ननकाना साहब को 'मस्जिद' में बदल देने का नारा देने वाला आज हाथ जोड़ रहा है!
पाकिस्तान (Pakistan) में कट्टरपंथियों और गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच का तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जबरन धर्मांतरण, गैर मुस्लिम लड़कियों का अपहरण, फिर उनका निकाह कराना आम है. ननकाना साहब गुरुद्वारा (Nankana Sahib Gurudwara) पर हुए हमले ने इस मामले को बिल्कुल अलग स्तर पर पहुंचा दिया है.
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ननकाना साहब के एक गुरुद्वारे (Nankana Sahib Gurudwara) की ग्रंथी की बेटी के अपहरण से शुरू हुआ सिलसिला ननकाना साहब गुरुद्वारे पर हमले तक जा पहुंचा. पहले मोहम्मद हसन (Mohammed Hassan) नाम के हमलावर ने सिखों को मारने-चीरने और गुरुद्वारे को मस्जिद में बदलने की धमकी दी और अब वो हमलावर अपने किये पर माफी मांगता दिखाई दे रहा है. बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान (Pakistan) के ननकाना साहिब स्थित एक गुरुद्वारे पर हमला किया गया था. घटना के बारे में जिसने से भी सुना, उसने इसकी आलोचना ही की. भारत में भाजपा ने कांग्रेस पर इस वाकये के आधार पर हमला बोलते हुए कहा कि नागरिकता कानून यानी सीएए (CAA) ऐसे ही प्रताड़ित अल्पंसख्यकों को भारत की नागरिकता देगा, जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है. भारत ने गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद इमरान खान सरकार पर काफी दबाव भी बनाया. भारत के दबाव में पाकिस्तानी मोहम्मद हसन ने माफी तो मांग ली है, लेकिन सवाल ये है कि क्या इतनी ही कार्रवाई काफी है? इस्लाम का अपमान करने वाले पर ईशनिंदा कानून लग जाता है, तो क्या मोहम्मद हसन पर और कोई कार्रवाई नहीं होगी?
मोहम्मद हसन ने पहले तो सिखों की धमकी दी थी, अब हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं.
गुरुद्वारे को मस्जिद बनाने की दी थी धमकी
पाकिस्तान के ननकाना साहिब स्थित गुरुद्वारे पर हजारों मुस्लिमों की भीड़ जमा हुई थी और वहां मौजूद श्रद्धालुओं को घेर लिया था. इसी बीच मोहम्मद हसन नाम के एक शख्स ने सिखों के प्रति अपना गुस्सा दिखाते हुए धमकी दी थी कि वह गुरुद्वारे को मस्जिद में बदल देगा. उसका नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफा रखे जाने जैसे नारों के वीडियो वायरल होने लगे. सारे हमलावर ननकाना साहब से सिक्खों के खात्मे की कसम तक खा रहे थे.जब भारत सरकार ने ऐतराज जताया और दंगाइयों पर कार्रवाई की मांग की तो पाकिस्तान बहानेबाजी पर उतर आया, लेकिन मोहम्मद हसन के वीडियो सारा सच बयां कर रहे हैं.
Hear the video and feel the kind of terror minorities live with in PakistanMohammad Hassan openly threatens to destroy Nankana Sahib Gurdwara and build the mosque in that place@ImranKhanPTI is urged to take action against communal trend of hatred@TimesNow @ANI @ZeeNews pic.twitter.com/tN2xoE1INy
— Arti Mehra (@ArtiBJP) January 5, 2020
He is imran khan cousin "Islam is still alive & we will avenge"Local threaten to eliminate Sikhs At Gurudwara Nankana Sahib,Pakistan & rename it as Ghulam-E-Mustafa pic.twitter.com/e19zJlZNKj
— Lal Singh Chaddha ♥️ (@chaddha_lal) January 5, 2020
मोहम्मद हसन ने तो सिखों के खिलाफ अपने साथियों से गुरुद्वारे पर जमा होने की अपील भी की थी. यहां तक कि उसने सिखों को खुलेआम धमकी दी थी.
“Tasawwar Muneer, I am coming. DC, Nankana, I am coming. Sikhs, beware, I am coming. Gather all your strength, I am coming. Your fate will be frightening, Sikhs. There is no God except Allah,” shouts the man leading Muslim mob to attack Nankana Sahib.pic.twitter.com/GXUrUpOupt
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) January 4, 2020
अब माफी मांग रहा है हमलावर
भारत की ओर से मोहम्मद हसन के बयान पर आपत्ति जताने और गुरुद्वारे पर हमले की घटना पर कार्रवाई करने की मांग के बीच आज ननकाना साहब गुरुद्वारे पर हमला करने वाले शख्स ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो डाला है. इसमें वह माफी तो मांग रहा है, लेकिन साथ ही यह भी स्वीकार कर रहा है कि उसने गुरुद्वारे और सिखों के बारे में अपमानजनक बातें कहीं. उसने कहा है- 'दोस्तों जैसा कि आपने कल का वाक्या देखा था. मैं जज्बात में काफी सारी बातें कह गया, जिसमें सिखों के बारे में भी की, गुरुद्वारे के बारे में भी की. हमारा इरादा बिल्कुल भी नहीं था कि हम गुरुद्वारे को घेराव करेंगे या फिर पत्थरबाजी करेंगे. मैं जज्बात में काफी सारी बातें कर गया. अगर मेरी बातों से किसी का दिल दुखा हो, वह जिस जगह पर भी रहता हो, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि वो हमारे भाई थे, भाई हैं और आगे भी भाई रहेंगे. जैसे हम पहले इनकी इज्जत करते थे वैसे ही करेंगे, जैसे पहले इम इनके इबादतखाने की इज्जत करते थे वैसे ही करेंगे. अगर किसी को मेरे बयान से दिल दुखा हो तो मैं माफी मांगता हूं.'
Imran who uttered objectionable words against Sikhs yesterday apologises today for his misconduct . pic.twitter.com/cTmThmvSgR
— Kh khalid Farooq (@Kkf50) January 4, 2020
उस भीड़ का क्या, जिसने गुरुद्वारे को घेरा
सवाल इस हमलावर से ज्यादा उस भीड़ का है जो ननकाना साहब गुरुद्वारे को घेर कर खड़ी थी, जहां श्रद्धालु फंसे हुए थे. साथ ही सवाल पाकिस्तान सरकार के उस झूठ का भी है, जो यह मानने को तैयार ही नहीं है कि वहां सिखों के सबसे पवित्र स्थान को निशाना बनाया गया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे मुस्लिम समुदाय के दो गुटों की लड़ाई करार दे दिया. उसने तो ये तक कह दिया कि इस झगड़े का सिखों से कोई लेना-देना ही नहीं है. ये पाकिस्तान वही है जो एक ओर करतारपुर कॉरिडोर के बहाने खुद को दूसरे धर्मों के प्रति इज़्ज़त देने वाला बतलाता है, जबकि दूसरी ओर वह ननकाना साहब गुरुद्वारे पर हमले को लेकर झूठी कहानी गढ़ने लगता है. खैर, पाकिस्तान की हकीकत तो गुरुद्वारे के बाहर जमा भीड़ ही बयां कर रही है, जो सिखों को मारने पर उतारू थी.
Latest video from Nankana Sahib, Pakistan where a huge Muslim mob has gathered outside Sikh Gurudwara and continues to violently protest and throw stones at the Sikh holy shrine. Local reporters say Sikh community members stuck inside Gurudwara. Fear psychosis grips Sikhs in Pak. pic.twitter.com/moGAMf8fPE
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) January 3, 2020
एक सिख युवक की तो हत्या तक हो गई
ननकाना साहिब पर हमले को लेकर चल रही खींचतान के बीच पेशावर में एक सिख युवक की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी. रविंदर सिंह नाम का ये शख्स हाल ही में मलेशिया से पाकिस्तान शादी करने के लिए लौटा था. वह शख्स खैबर पख्तूनख्वां प्रांत के शांगला जिले का रहने वाला था और पेशावर में अपनी शादी के लिए ही खरीददारी करने गया हुआ था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि सिख समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर हत्याएं की जा रही हैं. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की छानबीन की जा रही है.
शादी करने के लिए मलेशिया से पाकिस्तान लौटे रविंदर नाम के सिख युवक की हत्या कर दी गई है.
जिस तरह का वाकया ननकाना साहब गुरुद्वारे पर हुआ है, यदि वैसा ही किसी मस्जिद को लेकर होता. कोई अन्य धर्मावलंबी किसी मस्जिद के बारे में ऐसी बात करता तो शायद पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून अब तक उपयोग में लाया जा चुका होता. यदि पाकिस्तान सरकार में जरा भी शर्म है, तो उसे ननकाना साहब गुरुद्वारे पर हमला करने वाले शख्स पर अपने ईशनिंदा कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन फिर सवाल वही, क्या पाकिस्तान से ईमानदारी की उम्मीद की जा सकती है?
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