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Updated: 28 जुलाई, 2018 03:58 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
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महाराष्ट्र में भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. जहां एक तरफ इसका सबसे पुराना सहयोगी दल शिवसेना इससे नाराज चल रही है और 2019 की लोकसभा चुनाव इससे अलग होकर लड़ने का ऐलान कर चुकी है, तो दूसरी तरफ मराठा आरक्षण आंदोलन ने भी इसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यही नहीं शिवसेना ने मराठा आरक्षण का समर्थन भी किया है. मराठा समुदाय ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया. कई जगह वाहनों में भी आग लगा दी.

वैसे तो मराठों के आरक्षण का मांग काफी पुरानी है लेकिन इस बार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा 72 हजार सरकारी नौकरियों में भर्ती के मामले ने आग में घी डालने का काम किया. साल 2014 के अंत में प्रदेश के कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार ने मराठों के लिए 16 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था जिससे वहां आरक्षण की सीमा 51 फीसदी हो गई थी जिसे बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. इस बार मराठा आंदोलनकारियों की मांग है कि सरकार ऐसा कानून बनाए जिसे कोर्ट निरस्त न कर पाए.

maratha-bjp-650_072518042221.jpgमराठा आंदोलन से भाजपा को नुक्सान उठाना पड़ सकता है

लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के 50 फीसदी से ज़्यादा आरक्षण की सीमा को कैसे दरकिनार कर सकती है? सरकार के सामने चुनौती ये भी है कि प्रदेश के 288 सीटों वाली विधानसभा में मराठों का वोट करीब 80 सीटों पर निर्णायक है उसकी अनदेखी कैसे करें? क्या महाराष्ट्र सरकार ओबीसी के लिए तय 27 फीसदी कोटे में ही मराठों को शामिल करके इस आंदोलन को शांत कर सकती है? अगर ऐसा होता है तो क्या राज्य में एक अलग ओबीसी आंदोलन शुरू नहीं हो जाएगा?

मराठा समुदाय महाराष्ट्र में कितना प्रभावशाली है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले चुनाव में 107 मराठा विधायक चुनकर विधानसभा में आये थे ऐसे में आने वाले चुनावों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अभी तक 17 मुख्यमंत्रियों में से 10 मराठा समुदाय से ही बने हैं. दूसरा कारण इन आंदोलन के पीछे देवेंद्र फडणवीस का ब्राह्मण समुदाय से आना भी बताया जाता है जिसके कारण प्रदेश के मराठा नेताओं को ये बात सताती है.

खैर इन आरक्षण आंदोलन के पीछे कारण चाहे जो भी हो इतना तो तय है कि 2019 में होने वाले लोकसभा और प्रदेश की विधानसभा चुनावों में ये भाजपा की मुश्किलें जटिल ही करेंगे.

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अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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