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Updated: 10 फरवरी, 2019 02:26 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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विधानसभा चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने हिंदुत्व और गाय की बात करनी शुरू कर दी थी. अपने घोषणा पत्र में भी कांग्रेस ने गाय को लेकर कई वादे किए थे. इन सब का फायदा भी हुआ और 15 सालों के बाद कांग्रेस को वापस सत्ता में लौटने का मौका मिला. जिन वादों के चलते कमलनाथ मध्य प्रदेश की सत्ता तक पहुंचे, अब वह उन्हीं पर अमल करते हुए से लग रहे हैं. ताजा मामला है गौहत्या पर रासुका लगाने का. जी हां, रासुका... यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, जो देशद्रोह के जैसा होता है. इसके तहत बिना कोई वजह बताए भी किसी शख्स को 15 दिनों तक हिरासत में रखा जा सकता है. वजह बताने के बाद भी व्यक्ति को साल भर तक हिरासत में रखा जा सकता है

मध्य प्रदेश के खड़वा जिले में तीन आरोपियों के खिलाफ गौहत्या के मामले में रासुका लगाई गई है. ये मामला बेहद अहम इसलिए है क्योंकि इस तरह की कार्रवाई अभी तक सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में हो रही थी. ये पहली बार है जब किसी कांग्रेस शासित राज्य ने ऐसी कार्रवाई की है. इस फैसले से एक बात तो साफ हो जाती है कि भले ही मध्य प्रदेश में कमल नहीं खिल सका, लेकिन कमलनाथ का भगवा तेजी से छा रहा है. बताया जा रहा है कि गोवध के आरोपियों पर रासुका इसलिए लगाई गई है, क्योंकि उनमें से एक पहले भी यह अपराध कर चुका है. रासुका के अलावा भी कमलनाथ ने कई ऐसे काम किए हैं, जो हिंदू वोटबैंक को लुभाने के लिए काफी हैं.

कमलनाथ, भगवा, मध्य प्रदेश, हिंदुत्वकमलनाथ ने एक के बाद कई ऐसे काम किए हैं, जिनसे हिंदू वोटबैंक बेहद खुश होगा!

1000 गौशालाओं का निर्माण

सिर्फ गोवध पर रासुका लगाना ही एक कदम नहीं है, जो मध्य प्रदेश में भगवा छाने का इशारा कर रहा है. चुनाव से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा. पिछले दिनों इस मामले को लेकर कैबिनेट की एक बैठक हुई. इस बैठक में यह फैसला किया गया है कि चार महीने में एक हजार गौशालाओं का निर्माण किया जाएगा. 1000 गौशालाएं खुल जाने के बाद इन्हें बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा.

पुजारियों की भर्ती के लिए नियम

मध्य प्रदेश में पहली बार सरकारी स्तर पर पुजारियों की नियुक्ति के लिए नियम बनाए गए हैं. हिंदुत्व की ओर कमलनाथ का ये अगला कदम है, जो उनके चुनावी वादों में शामिल था. आइए जानते हैं क्या हैं नए नियम-

- वंश परंपरा और गुरु-शिष्य परंपरा को प्राथमिकता दी जाएगी.

- कम से कम आठवीं पास होना जरूरी.

- 18 वर्ष की उम्र और स्वस्थ होना जरूरी.

- पूजा विधि से जुड़ी एक परीक्षा पास करनी होगी, जिससे पूजा विधि का ज्ञान पता चलेगा.

- शुद्ध शाकाहारी होना जरूरी है.

- जो मदिरापान करता हो, मांसाहारी हो या फिर आपराधिक चरित्र का हो, वह पुजारी नहीं बन सकता है.

पुजारियों का मानदेय बढ़ाया

चुनावी वादों में पुजारियों की भर्ती के लिए न सिर्फ नियम बनाने की बात थी, बल्कि उन्हें मिलने वाला मानदेय भी बढ़ाए जाने का वादा किया गया था. पिछले दिनों कमलनाथ सरकार ने पुजारियों के मानदेय को तीन गुना तक बढ़ा दिया है. अभी तक पुजारियों के 1000 रुपए मानदेय दिया जाता था, जो अब 3000 रुपए हो चुका है.

बुजुर्गों को कुंभ भेजना

गाय-गौशाला के अलावा कमलनाथ ने हाल ही में एक और हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए घोषणा की है कि 12 फरवरी से मध्य प्रदेश के बुजुर्गों को प्रयागराज में चल रहे कुंभ तक की यात्रा करवाई जाएगी. प्रदेश के बुजुर्गों को स्पेशल ट्रेन से ले जाया जाएगा, जिसे 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना' का नाम दिया गया है. इस योजना के तहत करीब 3600 यात्रियों को कुंभ यात्रा कराने की योजना है. ये 5 दिनों की यात्रा होगी, जिसमें खाना, चाय-नाश्ता, रुकना और तीर्थस्थल तक ले जाने और वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था सब कुछ सरकार करेगी. बुजुर्गों के हर जत्थे के साथ प्रशिक्षित गाइड होंगे. हर ट्रेन में सुरक्षा के लिहाज से 10-10 सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे.

जो मुद्दे परंपरागत तौर पर भाजपा के माने जाते थे, उन्हीं के दम पर मध्य प्रदेश में अब कांग्रेस सत्ता की सीढ़ियां चढ़ रही है. कांग्रेस ने गाय-गौशाला और पुजारियों से जुड़ी कई अहम घोषणाएं तो कर ही दीं, साथ ही प्रयागराज में चल रहे कुंभ के जरिए भी हिंदू कार्ड खेला है. जिन्हें अब तक भाजपा के वोटबैंक की तरह देखा जाता था, उनमें अब कांग्रेस ने सेंध मार दी है. इसी का नतीजा है कि 15 सालों से मध्य प्रदेश सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार इस बार हुए विधानसभा चुनावों में अपनी कुर्सी नहीं बचा सकी. जब यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गौहत्या पर रासुका लगाई थी, तो यूं लगा था मानो भाजपा सरकार के अलावा इतना सख्त कदम और कोई नहीं उठा सकता है, लेकिन अब कमलनाथ ने यही कदम उठाकर हिंदू वोटबैंक को खुश कर दिया है.

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