अनलिमिटेड के जमाने में 20 हजार रुपए का फोन बिल, सिद्धारमैया जी ये तो धांधली है !
जहां एक ओर पूरे देश के लोगों के लिए मोबाइल बिल बेहद सस्ता हो गया, वहीं दूसरी ओर सिद्दारमैया सरकार के विधायकों का फोन बिल बढ़ गया. हैरानी होना तो जायज है, लेकिन सच यही है.
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एक वो दौर था जब मोबाइल फोन भी खरीदना महंगा था और उससे बात करना तो और भी महंगा था. लेकिन अब सब कुछ बदल गया है. सबसे बड़ा बदलाव आया सितंबर 2016 में, जब रिलायंस जियो ने टेलिकॉम के बाजार में एंट्री मारी. अनलिमिटेड मुफ्त कॉलिंग और डेटा के प्लान. फिर क्या था, हर कंपनी जियो की राह पर चल पड़ी और हजारों रुपए के बिल चंद सौ रुपयों में सिमट गए. जहां एक ओर पूरे देश के लोगों के लिए मोबाइल बिल बेहद सस्ता हो गया, वहीं दूसरी ओर सिद्दारमैया सरकार के विधायकों का फोन बिल बढ़ गया. हैरानी होना तो जायज है. जब पूरे देश के लोगों का बिल कम हुआ तो सिद्धारमैया सरकार में ऐसा क्यों नहीं हुआ?
सबके मोबाइल बिल कम हुए हैं, लेकिन सिद्धारमैया सरकार के विधायकों के मोबाइल बिल बढ़े हैं !
हर महीने आने लगा 20,000 रुपए का बिल?
2015 तक को हर महीने 15,000 रुपए का बिल आता था, लेकिन 2015 में ये बढ़कर 20,000 रुपए हो गया. पूरा देश जियो की धुन में झूम रहा था. कोई मुफ्त के जियो का फायदा उठा रहा था तो कोई अन्य कंपनियों के सस्ते हो चुके प्लान से रिचार्ज करा रहा था, लेकिन सिद्धारमैया सरकार के विधायक और पार्षद न जाने कौन सी टेलिकॉम कंपनी के सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे थे कि उनके फोन का बिल 20,000 रुपए प्रति महीना आ रहा था. एक आरटीआई कार्यकर्ता भीमप्पा गडड ने इसका खुलासा किया है और अब सिद्दारमैया सरकार सवालों के घेरे में फंस गई है.
ये धांधली नहीं तो और क्या है?
सिद्धारमैया सरकार ने विधायकों और पार्षदों के फोन बिल में 2013 से 2018 तक करीब 36 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. जिस दौर में महज 100 रुपए खर्च कर के महीने भर के लिए मुफ्त कॉलिंग मिल रही है, उसमें भी सरकार का अपने विधायकों और पार्षदों को 20,000 रुपए प्रति महीने का फोन बिल अलाउंस देना तो धांधली ही है. भले ही कोई भी नेटवर्क हो, लेकिन इतना बिल किसी भी कंपनी के प्लान में नहीं आता. चलिए इसका एक उदाहरण देखते हैं.
रिलायंस जियो- 799 रुपए का सबसे बड़ा मंथली प्लान, जिसमें अनलिमिटेड कॉलिंग और रोजाना 5 जीबी 4जी डेटा मिलेगा. डेटा खत्म होने के बाद स्पीड कम हो जाएगी, लेकिन डेटा रहेगा अनलिमिटेड.
वोडाफोन- 799 रुपए में ही कर्नाटक में वोडाफोन का मंथली प्लान भी मिल रहा है. इसमें अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ-साथ रोजाना 4.5 जीबी इंटरनेट डेटा मिल रहा है.
एयरटेल- अगर बात एयरटेल की करें तो इसमें भी आपको कर्नाटक में 799 रुपए में अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा महीने भर के लिए मिल रहा है. इसके तहत आपको रोजाना 4 जीबी इंटरनेट मिलता है.
आइडिया- कर्नाटक में आइडिया का प्लान थोड़ा महंगा है, जिसके तहत आपको 998 रुपए में 28 दिन के लिए अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा का फायदा मिलेगा. इसमें रोजाना 5 जीबी इंटरनेट डेटा मिलता है.
यानी अगर सबसे बड़ा प्लान भी लिया जाए तो वो 1000 रुपए तक मिल ही जाएगा. ऐसे में 20,000 रुपए देना, यानी हर महीने 19,000 रुपए अतिरिक्त. अगर मान लिया जाए कि जियो के आने से पहले प्लान महंगे थे और खर्च अधिक होता है, तो भी इस बात का क्या जवाब होगा कि जियो आने के बाद भी करीब डेढ़ साल तक इतना अधिक फोन अलाउंस क्यों दिया गया?
खैर, कर्नाटक सरकार के मंत्री बंदेप्पा काशेमपुर मानते हैं कि ये गलत है. उनका कहा है कि ये काफी पहले से चला आ रहा है और अब इसे बदलना चाहिए ताकि सरकार के पैसे बच सकें. वहीं दूसरी ओर, जब इस बारे में कर्नाटक सरकार के एक अन्य मंत्री आरवी देशपांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये सब लीगल है, इसमें कुछ भी गैर कानूनी नहीं है. एमएलए को तो एमपी से भी अधिक काम करने होते हैं.
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