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Updated: 08 फरवरी, 2018 06:25 PM
अशोक उपाध्याय
अशोक उपाध्याय
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फरवरी 07, 2018 राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा में धन्यवाद दिया. दोनों सदनों में करीब 2 घंटे 30 मिनट के उनके भाषण में उन्होंने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया. राज्यसभा में कांग्रेस पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने दिन लौटाने की मांग कर रहे कांग्रेस नेताओं को कौन से पुराने दिन चाहिए क्योंकि आजादी के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस को ही भंग करने के लिए कहा था.

उन्होंने कहा की "हमें महात्मा गांधी वाला भारत चाहिए. मुझे भी गांधी वाला भारत चाहिए, क्योंकि गांधी ने कहा था कि आजादी मिल चुकी है और अब कांग्रेस की कोई जरूरत नहीं है. कांग्रेस को बिखर जाना चाहिए. कांग्रेस मुक्त भारत मोदी का नहीं गांधी का विचार है. हम उन पद चिह्नों पर चलने का प्रयास कर रहे हैं. आप कहते हैं कि हमें तो वो वाला भारत चाहिए?''

नरेंद्र मोदी, भाजपा, कांग्रेस, महात्मा गांधी  प्रधानमंत्री अलग-अलग मंचों से लगातार कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते नजर आ रहे हैं

उनके कहने का मतलब ये था कि यदि वह कांग्रेस-मुक्त भारत की बात करते हैं तो इसके पीछे प्रेरणा महात्मा गांधी हैं. वो और उनकी पार्टी उसी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. अर्थात, उनका लक्ष्य है देश से कांग्रेस पार्टी की समाप्ति. पर इस भाषण से ठीक 17 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जनवरी 2018 को टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में कांग्रेस मुक्त भारत के बारे में विस्तार से बात की थी.

उन्होंने कहा था कि "हमारे देश में राजनीति की मुख्य धारा कांग्रेस रही है. मैं जब कांग्रेस मुक्त भारत की बात करता हूं तो ये संगठन, किसी पॉलिटिकल पार्टी तक सीमित नहीं रहता. कांग्रेस एक कल्चर के रूप में देश में फैला हुआ है. आजादी के पहले भी कांग्रेस का कल्चर था, जिसने जवानों को देश के लिए मरने-मिटने के लिए तैयार किया. आजादी के बाद जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचारी शिष्टाचार, धोखा देना, सत्ता को दबोचकर रखना राजनीतिक कल्चर का हिस्सा बन गए और इसकी मुख्यधारा कांग्रेस थी.

नरेंद्र मोदी, भाजपा, कांग्रेस, महात्मा गांधी  प्रधानमंत्री, गांधी के उस विचार को आगे ला रहे हैं जहां उन्होंने कांग्रेस को बिखर जाने की सलाह दी थी

कांग्रेस के लोग भी कहते हैं कि कांग्रेस एक सोच है. मैं उस सोच की ही बात करता हूं. मैं जब कांग्रेस मुक्त कहता हूं तो ये कहता हूं कि खुद कांग्रेस पार्टी भी कांग्रेस के कल्चर से मुक्त हो जाए. मैं उन बुराइयों से मुक्ति के पक्ष में हूं. देश की राजनीतिक दलों, उनके चरित्र और आने वाली पीढ़ियों को इससे बचाना होगा. कांग्रेस मुक्त भारत, केवल कांग्रेस पार्टी तक सीमित नहीं है. कांग्रेस मुक्त भारत शब्द कल्चर के लिए दिया, कांग्रेस को भी कांग्रेस मुक्त करना होगा. मैं कल्चर की बात कर रहा हूं."

संसद में प्रधानमंत्री का वक्तव्य एक राजनेता का बयान लग रहा था. जिसमे उनका लक्ष्य अपने मुख विपक्षी दल, यानी कांग्रेस, की समाप्ति लग रही थी. पर अपने टाइम्स नाउ के इंटरव्यू में वो दलगत राजनीत से ऊपर उठे हुए एक स्टेट्समैन की तरह नजर आ रहे थे. वो कह रहे थे की उनका लक्ष्य देश को जातिवाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार इत्यादि से मुक्ति दिलाना है.

प्रधान मंत्री मोदी ने 21 जनवरी 2018 को कांग्रेस कल्चर को ख़त्म करना चाहते थे पर फरवरी 07, 2018 को उन्होंने कांग्रेस को समाप्त करने की बात कही. क्या इसका मतलब ये है की कांग्रेस कल्चर के खिलाफ उनकी लड़ाई केवल 17 दिन के लिए थी?

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लेखक

अशोक उपाध्याय अशोक उपाध्याय @ashok.upadhyay.12

लेखक इंडिया टुडे चैनल में एडिटर हैं.

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