तानी सेना में पंजाबियों का वर्चस्व रहा है. सेना में रहते हुए उन्होंने पंजाबी में महारत हासिल कर ली थी.

पाकिस्तान में 54 फीसद आबादी पंजाबी भाषी है. हालांकि उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्र भाषा तो है, पर वह मातृभाषा वहां के किसी भी सूबे की जनता की नहीं है. पाकिस्तान की कुल आबादी के सिर्फ 8 फीसद लोगों की मातृभाषा है उर्दू. इसके अलावा पाकिस्तान पश्तो 16 फीसद, सिंधी 15 फीसद, उर्दू 8, बलोची करीब साढ़े तीन फीसद अवाम की मातृभाषा है. शेष जनता कश्मीरी और स्थानीय भाषाएं बोलती हैं.

माना जा रहा है कि पंजाबी में हुआ संवाद रंग लाएगा. दोनों देश अपने आपसी मसलों को हल करने की दिशा में बढ़ेंगे. पाकिस्तान में भी कुछ नेता बहुत सुलझे हुए हैं. इस लिहाज से सरताज अजीज का नाम लिया जा सकता है. उन्होंने पाकिस्तान द्वारा परमाणु हथियारों का परीक्षण करने का विरोध किया था. ये कोई छोटी बात नहीं है. उनका कहना था कि इस तरह का कदम उठाकर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ जाएगा दुनिया में. वे नवाज शरीफ की पहली सरकार में विदेश मंत्री थे. ये 1990-93 की बातें हैं.

पंजाबी और उर्दू के प्रकांड विद्वान सरताज अजीज जब कभी गैर-जिम्मेदराना बयाबबाजी करते हैं तो लगता है कि उन्हें इस तरह करने के लिए कोई उकसा रहा है. क्योंकि उनका मूल स्वभाव इस तरह का नहीं है. आइये देखें पंजाबी कितना करीब लाती है दोनों मुल्कों को.

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विवेक शुक्ला विवेक शुक्ला @vivek.shukla.1610

लेखक एक पत्रकार हैं.

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