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Updated: 06 मई, 2021 04:45 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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अपनी सादगी से लोगों का दिल जीतने वाली ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata banerjee) तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुकी हैं. ‘दीदी’ (CM Mamata Banerjee takes oath) का एक आम मनुष्य की तरह जीवन (Mamata banerjee lifestyle) बिताना ही उन्हें दूसरों से अलग बनाता है. पश्चिम बंगाल में (Bengal assembly election 2021) चुनावी बिगुल के बीच दीदी का ‘खेला होबे’ टैगलाइन बन गया और वे एक बेहतर खिलाड़ी के रूप में सामने आईं.

Mamata Banerjee, ममता बनर्जी, West Bengal CMसीएम पद पर रहते हुए भी ममता दीदी को कभी श्रृंगार और गहने पहने हुए नहीं देखा गया

साधारण बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्मीं सीएम ममता बनर्जी (Mamata banerjee news) को खाने में फूला हुआ चावल, चॉकलेट, चाय, मुरमुरे और आलू के पकोड़े (Mamata banerjee favourote food) पसंद हैं. कई मौकों पर तो वे खुद खाना बनाती हैं. अपने इसी अंदाज की वजह से ही वह लोगों के बीच लोकप्रिय हैं. 

ममता बनर्जी (Mamata banerjee west bengal election result) का सादा जीवन लोगों को खूब पसंद आता है. सीएम पद पर रहते हुए भी ममता दीदी (Mamata banerjee simple life) को कभी श्रृंगार और गहने पहने हुए नहीं देखा गया. उनकी सूती साड़ी और हवाई चप्पल की चर्चा अक्सर होती रहती है.

वहीं एक इंटरव्यू में ममता बनर्जी (Mamata didi) ने कहा था कि पिछले सात सालों से उन्होंने पेंशन (Mamata banerjee salary) नहीं ली, जबकि वे पूर्व सांसद और मंत्री रहने के चलते पेंशन की हकदार हैं. इसके साथ ही वे सीएम को मिलने वाली सैलरी (Mamata banerjee Property) भी नहीं लेती हैं. ऐसा वह इसलिए करती हैं ताकि सरकार के लाखों रुपये बचा सकें और यह उनका तरीका है.

ममता दीदी (Mamata didi) ने यह भी बताया था कि वह हवाई सफर भी इकोनॉमी क्लास में करती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं अगर उन्हें कभी सरकारी गेस्ट हाउस भी रुकना पड़ता है तो इसका खर्चा वे खुद उठाती हैं. यहां तक कि वे चाय भी अपने खुद के पैसे से पीती हैं.

तो अब सवाल यह है कि खर्च चलता कैसे है?

ममता दीदी ने बताया कि उनकी 80 से ज्यादा किताबें छप चुकी हैं. इनमें से कुछ बेस्ट सेलर भी हैं. इसके अलावा ममता दीदी गानों के बोल भी लिखती हैं. जिसके लिए म्यूजिक कंपनी उन्हें एक साल में लगभग तीन लाख (Mamata didi income source) रुपये देती है. वहीं किताबों की रॉयल्टी (Mamata benerjee books) से उन्हें सालाना करीब 10 लाख रुपए की इनकम हो जाती है. इन्हीं पैसों से उनका खर्चा चलता है. वह कहती हैं कि अकेले इंसान (Mamata benerjee family) के खर्चे के लिए इतना पैसा काफी है.

शायद आपने भी सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी की पेंटिंग (Mamata benerjee painting) करती हुईं तस्वीरें देखी होंगी, जो अक्सर वायरल होती रहती हैं. ममता दीदी को पेंटिंग का शौक है और वे एक कुशल पेंटर हैं. इस बारे में ममता दीदी (Mamata benerjee latest news)  कहती हैं, कि वह पेंटिंग को कभी भी अपने कमाई का जरिया नहीं बनाती. इनसे जो भी इनकम होती है वे दान कर देती हैं. तो अब आपको समझ आ गया होगा कि लोगों ने तीसरी बार ममता दीदी पर भरोसा क्या जताया है...

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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