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Updated: 25 सितम्बर, 2018 05:30 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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ये कहानी थोड़ी पुरानी है, लेकिन इसे पढ़कर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी. यहां बात हो रही है ब्रिटेन के मैनचेस्टर में रहने वाली Naomi Jacobs की. हाल ही में उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड रेडियो को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी कहानी बताई है. वो कहानी, जिसमें उन्होंने टाइम ट्रैवल किया. नाओमी अपने भूतकाल में चली गई थीं और अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा भूल चुकी थीं. जब उन्हें सब कुछ याद आया तो उन्होंने इस पर एक किताब Forgotten Girl भी लिखी. तो चलिए जानते हैं उनकी कहानी.

नाओमी जैकब, याद्दाश्त, आपबीतीनाओमी अपने भूतकाल में चली गई थीं और अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा भूल चुकी थीं.

ये घटना 2008 की है, जब नाओमी 32 साल की थीं. एक सुबह जब उनकी आंखें खुलीं तो उनके सामने की हर चीज नई थी. यहां तक कि उनका खुद का शरीर भी. उनका चेहरा, कपड़े, कमरा, पर्दे, बिस्तर सब कुछ एक दम नया, जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. वह सोई तो थीं 32 साल की उम्र में, लेकिन जब वह जागीं तो महज 15 साल की छोटी बच्ची के दिमाग के साथ. काफी देर तक तो नाओमी यही सोचती रहीं कि यह सब कोई सपना है, जो जल्द ही टूट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

नाओमी को लग रहा था कि वह 1992 में जी रही हैं, जबकि वह 2008 में थीं. वह खुद को 15 साल की लड़की समझ रही थीं, जबकि उनकी उम्र 32 साल थी. दरअसल, उनकी पिछले डेढ़ दशक की याद्दाश्त खो चुकी थी. उन्हें 21 वीं सदी की हर चीज एक अजूबा लग रही थी. भले ही वह मोबाइल फोन हो या फिर दुनिया की और कोई चीज या भले ही उनका पहनावा क्यों ना हो. वो जिस युग में जी रही थीं, उसमें इंटरनेट, स्मार्टफोन, सोशल मीडिया सब कुछ था, लेकिन याद्दाश्त चली जाने की वजह से नाओमी के लिए यह सब सिर्फ एक अजूबा सा था.

सबसे मुश्किल वक्त ये था नाओमी के लिए

नाओमी के लिए सबसे मुश्किल वक्त वो था, जब उन्हें पता चला कि उनका 10 साल का एक बेटा भी है. जब वह 15 साल की थीं, तो एक पत्रकार और लेखक बनना चाहती थीं. वह एक बड़े घर में रहना चाहती थीं और पूरी दुनिया घूमना चाहती थीं. लेकिन हालात ये थे कि वह एक सिंगल पेरेंट थीं और अपने खर्चों तक के लिए सरकार पर निर्भर थीं. वह बेरोजगार थीं और मनोविज्ञान की पढ़ाई कर रही थीं. 15 साल की उम्र में तो उन्होंने यह सब सोचा भी नहीं था कि उनके साथ ऐसा होगा.

नाओमी जैकब, याद्दाश्त, आपबीतीनाओमी के लिए सबसे मुश्किल वक्त वो था, जब उन्हें पता चला कि उनका 10 साल का एक बेटा भी है.

उन्हें अपनी जिंदगी बोझ लगने लगी थी. नाओमी डॉक्टरों से भी मिलीं, लेकिन न तो किसी ने उनकी बात पर भरोसा किया ना ही उनकी मदद की. इसके बाद उन्होंने खुद ही पता लगाने का बीड़ा उठाया. उनकी बहन सिमोन और सबसे अच्छी दोस्त केटी ने बताया कि उनके आर्टिकल अखबारों में छपा करते थे, जो अखबार घर में जरूर होंगे. इसके बाद नाओमी ने उन अखबारों को तलाशना शुरू किया, जो बिस्तर के नीचे मिले. उन अखबारों में कई राज दफन थे, जिन्हें जानकर नाओमी हैरान रह गईं.

अखबार के पन्नों ने उजागर किए राज

अखबार के पन्ने पलटे तो पता चला कि नाओमी ड्रग्स का शिकार हो चुकी थीं. वह बेघर और दिवालिया हो गई थीं. उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर की दिक्त हो गई थी. जबकि इससे पहले उनके पास एक कामयाब बिजनेस था और घर था, जिसके बाद कुछ समस्याएं हुईं और सब कुछ खो गया. इससे भी बड़ा झटका नाओमी को ये पढ़कर लगा कि 6 साल की उम्र में उनका यौन शोषण हुआ था. उस बुरी याद को उन्होंने 6 साल की उम्र से 25 साल की उम्र तक छुपाया था, जिसके बारे में अब वह अखबार में पढ़ रही थीं. लेकिन अखबार के पन्ने भी नाओमी को सबकुछ नहीं बता सके. वह नहीं समझ पा रही थीं कि कैसे रातों-रात उनता दिमाग 32 साल की महिला से 15 साल की लड़की का हो गया.

वो सुबह राहत देने वाली थी

इस कशमकश में नाओमी जैसे-तैसे अपनी जिंदगी के दिन बिता ही रही थीं कि करीब 3 महीने बाद एक सुबह जब वह जागीं तो उनकी याद्दाश्त वापस आ चुकी थी. फिर नाओमी एक मनोचिकित्सक से मिलीं, जिसे अपनी पूरी आपबीती बताई. उस मनोचिकित्सक ने खुद भी रिसर्च की और सहयोगियों को भी इस बारे में बताया. इसके बात पता चला कि उन्हें डिसोसिएटिव एमनिजिया था. यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें अधिक तनाव की वजह से दिमाग पर झटका लगा था और वह अपनी जिंदगी का एक हिस्सा भूल चुकी थीं.

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