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Updated: 16 दिसम्बर, 2019 02:35 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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वीर सावरकर (Veer Savarkar) को कौन नहीं जानता. देश की आजादी में तो उनका योगदान था ही, देश की राजनीति में भी उनका अहम योगदान रहा है. और अब तो देश की राजनीति में पार्टियां उनके नाम को अपने-अपने तरीके से भुना रही हैं. भाजपा (BJP) वीर सावरकर को भारत रत्न देना चाहती है, तो कांग्रेस (Congress) इसके खिलाफ है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कहते हैं कि वह राहुल सावरकर नहीं हैं जो मांफी मांगेंगे, जबकि शिवसेना (Shivsena) कहती है कि सावरकर सबके आदर्श हैं और सभी को उनका सम्मान करना चाहिए. इसी बीच एनसीपी (NCP) के छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है, जो काफी हद कर संतुलित है, लेकिन इतनी भी संतुलित नहीं है कि उसका झुकाव समझ ना आए. खैर, महाराष्ट्र (Maharashtra) में हाल ही में एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन के साथ मिलकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाई है. अभी इस सरकार को चंद दिन ही हुए हैं कि विपक्ष की वो बात सच होती दिख रही है कि ये सरकार तीन पहियों वाली है, जिसके तीनों पहिए अलग-अलग दिशा में जाते हैं. कम से कम सावरकर पर तो महाराष्ट्र सरकार में तीन मत दिख ही रहे हैं.

Rahul Gandhi Savarkar jibe Shivsena NCPमहाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी वीर सावरकर को लेकर अलग-अलग मत रखती हैं.

क्या कहना है राहुल गांधी का?

झारखंड की एक रैली में राहुल गांधी ने बयान दिया था कि पहले मेक इन इंडिया था, अब रेप इन इंडिया हो गया है. रेप इन इंडिया के बयान पर मोदी सरकार ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और माफी मांगने तक की बात कह डाली. इस पर राहुल गांधी ने कह दिया कि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं है जो वह माफी मांगेंगे, वह राहुल गांधी हैं और सच बोलने पर कभी माफी नहीं मांगेंगे. बता दें कि कांग्रेस अक्सर भाजपा को ये कहकर निशाना बनाती रहती है कि वीर सावरकर ने अपनी जान बचाने के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी थी. उसी का संदर्भ लेते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि वह राहुल सावरकर नहीं, बल्कि राहुल गांधी हैं.

सावरकर को लेकर शिवसेना हुई कांग्रेस के खिलाफ

कांग्रेस हमेशा सावरकर के खिलाफ रहती है, जबकि शिवसेना हमेशा से उन्हें अपना आर्दश मानती रही है. गठबंधन की सरकार में होने के बावजूद शिवसेना ने राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. दे भी क्यों नहीं, आखिर इससे देश के करोड़ों लोगों की भावनाएं जो जुड़ी हैं. शिवसेना ने कहा है कि वीर सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं. नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अपनी जान दी है. ऐसे लोगों का सम्मान होना चाहिए और इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

एनसीपी का बयान संतुलित, लेकिन अटैकिंग

जहां एक ओर राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे आमने-सामने नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एनसीपी नेता छगन भुजबल ने सावरकर का जिक्र करते हुए राहुल गांधी का बचाव भी किया और भाजपा को आईना भी दिखाने की कोशिश की. भुजबल ने कहा कि बड़े लोगों के बारे में हर किसी के अपने विचार होते हैं. राहुल गांधी के भी सावरकर को लेकर अपने विचार हैं. उदाहरण देने के अंदाज में वह बोले कि सावरकर ने कहा था कि गाय हमारी माता नहीं है, लेकिन भाजपा कहती है कि गाय हमारी माता है. सावरकर के विचार ज्ञानवादी थे, लेकिन क्या भाजपा ये स्वीकार करेगी, वो नहीं करेगी.

महाराष्ट्र सरकार बनने से पहले भी ये बातें होती थीं कि तीन ऐसी पार्टियां साथ मिलकर सरकार बना रही हैं जो एक दूसरे की विरोधी विचारधारा की हैं. भाजपा भी यही कहकर इस गठबंधन की सरकार पर निशाना साधती रही है कि ये तीन पहियों की सरकार है. महाराष्ट्र में सावरकर पर तीनों पार्टियों के बयान तीन तरह के हैं. दरअसल, ये फर्क विचारधारा की वजह से है, जो एक दूसरे से खिलाफ है. ये वही विचारधारा है जिसकी बात इस गठबंधन की सरकार बनने से पहले भाजपा करती रहती थी. अब विचारधारा का टकराव सामने आने लगा है. ये देखना दिलचस्प रहेगा कि अपने-अपने वोट बैंक को बचाने में जुटी ये पार्टियां अपने गठबंधन को बचा पाती हैं या नहीं.

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