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Updated: 16 नवम्बर, 2018 06:23 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा और कांग्रेस में तगड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. दोनों ही पार्टियां लोगों को लुभाने में लगी हुई हैं. इसी बीच कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें एक से बढ़कर एक लुभावने वादे किए हैं. इस मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने एक ऐसी बात कह दी है, जिसे लेकर विवाद तक खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने लिखा है- 'अगर वह सत्ता में आती है तो शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे और शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्‍त करेंगे.' यूं तो इसे लेकर संघ को नाराज होना चाहिए, लेकिन अगर संघ कांग्रेस का पूरा मेनिफेस्टो देख ले, तो शायद वह नाराज होने के बजाय खुश ही होगा.

मध्य प्रदेश चुनाव, कांग्रेस, आरएसएस, भाजपाअगर संघ कांग्रेस का पूरा मेनिफेस्टो देख ले, तो शायद वह नाराज होने के बजाय खुश ही होगा.

संघ को लेकर भिड़े भाजपा-कांग्रेस

कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में संघ को लेकर जो कहा है, उस पर भाजपा और कांग्रेस आप में भिड़ गए हैं. जहां कांग्रेस दावा कर रही है कि सत्ता में आने पर वह संघ की शाखाएं शासकीय परिसरों में लगाने पर बैन लगा देगी, वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान ने खुले तौर पर कह दिया है कि शाखाएं लगती रहेंगी, कोई रोक नहीं सकता. भाजपा के अन्य नेताओं की ओर से भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है. कैलाश विजयवर्गीय ने तो कांग्रेस के मेनिफेस्टो के उस हिस्से की तस्वीर तक सोशल मीडिया पर डाल दी है, जिसमें कांग्रेस ने संघ के खिलाफ टिप्पणी की है.

भाजपा की ओर से कांग्रेस पर वार करते हुए कहा गया है कि संघ पर बैन लगाने की बात गलत लिखी है. इसे लेकर कांग्रेस पर खूब हमले भी हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, कमलनाथ ने सफाई देते हुए कहा है कि बैन संघ पर नहीं, बल्कि संघ की शाखाएं शासकीय परिसर में लगाने पर लगाए जाने की बात कही गई है. संघ पर बैन नहीं लगेगा.

कांग्रेस के ये वादे संघ को खुश कर देंगे

संघ का मुख्य एजेंडा है हिंदुत्व की रक्षा और प्रचार-प्रसार. संघ आयोध्या में राम मंदिर निर्माण और गाय की रक्षा करना चाहता है और कांग्रेस भी मेनिफेस्टो में कुछ ऐसी ही बातें कहती दिख रही है. मेनिफेस्टो में गाय, भगवान राम, मंदिर और पुजारी का खूब उल्लेख किया गया है. अब भले ही कांग्रेस ने ये वादे सिर्फ अपने वोटर्स को लुभाने के लिए किए हों, लेकिन अनजाने में कांग्रेस वो सब कर रही है, जो संघ करना चाहता है. अब चलिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो की कुछ घोषणाओं पर नजर डालते हैं, जो हिंदुत्व की ही बात कर रही हैं-

1- प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोलेंगे और चिन्हित क्षेत्रों में गौ अभ्‍यारण्‍य बनाएंगे,

2- गौ शाला में गोबर खाद, कण्‍डा और गौमूत्र के साथ-साथ अन्‍य वस्‍तुओं का व्‍यावसायिक स्‍तर पर उत्‍पादन कराएंगे.

3- मुख्य मार्गों पर गौवंश के संरक्षण एवं देखभाल के लिए अस्‍थायी शिविर की व्यवस्‍था, दुर्घटना में घायल गायों का उपचार एवं मृत गायों के अंतिम संस्‍कार की व्यवस्‍था करेंगे.

4- गौ संरक्षण अधिनियम को लागू किया जाएगा और इस अधिनियम में विवादित धाराओं के संशोधन की अनुशंसा की जाएगी.

5- गायों को चराने के लिए गौचर भूमि की उपलब्‍धता सुनिश्चित कराएंगे.

6- तीर्थ दर्शन योजना में अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़े ऐतिहासिक स्‍थलों को जोड़ेंगे.

7- पुजारी एवं अन्‍य धर्म के पूजा से जुड़े लोगों का मानदेय बढ़ाएंगे.

8- चित्रकूट से शुरू होने वाली राम पथ गमन का प्रदेश सीमा तक निर्माण करेंगे. - मां नर्मदा न्‍यास अधिनियम लाएंगे. परिक्रमा पथ और हर 15 किलोमीटर पर विश्राम स्थल बनाएंगे. घाटों का विकास करेंगे.

अब अगर मेनिफेस्टो की इन घोषणाएं को देखें तो कांग्रेस वही काम करने का दावा करती नजर आ रही है, जो संघ करना चाहता है. गाय की रक्षा और उसका ध्यान तो कांग्रेस रखेगी ही, भगवान राम के नाम पर राम पथ गमन का सीमा तक निर्माण भी कराएगी. पुजारियों को मिलने वाली सैलरी भी बढ़ाएगी. खैर, कांग्रेस ने भले ही सिर्फ वोटर्स को लुभाने के लिए अपने घोषणा पत्र में वादे किए हों, लेकिन इनका सीधा फायदा संघ को हो रहा है. हां, वो बात अलग है कि संघ की शाखाओं पर कांग्रेस ने जो बात लिखी है, उससे भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया है.

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