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Updated: 04 जनवरी, 2021 04:50 PM
मशाहिद अब्बास
मशाहिद अब्बास
  @masahid.abbas
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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अचानक से चर्चा में आ गए हैं. इस बार उनके चर्चा में रहने की वजह भी बेतुकी है. उनका बयान उनके अपने कार्यकर्ताओं के गले ही नहीं उतर रहा है कि वह लोग आखिर इसपर क्या प्रतिक्रिया दें. दरअसल पूरे देश में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर चर्चा जोरो शोर के साथ हो रही है. वैक्सीन लगाने का ट्रायल (Corona Vaccine Trial) भी चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि अगले 10-12 दिनों के भीतर ही कोरोना वैक्सीन को आधिकारिक मंज़ूरी भी मिल जाएगी और फिर उसे पूरे भारत में एक साथ लगाये जाने का काम शुरू हो जाएगा. इसकी प्रक्रिया में सबसे पहले फ्रंट लाइन वालों को वैक्सीन दी जानी है. यह बातें पिछले कई दिनों से जारी है लेकिन अखिलेश यादव ने विरोधी दल होने के नाते जो बयान दिया है उसकी गाज खुद उनपर ही गिरनी तय है. उन्होंने जाने अनजाने में सरकार का विरोध करते करते देश के महान वैज्ञानिकों का विरोध कर डाला है.

Akhilesh Yadav, Samajwadi Party, Controversial Statement, Coronavirus, Covid 19 Vaccineकोरोना की वैक्सीन पर बयान देकर अखिलेश यादव ने मुसीबत खुद मोल ली है

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक युवा नेता हैं वह पढ़े-लिखे और सूझबूझ वाले नेता माने जाते हैं. उनको इतनी तो जानकारी होगी ही कि वैक्सीन भारत सरकार नहीं हमारे देश के वैज्ञानिक बनाते हैं और उसकी मंज़ूरी के लिए तमाम तरह की संस्थाएं है. भारत सरकार बस उनको हर तरह के संसाधन मुहैया कराती है, वैक्सीन बनना है कैसे बनना है और कबतक बनना है इसकी पूरी जानकारी और ज़िम्मेदारी हमारे देश के कुशल वज्ञानिकों और उनकी टीम को होती है.

बिना उनके किसी भी तरह की न तो वैक्सीन को बाजार में उतारा जा सकता है और न ही किसी दवा को बाजार में बेचा जा सकता है.अब इतनी सी बात तो हर कोई जानता है और समझता है. वैक्सीन या दवा न तो सरकार बनाती है और न ही उसकी मंजूरी भारत सरकार खुद से दे सकती है. अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अगर कोरोना वायरस की वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन कहें तो यह तो मूर्खता: ही है न. अखिलेश यादव ने कहा है कि वह कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाएंगें क्योंकि उन्हें भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है.

जब समाजवादी पार्टी की सरकार आ जाएगी तब ही वह वैक्सीन खुद भी लगवाएंगें और सबको फ्री में लगवाएंगें. अब अखिलेश यादव के इस बयान को किस संदर्भ में लिया जाए यह ही नहीं तय हो पाने वाला है क्योंकि अखिलेश यादव केन्द्र में सरकार तो बना नहीं पाएंगें रहा सवाल कि क्या उत्तर प्रदेश में सरकार बन जाने से अखिलेश यादव एक अलग अपनी वैक्सीन तैयार करवा लेंगे या फिर भारत के कुशल वैज्ञानिकों द्धारा बनाई गई इसी कोरोना वैक्सीन को अगर उनकी सरकार में लगाया जाएगा तब ही उनको देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा होगा.

सोशल मीडिया के दौर में बचकाना बयान देना काफी नुकसानदेह साबित होता है क्योंकि आसानी के साथ छिप नहीं पाता है और लंबे समय तक वायरल होता रहता है. ऐसे में किसी बचकाना बयान देकर सिर्फ और सिर्फ अपना मज़ाक ही बनवाया जा सकता है उसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं होता है. अब अखिलेश यादव खुद ही इसको समझा सकें तो समझाएँ कि आखिर किसी दवा या वैक्सीन पर कब भरोसा करना चाहिए और कब नहीं करना चाहिए.

अखिलेश यादव के इस बयान पर सत्तारुढ़ तमाम नेता इसका मज़ाक उड़ा रहे हैं और कहते नज़र आ रहे हैं कि अखिलेश यादव की राजनीति इस कद्र गिर चुकी है कि उन्हें उलूल-जुलूल बयान देना पड़ रहा है. कुल मिलाकर बात सिर्फ इतनी ही है कि अखिलेश यादव का सुर्खियों में रहना तो ठीक है लेकिन ऐसे बेतुके से बयान उनके छवि को भी नुकसान पहुंचती है जो न तो खुद अखिलेश यादव चाहते होंगे और न ही उनकी पार्टी के सदस्य. बेहतर तो यही होगा कि वह अपने बयान से पलटी मार लें और अपनी समझ का परिचय दें.

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मशाहिद अब्बास मशाहिद अब्बास @masahid.abbas

लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं और समसामयिक मुद्दों पर लिखते हैं

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