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Updated: 20 फरवरी, 2015 04:51 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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ये दुनिया का दस्तूर है. यहां तमाम चीजें गुमनाम रह जाती हैं. लेकिन इसी दुनिया में दो सूट ऐसे बने जो गर्व के साथ कह सके- देखो, जरा गौर से देखो. मेरे बदन पर मेरे मालिक का नाम लिखा है. इनमें से एक सूट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिखा था और दूसरे पर मिस्र के तानाशाह होस्नी मुबारक का.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात के एक बिजनेसमैन ने उनके नाम वाला सूट तोहफे में दिया था जिसे उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के वक्त पहना था. उस वक्त हर आम-ओ-खास ने मोदी के सूट पर कुछ न कुछ कमेंट किया. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तो इसे दस लखा 'मेड इन यूके' सूट करार दिया तो उन्हीं की पार्टी के अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्विटर पर लिखा, "पाकिस्तानी बहुत इतराते थे हिना रब्बानी के महंगे परिधानों पर. अब आओ करो मुकाबला हमारे परिधानमंत्री मोदी जी से. अपने परिधानों पर अपना नाम गोदवाने वाले परिधानमंत्री जी का अगला कदम होगा अपनी कार पर 'प्रधानमंत्री भारत सरकार' लिखवाना.'

सूरत में सूट की नीलामी के वक्त भी सोशल मीडिया पर लोगों ने टिप्पणियां की. पेश हैं #‎modisuit हैशटैग वाली कुछ खास टिप्पणियां - फेसबुक पर प्रमोद अग्रवाल की पोस्ट है, "कांग्रेस ने मोदी के सूट की नीलामी पर विरोध जताया है, उनका कहना हैं कि मोदी को सूट नहीं बेचना चाहिए था. बेचना था तो हमारी तरह देश बेचते."

सूट की नीलामी पर राकेश प्रजापत लिखते हैं, "पहना सूट हजार का. बताया लाख का. बेचा करोड़ में. ई गुजरात ना छोरा बड़ो सयानो सा."इसी तरह हरीश रहांगदले लिखते हैं, "राजनीति इतनी आसान नहीं है. बड़े बड़ों के कपड़े उतर जाते हैं."

फेसबुक पर ही जॉली नितिन कुमार ने एक चुटकुला पोस्ट किया है. पत्रकार - मोदी जी क्या सूट के पैसे से गंगा साफ़ हो पायेगी? मोदी - जब सूट के चक्कर में दिल्ली से भाजपा साफ हो गयी ये 'गंगा" क्या चीज है !मोदी के सूट की नीलामी पर शक्ति वर्मा को अपने दोस्त की याद आ जाती है. वो लिखते हैं, "मोदी जी का सूट करोड़ो में बिक रहा है और और मेरा दोस्त है जो सालों पहले शादी की शेरवानी OLX पर डाल के बैठा है खरीदने वाले की मिसकॉल के इंतज़ार में!"

रूपेश गुप्ता की टिप्पणी है, "ऐसा पहली बार हो रहा है कि ऐतिहासिक चीज़ की जगह ऐतिहासिक हार दिलाने वाले सूट की नीलामी से करोड़ों रुपये कमा लिए गए."रूपेश की ही एक और टिप्पणी है, "हारा हुआ सूट सवा करोड़ का तो जीता हुआ मफलर कितने का?"

गहरे नीले रंग के सूट की सुनहरी धारियां नरेंद्र दामोदर दास मोदी का दो करोड़ से भी ज्यादा बार जप कर चुकी हैं. बस इंतजार है सांझ ढलने का. फिर कोई करोड़-करोड़पति कहेगा - ये सूट कभी उसका था जिसका इस पर नाम लिखा है. आखिर नाम में ही तो सब कुछ है.

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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